एक ओर विज्ञान, तकनीक और वैश्वीकरण की चमक है, तो दूसरी ओर गहराता अस्तित्व का संकट। वर्ष 2025 को लेकर दुनियाभर के भविष्यवक्ताओं, ज्योतिषियों और संतों ने जो चेतावनियाँ दी हैं, जोकि सिद्ध होती नज़र आ रहीं हैं। बाबा वेंगा से लेकर नास्त्रेदमस, फ्लोरेंस से लेकर भविष्य मालिका पुराण तक, सभी एक संभावित ‘प्रलय’ की ओर इशारा कर रहे हैं।
लेकिन सवाल यह है- क्या यह सब टल सकता है? और अगर हां, तो कैसे?
बाबा वेंगा: युद्ध, महामारी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से विनाश।
बाबा वेंगा, जिनकी कई भविष्यवाणियाँ सत्य सिद्ध हो चुकी हैं। कोरोना महामारी को लेकर भी बाबा ने भविष्यवाणी की थी; जिसका परिणाम सम्पूर्ण विश्व ने महसूस किया।
बाबा वेंगा को बाल्कन का नास्त्रेदमस भी कहा जाता है, आइए जानते हैं बाबा की 2025 के विषय में भविष्यवाणियां जो समूचे विश्व को भयभीत कर रहीं हैं। बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी की है कि 2025 में यूरोप में एक बड़ा संघर्ष छिड़ेगा, जिससे महाद्वीप की आबादी में बड़ा प्रभाव पड़ेगा। जिसकी चपेट में धीरे-धीरे पूरा विश्व आ जाएगा; यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो सकता है। बाबा वेंगा के द्वारा 2025 में मानव सभ्यता के अंत का प्रारंभ होगा।
बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी के द्वारा 2025 में जापान और म्यांमार जैसे एशियाई देशों में भीषण प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी दी थी। विशेष रूप से, म्यांमार और थाईलैंड में 28 मार्च 2025 को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप को उनकी भविष्यवाणी से जोड़ा जा रहा है।
बाबा वेंगा ने बताया है कि 2028-2029 में दुनिया में भारी भुखमरी के आसार हैं। इन सभी भविष्यवाणियों से लोग डरे हुए हैं।
नास्त्रेदमस: सत्ता का पतन और धार्मिक संघर्ष
नास्त्रेदमस को विश्व सर्वोच्च भविष्यवक्ता के रूप में जनता है। नास्त्रेदमस ने भी 2025 के लिए कई भविष्यवाणियां की हैं।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में बताया है कि 2025 में तृतीय विश्व युद्ध की स्थिति बनेगी, जिससे तबाही मचेगी, यूरोप में विनाशकारी संघर्ष होगा। नास्त्रेदमस ने 2025 में प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भूकंप और बाढ़ की भविष्यवाणी भी की है।
नास्त्रेदमस ने बताया है भारत से एक संत उभर कर आएंगे, जो दुनिया पर छा जाएंगे और आदि सनातन धर्म का प्रचार करेंगे।
भविष्य मालिका पुराण: प्रकृति की खुली चेतावनी
हिंदू शास्त्र “भविष्य मालिका पुराण” की भविष्यवाणियाँ आधुनिक वैज्ञानिक चेतावनियों से मेल खाती हैं। इस ग्रंथ में आने वाले समय के लिए 30 से अधिक संकेत दिए गए हैं, जिनमें से कुछ यहां शामिल किए जा रहे हैं:
1. असमय फूल-फल आना, मौसम का बिगड़ना।
2. खेतों में अन्न की कमी, कीटों का प्रकोप।
3. नदियों में बाढ़, पर्वतों से भूस्खलन।
4. 64 प्रकार की महामारियाँ, जिनमें अज्ञात बीमारियाँ भी शामिल।
5. दिन में कोहरा, सूर्य की 10 गुना तीव्र किरणें।
6. बार-बार तूफान, चक्रवात, और समुद्र की लहरें तटों को लांघेंगी।
7. हर माह पृथ्वी पर कोई न कोई प्राकृतिक आपदा। आदि।
संकट की घड़ी में एकमात्र आशा – संत रामपाल जी महाराज
जैसे-जैसे हम वर्ष 2025 की दहलीज़ पर खड़े हैं, दुनिया भय, संशय और विनाश की आशंकाओं से घिरी हुई है। बाबा वेंगा ने जहाँ तीसरे विश्वयुद्ध, महामारी और प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी दी है, वहीं नास्त्रेदमस ने सत्ता के पतन और धार्मिक संघर्ष की भविष्यवाणी की है। भविष्य मालिका पुराण और अन्य शास्त्रों ने भी प्रकृति के कोप और मानवता के पतन की गूंज पहले ही सुना दी है।
लेकिन क्या यह सब टल सकता है? क्या मानवता को इस अंधकारमय भविष्य से कोई बचा सकता है?
जी, बचा सकते हैं- और उस आशा का नाम है: तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
विश्व के अनेक प्रमुख भविष्यवक्ताओं — इंग्लैंड के कीरो, अमेरिका की जीन डिक्सन, फ्रांस के नास्त्रेदमस, इजराइल के प्रो. हरार, और नार्वे के आनन्दाचार्य आदि सभी ने एक समान संकेत दिए हैं:
“भारत से एक दिव्य पुरुष उठेगा, जो नई आध्यात्मिक सभ्यता की नींव रखेगा, जो मानवता को युद्ध, हिंसा, पाखंड और अधर्म से मुक्त करेगा।”
इन सभी भविष्यवाणियों का सार यही है कि 21वीं सदी की शुरुआत में भारत से एक महापुरुष प्रकट होंगे, जो न केवल धर्म का सच्चा ज्ञान देंगे बल्कि सम्पूर्ण विश्व को एकता, भाईचारा और शांति के सूत्र में बाँधेंगे। ये भविष्यवाणियाँ जिस “महान आध्यात्मिक पुरुष” की बात कर रही हैं, वह कोई और नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज हैं।
क्या संत रामपाल जी ही हैं भविष्यवाणियों अनुसार महापुरुष?
संत रामपाल जी महाराज ने वेद, गीता, पुराण, बाइबल, कुरान और गुरु ग्रंथ साहिब का तुलनात्मक अध्ययन कर यह सिद्ध कर दिया है कि सम्पूर्ण धर्मों का सार एक ही है – और वह है सतभक्ति।
उन्होंने बताया कि आज का धर्म, व्यापार और अंधविश्वास का अड्डा बन चुका है। उन्होंने सतगुरु कबीर साहेब जी के वास्तविक ज्ञान को प्रकट कर पूरी दुनिया को एक नई दिशा दी है। आज उनके अनुयायियों में हर जाति, धर्म, वर्ग और राष्ट्र के लोग सम्मिलित हैं – वे किसी मज़हब के खिलाफ नहीं बल्कि पाखंड के खिलाफ हैं। वे कोई नया धर्म नहीं, बल्कि वही सनातन तत्वज्ञान दे रहे हैं जो कबीर साहेब जी ने दिया था।
संत रामपाल जी के नेतृत्व में संभव है एक नई आध्यात्मिक सभ्यता का जन्म
संत रामपाल जी ने स्पष्ट किया है कि यह संसार किसी नाभिकीय शक्ति, कृत्रिम बुद्धिमत्ता या भूंकप से नहीं, बल्कि पाखंड और अज्ञानता से नष्ट होगा और इससे बचने का एकमात्र उपाय है, सतगुरु द्वारा दी गई सच्ची भक्ति, जो हमें न केवल इस लोक में सुख देती है बल्कि परलोक (मोक्ष) का रास्ता भी दिखाती है। आज संत रामपालजी महाराज जी के शिष्य एक सभ्य समाज तैयार कर रहे हैं; उनके अनुयायी किसी भी प्रकार का कोई नशा, दहेज, चोरी, ज़ारी या अन्य बुराइयों में लिप्त नहीं है।
आज वही समय है…
इतिहास साक्षी है कि जब-जब पृथ्वी पर पाप का घना अंधकार छाया, तब-तब किसी न किसी रूप में ईश्वर ने आकर मानवता का मार्गदर्शन किया। लेकिन विडंबना यह है कि हर युग में लोगों ने जीवित संतों का विरोध किया और मृत्यु के बाद उनकी मूर्तियाँ बनाकर पूजा करते रहे; आज भी वही हो रहा है। लेकिन अब समय है जागने का, सत्संग सुनने का, प्रमाणिक ज्ञान को परखने का, और जीवन को सही दिशा देने का।
क्या आप तैयार हैं?
आज भी देर नहीं हुई है। यदि आज हम संत रामपाल जी महाराज के बताए सत्यज्ञान को स्वीकार कर लें, तो न तो तीसरा विश्व युद्ध होगा, न महामारियाँ फैलेंगी, न ही भूखमरी या प्रलय होगी। बल्कि यह पृथ्वी फिर से एक नव-संस्कृति, नव-धर्म और सतयुग की ओर बढ़ेगी- जैसा कि सभी भविष्यवक्ताओं ने पहले ही घोषणा की है।
वह संत आ चुके हैं- अब आपकी बारी है उन्हें पहचानने की; पहचानिए, समझिए, और उनके बताए मार्ग पर चलकर अपने साथ-साथ पूरे विश्व को बचाइए। यही एकमात्र उपाय है, इन भविष्यवाणियों को टालने का। यह कोई कल्पना नहीं, यह सत्य है। कृपया स्वयं जांचें- संत रामपाल जी महाराज का सत्संग यूट्यूब चैनल पर सुनें और फिर निर्णय लें; क्योंकि यह अवसर बार-बार नहीं मिलेगा।
FAQs क्या आने वाला समय भयावह होगा या सुख, शांति और समृद्धि स्थापित करेगा
प्रश्न 1: बाबा वेंगा ने 2025 के लिए कौन-कौन सी प्रमुख चेतावनियाँ दी हैं?
उत्तर: बाबा वेंगा ने 2025 में यूरोप में बड़े युद्ध, जापान व म्यांमार में प्राकृतिक आपदाएँ, और भविष्य में वैश्विक भुखमरी जैसी घटनाओं की चेतावनी दी है। उन्होंने इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत माना है।
प्रश्न 2: नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों में क्या विशेष बातें हैं?
उत्तर: नास्त्रेदमस ने सत्ता परिवर्तन, धार्मिक संघर्ष, प्राकृतिक आपदाएँ और भारत से एक संत के उदय की भविष्यवाणी की है जो पूरे विश्व में आध्यात्मिक क्रांति लाएंगे।
प्रश्न 3: भविष्य मालिका पुराण की कौन-सी चेतावनियाँ वैज्ञानिक दृष्टि से मेल खाती हैं?
उत्तर: भविष्य मालिका पुराण में जलवायु परिवर्तन, अन्न संकट, महामारियाँ, भूकंप, और प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणियाँ दी गई हैं जो आज के वैज्ञानिक अनुमान से मेल खाती हैं।
प्रश्न 4: इन सभी भविष्यवाणियों के अनुसार मानवता की आशा की किरण कौन हैं?
उत्तर: इन भविष्यवाणियों के अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी ही वह तत्वदर्शी महापुरुष हैं जो मानवता को अज्ञान, पाखंड और विनाश से बचा सकते हैं।
प्रश्न 5: संत रामपाल जी महाराज जी का समाधान क्या है इन संकटों से बचने के लिए?
उत्तर: संत रामपाल जी का समाधान है – प्रमाणिक सत्संग, तत्वज्ञान और सतभक्ति के मार्ग पर चलना, जिससे न केवल व्यक्तिगत जीवन सुधरेगा बल्कि विश्व को भी विनाश से बचाया जा सकता है।