5 जनवरी 2025 को दिल्ली में संत रामपाल जी महाराज के शिष्य प्रदीप दास ने अपने गुरु के आध्यात्मिक उपदेशों से प्रेरित होकर ईमानदारी की अद्भुत मिसाल पेश की। प्रदीप दास, जो रानीखेड़ा, मुंडका के निवासी हैं और रात्रि के समय ऑटो चलाते हैं, उसने अपनी सत्यनिष्ठा और ईमानदारी का परिचय देते हुए खोए हुए 25,000 नगद और अन्य सामान उनके मालिक तक पहुंचाया।
बीती रात करीब 11 बजे, प्रदीप दास को शादीपुर से कश्मीरी गेट जाने के लिए दो युवकों की सवारी मिली। यात्रा के दौरान प्रदीप ने उन युवकों को संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक ज्ञान और सतभक्ति के महत्व के बारे में बताया। जब सवारी कश्मीरी गेट पर उतर गई, तो प्रदीप ने अपनी अगली सवारी लेने के लिए तैयारी शुरू कर दी। इस बीच, उन्होंने देखा कि उनके ऑटो में एक बैग पीछे की सीट के पास छूट गया है।
बैग में थे नगद और डॉक्यूमेंट्स
प्रदीप दास ने बैग खोलकर देखा तो उसमें कपड़े, कुछ दस्तावेज़ और 25,000 रुपये नकद रखे हुए थे। उन्होंने तुरंत इसे मालिक तक पहुंचाने का निश्चय किया। अपनी अगली सवारी को उसके गंतव्य तक पहुंचाने के बाद, प्रदीप ने बैग में मौजूद दस्तावेज़ों पर लिखे पते के आधार पर रात 1 बजे उन युवकों के घर जाने की कोशिश की। हालांकि, वहां उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पूरी कोशिश जारी रखी।
सतलोक आश्रम में बैग किया जमा
जब उन्हें सही पता नहीं मिल पाया, तो प्रदीप दास बैग को लेकर सतलोक आश्रम मुंडका पहुंचे और वहां बैग जमा करवा दिया। उन्होंने सोचा कि अगर सवारी अपने खोए हुए सामान को ढूंढने की कोशिश करेगी, तो वह आश्रम तक पहुंच सकती है।
देर रात सवारी ने बैग वापस पाया
करीब 2:15 बजे, सवारी ने विभिन्न जगहों पर पूछताछ के बाद सतलोक आश्रम मुंडका का पता लगाया। वहां पहुंचकर उन्होंने अपनी पूरी कहानी बताई। आश्रम में मौजूद लोगों ने प्रदीप दास को बुलाया, जिन्होंने तुरंत बैग और उसमें रखा सामान सवारी को सौंप दिया।
ईमानदारी से प्रसन्न हुए यात्री
अपना बैग और 25,000 नगद वापस पाकर दोनों युवक बहुत खुश हुए। उन्होंने प्रदीप दास की ईमानदारी और निस्वार्थ भावना की प्रशंसा की। आश्रम के सदस्यों ने उन्हें संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित आध्यात्मिक पुस्तक “ज्ञान गंगा” भेंट की।
संत रामपाल जी के आध्यात्मिक ज्ञान का प्रभाव
यह घटना न केवल प्रदीप दास की ईमानदारी को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों के जीवन में उनके उपदेशों का कितना गहरा प्रभाव है। उनके अनुयायी न केवल भक्ति में अग्रसर रहते हैं, बल्कि समाज में ईमानदारी और नैतिकता के आदर्श स्थापित करने में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं।
इस घटना ने समाज में यह संदेश दिया कि आध्यात्मिक ज्ञान व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। प्रदीप दास जैसे लोग यह साबित करते हैं कि सच्ची भक्ति का अर्थ केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में नैतिकता और सच्चाई का पालन करना है।
निष्कर्ष:
असाधारण कार्य के लिए जाने जाते हैं, संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई :
आज संत रामपाल जी महाराज जी का तत्व ज्ञान सर्फ देश तक ही सीमित नहीं है, विदेशों में भी मानवता और भाई चारे की मिशाल पेश कर रहे हैं, वे सामान्य इंसानों से अलग कार्य कर रहे हैं । न रिश्वत लेते हैं न भ्रष्टाचार करते हैं उनका उद्देश्य समाज सुधार और विश्व कल्याण है। इसीलिए आज संत रामपाल जी महाराज जी से लोगों का जुड़ाव सहज है, संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को समझने के लिए आप जी भी Sant Rampal Ji Maharaj App डाउनलोड करें और उनके वेबसाईट www.jagatgururampalji.org पर visit करें।