सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों पर सख्ती दिखाते हुए एक बड़ा फैसला लिया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि स्ट्रे डॉग्स और अन्य आवारा मवेशियों पर रोक लगाई जाए। साथ ही उन्हें किसी शेल्टर होम में रखा जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बस स्टैंड, स्कूलों-कॉलेजों, रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने का फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से दिया। वहीं डॉग लवर्स को सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने किया निराश।
मुख्य बिंदु :-
- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों पर रोक लगाने के दिए आदेश।
- बस स्टैंड, अस्पताल, स्कूलों, काॅलेजों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगेगी आवारा कुत्तों सहीत मवेशियों पर रोक।
- आवारा कुत्तों के अलावा अन्य मवेशियों पर भी रोक अर्थात् शेल्टर होम में रखने का आदेश भी जारी हुआ।
- याचिकाकर्ता ननिता शर्मा ने आवारा कुत्तों और जानवरों पर जताया दुःख।
- आवारा कुत्तों पर रोक का मामला देश में सबसे पहले 28 जुलाई को प्रारंभ हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों पर अपना आदेश देते हुए कहा कि “डॉग्स बाइट का खतरा अब सिर्फ़ ग्रामीण इलाकों या घनी आबादी वाले इलाकों तक सीमित नहीं है । बल्कि राष्ट्रीय स्तर की समस्या बन चुका हैं। भारत अब भी रेबीज़ मोतों के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर है, जबकि एनिमल बर्थ कंट्रोल नियम बने होने के बावजूद इसका पालन नहीं किया जा रहा है। देश में आवारा कुत्तों से जनसुरक्षा को खतरा बना हुआ है।”
सुप्रीम कोर्ट यह आदेश नागरिकों की सुरक्षा के लिए दिया। साथ ही इस आदेश में आवारा कुत्तों और हटाए गए पशुओं को शेल्टर होम में रखने और उनकी देखभाल करने के भी आदेश दिए।
इन स्थानों पर लगेगी रोक
आवारा कुत्तों और अन्य आवारा मवेशियों को सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल, स्कूलों, काॅलेजों और अन्य सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों से हटाने के आदेश पारित किया। जिसमें सभी स्ट्रे डॉग्स को शेल्टर होम में रखने के भी आदेश दिए। आवारा जानवरों की एंट्री रोकने के लिए बाड़ लगाने का आदेश भी पारित किया। बस डिपो , रेलवे, स्टेडियम और स्पोर्ट्स काॅम्प्लेक्स में दिन-रात निगरानी की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी।
Also Read: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: आवारा कुत्तों को शेल्टर से छोड़ा जाएगा, जानिए पूरी जानकारी
कुत्तों के अलावा अन्य मवेशियों पर भी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए आवारा कुत्तों पर ही नहीं बल्कि अन्य आवारा मवेशियों पर भी रोक लगाने के आदेश दिए। जिसमें उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों या जानवरों को उस स्थान पर फिर से ना छोड़ा जाएं जिस स्थान से उनको उठाया गया हो। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आवारा जानवरों को कुत्तों और जानवरों को हटाने के लिए राज्य सरकारें और यूटी को दो सप्ताह में सभी सार्वजनिक स्थानों पर एंट्री करने पर रोक लगाने हेतू बाड़ का आदेश दिया।
वकील और याचिकाकर्ता ननिता शर्मा का बयान
सुप्रीम कोर्ट के इस कठोर और सख्त आदेश ने डाॅग लवर्स को निराश कर दिया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने आईं महिला ननिता शर्मा ने कहा कि “इतना कठोर आदेश दिया गया है। फिर भी में ईश्वरीय न्याय में विश्वास रखती हूं, कि बेजुबान जानवरों के साथ अन्याय नहीं होगा।”
साभ ही उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन आवारा कुत्तों और जानवरों को शेल्टर होम में रखे जाने पर उनकी हालत भी अच्छी होनी चाहिए। लेकिन यह फ़ैसला बहुत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
कुत्तों पर रोक लगाने की शुरुआत
सबसे पहले आवारा कुत्तों पर रोक लगाने की शुरुआत 28 जुलाई को हुई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं यह मामला एक मिडिया रिपोर्ट से लिया था। इस रिपोर्ट में दिल्ली में खासकर बच्चों के मध्य आवारा कुत्तों को काटने और रेबीज़ मोतों के बारे में जानकारी दी गई थी। इसके पश्चात् सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रखकर सभी राज्यों में लागू करने का आदेश दिया।

