शिमला के संजौली में मस्जिद से जुड़े विवाद के बाद अब हिमाचल प्रदेश के मंडी के जेल रोड पर मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर तनाव उत्पन्न हो गया है। हिंदू संगठनों ने शुक्रवार को मंडी में प्रदर्शन का आह्वान किया, जिसके चलते उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं। गुरुवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिद के अवैध निर्माण को स्वयं तोड़ना शुरू कर दिया था, बावजूद इसके, विरोध प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार को सुबह 11 बजे सेरी मंच पर प्रदर्शनकारी एकत्रित होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन का भी उपयोग किया गया है।
मुख्य बिंदु
● मस्जिद विवाद पर मुख्यमंत्री सुक्खू का बयान
● प्रशासन की कार्रवाई जारी
● मंडी प्रशासन ने हालात को देखते हुए लागू की गई धारा 144
● बीएनएसएस की धारा 163 भी लागू की गई है।
● भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं और शहर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है।
● मस्जिद के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है
● शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों की सघन चेकिंग की जा रही है। मंडी के जिला प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
मंडी के डीसी अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रशासन कानून और नियमों के अनुसार कार्रवाई कर रहा है, ऐसे में इस प्रकार के धरना-प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने बताया कि मंडी के सात वार्डों में बीएनएसएस की धारा 163 लागू की गई है। यदि कोई उपद्रव या अशांति फैलाने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मस्जिद विवाद पर मुख्यमंत्री सुक्खू का बयान
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी मस्जिद विवाद पर कहा है कि राज्य में अवैध निर्माण स्वीकार्य नहीं है, और इस मसले पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक शांति प्रिय राज्य है, जहां सभी धर्मों का सम्मान होता है। इस विवाद को सुलझाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, ताकि सभी पहलुओं का ध्यान रखकर न्यायिक प्रक्रिया अपनाई जा सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी।
वह महापुरुष जो मानवता को नई राह दिखा रहे हैं
संत रामपाल जी महाराज का मानना है कि सभी धर्मों के लोग एक ही परमात्मा की संतान हैं, और परमात्मा का वास्तविक ज्ञान प्राप्त करने से ही शांति स्थापित हो सकती है। उनका संदेश है कि धर्म के नाम पर लड़ाई-झगड़ा निरर्थक है, क्योंकि सभी धर्मों के शास्त्र एक ही परमेश्वर की ओर इशारा करते हैं। वे कहते हैं कि धार्मिक ग्रंथों का सही अर्थ समझकर और उनका पालन करके ही समाज में शांति और सौहार्द्र स्थापित किया जा सकता है। उनकी शिक्षाएं जाति, धर्म, और संप्रदाय के भेदभाव से ऊपर उठकर सभी को एक ही सच्चे गुरु की शरण में जाने का मार्ग दिखाती हैं, जिससे आपसी प्रेम, भाईचारा, और सद्भावना बढ़ती है।