भारतीय वायुसेना का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान MiG-21 आज 26 सितंबर को औपचारिक रूप से रिटायर हो गया। यह विमान भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था, जिसने 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में पाकिस्तान के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में MiG-21 को अंतिम विदाई दी गई।
युद्ध में MiG-21 की भूमिका
MiG-21 ने अपने लंबे सेवा काल में कई युद्धों में भाग लिया। 1965 के भारत-पाक युद्ध में इसने पाकिस्तानी वायुसेना के अत्याधुनिक विमानों को चुनौती दी। 1971 के युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की आज़ादी में MiG-21 ने अहम हमले किए। 1999 के कारगिल युद्ध में यह रात में उड़ान भरकर दुश्मन ठिकानों पर सटीक हमले करने में सक्षम था।
आधुनिक ऑपरेशंस और प्रदर्शन
MiG-21 ने 2019 में बालाकोट स्ट्राइक के दौरान एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया। 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह विमान पहलगाम आतंकी हमलों के जवाब में अंतिम बड़े अभियानों में शामिल रहा। अपने अंतिम दौर में भी MiG-21 ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
अंतिम विदाई में प्रमुख उपस्थित लोग
चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपस्थित थे। इसके अलावा सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सीओएएस जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सीएनएस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद थे। राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के जवानों को सलाम किया और कहा कि MiG-21 का योगदान भारतीय वायुसेना के इतिहास में महत्वपूर्ण अध्याय है।
MiG-21 के तकनीकी फीचर्स
MiG-21 की अधिकतम गति लगभग 2,200 किलोमीटर प्रति घंटा (Mach 2.05) है। यह 17,500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। विमान में हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें लगाई जाती थीं। इसका छोटा लेकिन शक्तिशाली डिजाइन इसे तेज हमलों और हवाई युद्ध के लिए उपयुक्त बनाता था।
MiG-21 की सेवा और विरासत
MiG-21 को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। 63 साल की सेवा के बाद आज इसे औपचारिक रूप से रिटायर किया गया। इस विमान ने देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय वायुसेना के गौरव में हमेशा याद रखा जाएगा।
समारोह में विंग कमांडर राजीव बत्तीश का संदेश
विंग कमांडर राजीव बत्तीश (सेवानिवृत्त) ने कहा कि MiG-21 की लंबी सेवा और इसके महत्व को दर्शाने के लिए इतने लोग समारोह में आए। उन्होंने बताया कि भारत में उड़ाए गए विमानों की संख्या के मामले में MiG-21 सबसे आगे रहा।
MiG-21 की विरासत और यादें
MiG-21 भले ही रिटायर हो गया हो, लेकिन इसके प्रदर्शन और तकनीकी क्षमताओं के कारण यह भारतीय वायुसेना के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। इसकी वीरता और सेवा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।