SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » कन्या भ्रूण हत्या : मानव समाज  पर एक अभिशाप

National

कन्या भ्रूण हत्या : मानव समाज  पर एक अभिशाप

SA News
Last updated: February 11, 2025 1:59 pm
SA News
Share
कन्या भ्रूण हत्या : मानव समाज  पर एक अभिशाप
SHARE

प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की भूमिका सम्माननीय रही है। भारतीय संस्कृति ही वह एकमात्र संस्कृति है, जहां नारी को देवी के रूप में देखा जाता है। फिर भी निंदनीय और दु:खद बात यह है की वर्तमान में नारी को सम्मान की दृष्टि से न देखकर उसका शोषण किया जाता है। फिर चाहे वह दहेज की लालच में की जाने वाली हत्या हो, या फिर गर्भ में भ्रूण हत्या, नारी का शोषण वर्तमान समाज में किया जा रहा है। बेटियों की गर्भ में हत्या करने का मूल कारण है दहेज प्रथा। यह कुरीति आज भी समाज में फैली हुई है।

Contents
  • कन्या भ्रूण हत्या किसे कहते है?
  • क्या है कन्या भ्रूण हत्या के मूल कारण? 
  • कन्या भ्रूण हत्या से उत्पन्न समास्याएं
  • कन्या भ्रूण हत्या के लिए क्या कहता है भारतीय कानून?
  • कन्या भ्रूण हत्या रोकने के दिशा में उठाएं जाने वाले कदम

कन्या भ्रूण हत्या किसे कहते है?

कन्या भ्रूण हत्या, आम भाषा में कहे तो एक अत्यंत निंदनीय व असामाजिक कृत्य है, जिसके लिए समाज को जागृत होने की जरूरत है। स्त्री भ्रूण हत्या मानवता के नाश के कारणों में से एक है। 

आज समाज की सोच इतनी गिर चुकी है कि लोग यह नहीं सोच पाते की लड़की के बिना बच्चा पैदा कौन करेगा? नारी को नारायणी कहा जाता है। इसकी वजह यह है कि नारी ही संतान को को जन्म देती है। नारी ही नर की खान होती है, अर्थात नर को उत्पन करने वाली भी नारी ही है। नारी के बिना नर की उत्पति असंभव है।

क्या है कन्या भ्रूण हत्या के मूल कारण? 

कुछ सामाजिक परंपरा, आर्थिक रीति और सांस्कृतिक कारणों से कन्या भ्रूण हत्या की जाती थी। कन्या भ्रूण हत्या होने की मुख्य वजह इस प्रकार है: 

  1.  हमारे भारत देश में पुरुषों को प्राथमिकता दी जाती है और महिला को बाद में स्थान दिया जाता है। 
  1. पालन पोषण और देखभाल को लेकर समाज में यह गलत धारणा फैली हुई है की पुरुष नाम को आगे बढ़ाएंगे और महिला तो केवल घर का काम ही कर सकती है। 
  1. गैर कानूनी लिंग परीक्षण जो लालची डॉक्टरों के द्वारा किया जाता हैं। शिशु या बालिका को खत्म करने के लिए यह तरीका भारत में गर्भपात की कानूनी मान्यता है।
  1. आजकल साइंस द्वारा की गई तकनीकी सुविधा भी कन्या भ्रूण हत्या का मुख्य कारण बना हुआ है और कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा मिला है।

कन्या भ्रूण हत्या से उत्पन्न समास्याएं

कन्या भ्रूण हत्या का अर्थ है, माँ के गर्भ में पल रहे भ्रूण को, विशेष रूप से बालिका भ्रूण को, आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों और उपकरणों के माध्यम से गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में ही नष्ट कर देना। इस प्रक्रिया में, चिकित्सक गर्भ में पल रहे भ्रूण को शल्य चिकित्सा द्वारा गर्भ से बाहर निकाल देते हैं।

जन्म पूर्व निदान तकनीक (दुरुपयोग का विनियमन और रोकथाम) अधिनियम, 2002 की धारा 4(1)(b,c) के अनुसार, भ्रूण को “गर्भाधान के 57वें दिन से लेकर जन्म तक विकास की प्रक्रिया के दौरान मौजूद मानव जीव” के रूप में परिभाषित किया गया है।

कन्या भ्रूण हत्या ने एक दुष्प्रभाव को जन्म दिया है, जिसकी वजह से लड़को की संख्या को देखते हुए लड़कियों की कमी नजर आ रही हैं। विवाह के लिए लड़कियों की कमी होने की वजह से पूरे देश और विश्व में कितने ही लड़के कुंवारे रह जाते हैं। 

 हमारे देश के कानून के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 366 के तहत किसी महिला का अपहरण या उसे विवाह के लिए मजबूर करना जैसी समस्याएँ भी कन्या भ्रूण हत्या के कारण उत्पन्न हो रही हैं, क्योंकि इससे अविवाहित पुरुषों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप, यौन शोषण, बाल विवाह, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और प्रेम विवाह से संबंधित समस्याएँ तेज़ी से बढ़ रही हैं, जिससे समाज में विघटन हो रहा है।

कन्या भ्रूण हत्या के लिए क्या कहता है भारतीय कानून?

हमारे भारतीय संविधान में भारतीय दंड संहिता के 1860 अंतर्गत धारा 312 के अनुसार यदि सामान्य गर्भावस्था के दौरान, कोई परिवार का सदस्य, कोई व्यक्ति या डॉक्टर जानबूझकर महिला की इच्छा के विपरीत, महिला का गर्भपात करता है, तो उसे 7 साल की केद की सजा मिलती है। 

इसके अतिरिक्त, यदि किसी महिला की सहमति के बिना गर्भपात किया जाता है, तो गर्भपात करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध धारा 313 के तहत कार्यवाही की जाएगी। यदि गर्भपात के दौरान महिला की मृत्यु हो जाती है, तो यह धारा 314 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा। धारा 315 के अनुसार, यदि माता के जीवन की रक्षा को अनदेखा करते हुए बच्चे को जन्म से पहले गर्भ में मार दिया जाता है या जन्म के बाद उसकी मृत्यु हो जाती है, तो इस अपराध में दोषी व्यक्ति को 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती है। इसके अतिरिक्त, भारतीय दंड संहिता में धारा 312, 318, 316 और 317 भी इस विषय से संबंधित हैं।

आपको बता दें कि हमारे भारतीय समाज में एक कुप्रथा फैली हुई है, जिसके कारण महिलाओं को बार-बार गर्भ धारण करना पड़ता है, जिससे गर्भपात की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि वह कुप्रथा है – लड़के की चाहत। बेटा होने का लालच और वंश परंपरा को आगे बढ़ाने की इच्छा के कारण, जब एक महिला बार-बार लड़की को जन्म देती है, तो उसे लड़के के जन्म तक कई बार गर्भ धारण करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में वह बहुत पीड़ित होती है और उस पर परिवार और समाज का दबाव भी होता है। 

कन्या भ्रूण हत्या रोकने के दिशा में उठाएं जाने वाले कदम

कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयास :

  1. स्वास्थ्य मंत्री, वैज्ञानिकों और सरकार द्वारा गर्भधारण से पहले और बाद में लिंग चयन की प्रक्रिया को रोकने के लिए कानून बनाया गया है। गर्भधारण से पूर्व और प्रसव के बाद निदान तकनीकी व्यवस्था को केवल जरूरत होने पर ही कानूनी तरीके से इस्तेमाल करने का प्रावधान है। 
  2. सरकार ने इस कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्णय लिया है और गैर-कानूनी लिंग निर्धारण मशीनों के संचालन पर रोक लगाई है।
  3.  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री द्वारा सभी को सूचित किया गया है कि गैर-कानूनी तरीके से लिंग चयन प्रक्रिया को रोका जाए और अधिनियम का सख्ती से पालन किया जाए।
  4. माननीय प्रधानमंत्री जी ने सभी राज्य मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया है कि महिलाओं के जन्म दर को नियंत्रित किया जाए और महिलाओं को शिक्षित बनाकर सम्मान के साथ आगे बढ़ाया जाए, साथ ही महिलाओं के प्रति अनदेखी की भावना को जड़ से खत्म किया जाए।

इसके साथ ही आपको बता दे कि हमारे भारत देश में एक महान संत और समाज सुधारक के रूप में प्रतिष्ठित जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा दहेज मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें हजारों की संख्या में भारत में 10 सतलोक आश्रमो में और एक नेपाल के सतलोक आश्रम धनुषा सहित कुल 11 सतलोक आश्रमों में दहेज मुक्त विवाह करवाया जा रहा है। जिसकी वजह से बेटी परिवार के लिए बोझ नहीं होती। संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से परिचित होकर बहनों की जिंदगी में खुशहाली देखने को मिल रही है।

संत रामपाल जी महाराज के उपदेशित शिष्यों का विवाह 17 मिनट में गुरबाणी के माध्यम से होता है, जिसमें 33 करोड़ देवी-देवताओं की साक्षी में उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। परमेश्वर के विधान से परिचित होने के कारण, संत रामपाल जी के शिष्य अपनी पत्नी, बहन और अन्य महिलाओं के साथ आदर का व्यवहार करते हैं। वे न तो दहेज लेते हैं और न ही देते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि दहेज लेने से अगले जन्म में कुत्ते, गधे या बैल बनकर कर्ज चुकाना होगा। इस प्रकार, हमारे देश को आगे बढ़ाने में प्रोत्साहन मिलेगा और देश प्रगति करेगा।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
BySA News
Follow:
Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.
Previous Article तिरुपति लड्डू केस में बड़ा खुलासा CBI की विशेष जांच टीम ने चार लोगों को किया गिरफ्तार तिरुपति लड्डू केस में बड़ा खुलासा: CBI की विशेष जांच टीम ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
Next Article समाज में बढ़ती अश्लीलता कारण, प्रभाव और समाधान समाज में बढ़ती अश्लीलता: कारण, प्रभाव और समाधान
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

Thomas Edison: A Visionary Inventor Who Changed the World

Thomas Edison, one of the most renowned inventors in history, revolutionized the world with his…

By SA News

English Language Day 2025: ज्ञान, संवाद और साहित्य की शक्ति 

हर वर्ष अंग्रेजी भाषा दिवस ( English Language Day) 23 अप्रैल को पूरे विश्व में…

By SA News

India Imposes Import Restrictions on Bangladesh Amid Growing Trade Tensions

India has recently placed new import restrictions on several products coming from Bangladesh. These include:…

By SA News

You Might Also Like

बहराइच में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान भीषण हिंसा, गोलीबारी में एक की मौत, कई घायल
National

बहराइच में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान भीषण हिंसा, गोलीबारी में एक की मौत, कई घायल

By SA News
Urgent Advisory for Indian Nationals in Bukavu Amid Rising Conflict
National

Urgent Advisory for Indian Nationals in Bukavu Amid Rising Conflict

By SA News
Air India Emergency Landing Chennai in hindi
National

चेन्नई में एयर इंडिया फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, MP वेणुगोपाल का रनवे पर दूसरे विमान का दावा, DGCA जांच में जुटा

By SA News
Union Cabinet Approves MSP Hike For Rabi Crops For 2025-26 Marketing Season
National

Union Cabinet Approves MSP Hike For Rabi Crops For 2025-26 Marketing Season

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
748kLike
340kFollow
13kPin
216kFollow
1.75MSubscribe
3kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2025 | All rights reserved.