जम्मू के लाम, नौशेरा के सामान्य क्षेत्र में एक घुसपैठी विरोधी अभियान चलाया गया था। यह अभियान देर रात 8 सितंबर और 9 सितंबर की सुबह तक चलाया गया जिसमें दो आतंकी मारे गए।
भारतीय सेवा के अधिकारियों ने बताया कि रविवार और सोमवार मध्य रात्रि को जम्मू कश्मीर के लाम क्षेत्र में शुरू किए गए घुसपैठ विरोधी अभियान में दो आतंकी मारे गए। जम्मू कश्मीर पुलिस (JKP) से मिली खुफिया सूचनाओं और व्हाइट नाइट कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से इस बात की जानकारी मिली जिसके आधार पर भारतीय सेवा सक्रिय हुई और बड़ी कामयाबी हाथ लगी जिससे बहुत बड़ा हादसा होने से टला जो उन आतंकियों का उद्देश्य था जम्मू के लिए।
अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है की सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में युद्ध जैसा सामान भी बरामद किया भारतीय सेवा ने एक पोस्ट में कहा “दो आतंकियों को मार गिराया गया है और दो एक-47, एक M4 राइफल, एक पिस्टल सहित बड़ी मात्रा में युद्ध जैसा सामान बरामद किया गया है, तलाशी अभियान जारी है”।
कर्नल सुनील वर्तवाल ने बताया कि घुसपैठ की इस कोशिश पर सेना की त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसी के बीच तालमेल को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि “सेना सतर्क है और भविष्य में ऐसी किसी भी कोशिश को सफल करने के लिए प्रतिबद्ध है” और बताया कि आतंकियों पर नजर रखने के लिए यूएवी, नाइट कैमरे और अन्य निगरानी उपकरण तैयार किए गए हैं।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले 3 महीने में आतंकी हमले और एनकाउंटर हुए हैं।
पहला हमला जम्मू में 9 जून से 11 जून के बीच आतंकियों ने तीन बड़े हमले किए इसमें एक हवलदार शहीद हो गया। 9 जून इस दिन मोदी सरकार का शपथ ग्रहण था। इस दिन आतंकियों ने रियासी में कंधा इलाके में कटरा जा रही बस पर 25-30 राउंड फायरिंग की, बस खाई में गिरी, 9 की मौत हो गई। सर्च ऑपरेशन के बाद 12 जून को एक आतंकी मारा गया।
11 जून को कठुआ में पाकिस्तान बॉर्डर से लगे हीरानगर के सैदा सोहल गांव में दो आतंकियों ने घर में पानी मांगा। ग्रामीणों को शक हुआ उन्होंने शोर मचाया, आतंकियों ने फायरिंग की, एक ग्रामीण घायल हुआ और एक आतंकी मारा गया था ।
11 जून को डोडा में आतंकियों ने भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर चार राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की जॉइंट चेक पोस्ट पर फायरिंग की। पांच जवान और एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) घायल हुए थे। हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर (जेईएम/जैश) ने ली थी।
15 जुलाई को रात 9:00 बजे डेसा फॉरेस्ट एरिया में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कप्तान समेत चार जवान शहीद हुए थे और एक पुलिस कर्मचारी की भी मौत हुई थी।
14 अगस्त को डोडा में आतंकियों से एनकाउंटर में राष्ट्रीय राइफल के आर्मी कैप्टन दीपक सिंह शहीद हुए थे।
29 अगस्त को कुपवाड़ा में एनकाउंटर में तीन आतंकी मारे गए थे इनमें से दो आतंकी मार्शल में और एक तंगधार क्षेत्र में मर गया था ।
देखा जा रहा है कि आतंकी हमले का ट्रेंड बदला है। कश्मीर की जगह जम्मू में हमले बढ़े हैं।
जम्मू क्षेत्र कई साल से कश्मीर की तुलना में शांत रहा है। अब हमलों का रुख कश्मीर से जम्मू की तरफ मुड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। जम्मू में खास तौर पर पीर पंजाल रेंज के दक्षिणी इलाके में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। यहां के घने जंगल और खड़ी पहाड़ियां आतंकियों के लिए सेफ जगह बनी हुई है। गृह मंत्रालय के अनुसार 21 जुलाई तक 11 आतंकी घटनाओं और 24 ऑपरेशन में 28 लोग मारे गए हैं ।