पटाखे जलाना अब केवल एक फैशन बन चुका है। चाहे त्योहार हो, शादी हो या पार्टी, या जीत की खुशी लोग पटाखे जलाकर अपनी खुशी जाहिर करते हैं। हालांकि, यह हमारी प्रकृति और स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है। पटाखों से निकलने वाली हानिकारक गैसें वायु को प्रदूषित करती हैं, जिससे हवा में ज़हर घुल जाता है। हर साल सर्दियों में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बहुत अधिक खराब हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने 9 सितंबर को फिर से पटाखों के उत्पादन, बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2025 तक जारी रहेगा। इस बार सरकार ने पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।
दिल्ली में पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध से जुड़े मुख्य बिंदु:
1. वायु प्रदूषण से निपटने के उपाय: हर साल सर्दियों में, दिल्ली में निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई जाती है और सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है।
2. विंटर एक्शन प्लान: सरकार हर साल विंटर एक्शन प्लान बनाती है। इस बार 21 सूत्रीय एक्शन प्लान बनाने की बात कही गई है।
3. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP):
AQI 201-300: GRAP का पहला चरण लागू होता है।
AQI 301-400: इसे बहुत खराब माना जाता है, और दूसरा चरण लागू किया जाता है।
AQI 401-500: इसे गंभीर माना जाता है, और तीसरा चरण लागू किया जाता है।
4. कृत्रिम बारिश का प्रस्ताव: हाल ही में दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से आर्टिफिशियल बारिश कराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और IIT कानपुर के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श की मांग की है।
21 सूत्रीय एक्शन प्लान में प्रमुख रूप से निम्नलिखित उपाय शामिल हैं:
1. वायु गुणवत्ता की निगरानी: प्रदूषण का स्तर मापने के लिए शहर भर में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाते हैं।
2. वाहनों पर प्रतिबंध: अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक, खासकर डीजल वाले वाहन।
3. निर्माण कार्यों पर रोक: सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण बढ़ने पर सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी जाती है।
4. सड़कों पर पानी का छिड़काव: धूल के कणों को कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है।
5. पत्तियों और कचरे को जलाने पर प्रतिबंध: खुले में पत्तियों या कचरे को जलाने पर सख्त प्रतिबंध होता है।
6. ग्रीन वॉर रूम: प्रदूषण पर नजर रखने के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाता है जिसे ‘ग्रीन वॉर रूम’ कहा जाता है।
7. उद्योगों पर नियंत्रण: प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई होती है। केवल कम प्रदूषण करने वाली तकनीकों का उपयोग करने वाले उद्योगों को काम करने की अनुमति दी जाती है।
8. कृत्रिम बारिश: हवा में मौजूद प्रदूषकों को हटाने के लिए कृत्रिम बारिश कराने का प्रस्ताव भी शामिल हो सकता है।
9. स्वच्छ ईंधन का उपयोग: पेट्रोल और डीजल की जगह CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है।
दिल्ली का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पटाखों पर प्रतिबंध वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ज़रूरी है। सर्दियों में दिल्ली का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, और पटाखे जलाने से यह और भी बढ़ जाता है। इसीलिए इस वर्ष भी पिछले साल की तरह सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। ऑनलाइन बिक्री पर भी पूरी तरह रोक लगाई गई है, ताकि लोगों को प्रदूषण से बचाया जा सके।
पटाखों पर प्रतिबंध कब तक लागू रहेगा?
यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा। पर्यावरण मंत्री ने स्पष्ट किया कि पटाखे जलाने से होने वाले प्रदूषण से दिल्ली के नागरिकों को राहत देने के लिए यह कदम उठाना आवश्यक है।
सरकार की कार्य योजना
इस प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और राजस्व विभाग मिलकर कार्य करेंगे। 21 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए “शीतकालीन कार्य योजना” बनाई गई है, जिसके तहत विभिन्न अभियान चलाए जाएंगे। इस योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सरकार नागरिकों के साथ मिलकर काम करेगी।
पर्यावरण मंत्री का जनता से आग्रह
पर्यावरण मंत्री ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि वे पटाखे जलाने की बजाय दिये जलाकर और मिठाई बांटकर त्योहार मनाएं। यदि सभी नागरिक “प्रदूषण योद्धा” बन जाएं, तो हम वायु प्रदूषण से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं को कम कर सकते हैं।
आध्यात्मिक ज्ञान से हो सकता है वातावरण स्वच्छ
पटाखों से होने वाले प्रदूषण को केवल सरकारी नियमों से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। आध्यात्मिक ज्ञान से बुराईयों, विकारों और प्रदूषण को समाप्त किया जा सकता है। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के बाद उनके अनुयायी बुराई रहित जीवन जीने और स्वच्छ वातावरण बनाने में मदद कर रहे हैं। उनके अनुयायी कोई त्यौहार नहीं मनाते अर्थात शास्त्र आधारित भक्ति करते हैं। पटाखे जलाने से वातावरण और स्वास्थ्य दोनों का नाश होता है। अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज की पुस्तक “जीने की राह” अवश्य पढ़ें।
पटाखों पर प्रतिबंध से संबंधित FAQs
1. दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है?
दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री, और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को सांस संबंधी समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जिन्हें कम करने के लिए यह प्रतिबंध जरूरी है।
2. यह प्रतिबंध कब तक लागू रहेगा?
यह प्रतिबंध 9 सितंबर 2024 से लेकर 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा। इस अवधि में पटाखों की ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
3. क्या सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध है?
हां, दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री, और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, चाहे वे परंपरागत पटाखे हों या कम धुआं पैदा करने वाले ग्रीन पटाखे।
4. अगर कोई व्यक्ति इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है तो क्या कार्रवाई होगी?
यदि कोई व्यक्ति इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई दोनों शामिल हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण समिति और अन्य संबंधित विभाग इसे सख्ती से लागू करेंगे।
5. क्या इस प्रतिबंध का वायु प्रदूषण पर प्रभाव पड़ेगा?
पटाखों के कारण हवा में हानिकारक कणों और ज़हरीली गैसों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। पटाखों पर प्रतिबंध से प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, जिससे लोगों को स्वस्थ वातावरण मिलेगा।