उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र स्थित शक्ति विहार कॉलोनी की गली नंबर-1 में कई मंजिला इमारत शुक्रवार करीब 3 बजे ढह गई। इस हादसे ने सिर्फ इंसानी जानें ही नहीं लीं, बल्कि नगर निगम (एमसीडी) की लापरवाहियों की परतें भी खोल दी है।
हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। मौके पर दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें पहुंच गई हैं। बचाव का काम जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली में मौसम अचानक बदल गया था। रात में भारी बारिश और तूफान आया, जिससे शहर के कई हिस्सों में असर पड़ा।
पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात करीब तीन बजे शक्ति विहार की गली नंबर 1 में एक इमारत के ढहने की सूचना पुलिस स्टेशन दयालपुर को मिली। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि तहसीन पुत्र यासीन की चार मंजिला इमारत ढह गई थी, जिसमें बताए गए तौर पर 22 लोग फंसे हुए थे।
हादसे का मुख्य कारण
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विनीत कुमार ने बताया कि घटना शाम 7 बजे की है। धूल भरी आंधी के कारण इमारत ढह गई। मौके पर पहुंचने पर यह सामने आया कि इस इमारत का निर्माण कार्य चल रहा था। हाल ही में पिछले सप्ताह भी धूल भरी आंधी के कारण मधु विहार पुलिस थाने के पास एक निर्माणाधीन बिल्डिंग गिर गई थी, जिसमें एक शख्स की मौत हुई थी और दो लोग घायल हुए थे।
हादसे के बारे में क्या बोले फायर अधिकारी?
दिल्ली के डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने कहा, “हमें सुबह करीब 2:50 बजे एक मकान ढहने की सूचना मिली। जब हम मौके पर पहुंचे तो पाया कि पूरी इमारत ढह गई है और लोग मलबे में फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ, दिल्ली अग्निशमन सेवा लोगों को बचाने के लिए काम कर रही है।”
मौके पर बचाव दल हुआ मौजूद
जानकारी के अनुसार पता चला है कि ये हादसा मुस्तफाबाद इलाके के शक्ति विहार में हुआ है। सुबह-सुबह कई मंजिला इमारत ध्वस्त हुई। बिल्डिंग ढहने की खबर सुनते ही आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचे। ये हादसा कैसे हुआ, अभी तक इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, बाहर निकाले गए 10 लोगों में से 4 की मौत हो गई। बचाव अभियान अभी भी जारी है। हादसे की एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “यहां दो पुरुष और दो बहुएं रहती हैं। सबसे बड़ी बहू के तीन बच्चे हैं, दूसरी बहू के भी तीन बच्चे हैं…अभी हमें कुछ नहीं पता। वे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं।”
14 लोगों को बचाया गया
एक स्थानीय व्यक्ति की घर लगे सीसीटीवी कैमरे में गिरती इमारत की घटना दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि 14 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
कई लोगों के दबे होने की आशंका
दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके के शक्ति विहार में कई मंजिला इमारत ढह गई। सुबह-सुबह हुए इस हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है, जिसके चलते बचाव कार्य जारी है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। एनडीआरएफ, डॉग स्क्वॉड, पुलिस और अग्निशमन दल लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं।
पिछले हफ्ते भी हुआ था ऐसा ही हादसा
इस घटना से पहले पिछले हफ्ते दिल्ली के मधु विहार में एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिर गई थी। यह घटना मधु विहार पुलिस स्टेशन के पास हुई थी। इस हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। पूर्वी दिल्ली के अडिशनल डिप्टी कमिश्नर विनीत कुमार ने बताया, “हमें शाम करीब 7 बजे एक PCR कॉल मिली। मौके पर पहुंचने पर हमने पाया कि एक छह मंजिला निर्माणाधीन इमारत की दीवार धूल भरी आंधी के दौरान गिर गई। एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो घायल हो गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया।”
भ्रष्ट अधिकारी की वजह से होते है ऐसे हादसे
स्थानीय विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और साफ कहा कि जिस कॉलोनी में यह इमारत गिरी, वह पूरी तरह अनधिकृत है।उन्होंने आरोप लगाया कि एमसीडी के कुछ भ्रष्ट अधिकारी पैसा लेकर बिना नक्शा पास करवाए मकानों के निर्माण की अनुमति दे देते हैं। नतीजा ये होता है कि ऐसी कॉलोनियों में न तो कोई निर्माण मानदंड अपनाए जाते हैं और न ही कोई सुरक्षा व्यवस्था होती है।अब सवाल यह है कि इस हादसे के जिम्मेदार कौन है मकान बनाने वाला आम नागरिक या फिर एमसीडी खुद। अगर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से सही काम करते तो शायद ऐसा हादसा कभी होता नहीं नहीं।
लोगों की जान से खिलवाड़
इस हादसे ने एक बार फिर से ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम किसी और बड़ी त्रासदी का इंतजार कर रहे हैं। जब तक अनधिकृत निर्माण पर सख्ती से रोक नहीं लगेगी और एमसीडी जैसी संस्थाएं पूरी ईमानदारी से अपना काम नहीं करेंगी, तब तक लोगों की जान ऐसे ही दांव पर लगती रहेगी।