SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » जिसने बचाया, वही बना निशाना – भारत और टर्की की विरोधाभासी कहानी

Hindi News

जिसने बचाया, वही बना निशाना – भारत और टर्की की विरोधाभासी कहानी

SA News
Last updated: May 13, 2025 12:11 pm
SA News
Share
जिसने बचाया, वही बना निशाना - भारत और टर्की की विरोधाभासी कहानी
SHARE

भारत पाकिस्तान तनाव: इस लेख को पढ़ कर आपके मन में अनेक सवाल उठेंगे! भारत और टर्की के बीच के संबंधों पर एक भावनात्मक और सामयिक विषय उठता है कि “जिसने बचाया, वही बना निशाना”। इसमें आपको दर्शाया जाएगा कि दिखाई कुछ देता है और होता कुछ है। यह विरोधाभास भारत-टर्की के ऐतिहासिक और समकालीन संबंधों की गहराई और जटिलता को दिखाता है। चलिए आपको विस्तार से समझाते हैं।

Contents
  • मुख्य बिंदु
  • जब दुनिया चुप थी, तब भारत ने टर्की को थामा था 
    • 1948 की मानवीय सहायता
  • नेहरू और गाँधी का दृष्टिकोण क्या रहा? 
  • रिश्तों की नींव क्या होती है ?
  • खिलाफत आंदोलन (1919–24) की कुछ झलक 
  • 2023 का भूकंप और ‘ऑपरेशन दोस्त’ को याद कर विश्वभर में भारत की तारीफ होती है
  • ऑपरेशन दोस्त के संबंध में कुछ जानकारी 
  • विश्व प्रतिक्रिया 
  • परदे के पीछे की सियासत: टर्की का पाकिस्तान के प्रति झुकाव 
  • सोचनीय विचार 

मुख्य बिंदु

• जब दुनिया चुप थी तब टर्की को भारत ने थामा था।

• 1948 में भारत की मानवीय सहायता जिसको इतिहास में पहला कदम कहेंगे।

•2023 का भूकंप और “ऑपरेशन दोस्त” को याद कर विश्वभर में भारत की तारीफ की जाती है।

• भारत बार बार टर्की की मदद करता रहा और टर्की बदले में पाकिस्तान का साथ देकर भारत को निराश करता रहा।

जब दुनिया चुप थी, तब भारत ने टर्की को थामा था 

1948 की मानवीय सहायता

जिसको हम इतिहास में पहला कदम कहेंगे भारत ने स्वतंत्रता के तुरंत बाद 1948 में टर्की को मानवीय सहायता भेजी थी, जब वह गंभीर आर्थिक संकट और अकाल का सामना कर रहा था। भारत एक ऐसा देश है जो किसी को भी हानि नहीं पहुँचाता है और न ही हानि पहुँचाने की सोच रखता है। भारत देश हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहता है। यह भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय राहत पहल मानी जाती है, जिसमें भारत ने टर्की की मदद की थी।

नेहरू और गाँधी का दृष्टिकोण क्या रहा? 

इस मदद के पीछे महात्मा गाँधी की मानवतावादी सोच और जवाहरलाल नेहरू की ‘पंचशील’ और ‘गुटनिरपेक्षता’ आधारित विदेश नीति का प्रभाव था। नेहरू मानते थे कि भारत को वैश्विक समस्याओं में नैतिक नेतृत्व निभाना चाहिए। महात्मा गाँधी जी के उच्च विचारों की आधारशिला ने टर्की की मदद की और भारत देश में रहने वाले हर व्यक्ति की सोच दूसरों की जरूरत पूरी करना और उनको दुःख के समय सहायता करना ही होती है। जिम्मेदारी कुछ नेहरू जी ने भी निभाई और अपनी “गुटनिरपेक्षता” पर आधारित विदेश नीति को दर्शाया।

रिश्तों की नींव क्या होती है ?

(भारत-टर्की के सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंध )

गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM): दोनों देश शीत युद्ध के दौरान गुटनिरपेक्ष आंदोलन में सहयोगी रहे। दोनों एक दूसरे के साथ खड़े रहे, यूँ कहें कि कँधे से कँधा मिलाकर चले परंतु आगे किसने क्या देखा होता है।

खिलाफत आंदोलन (1919–24) की कुछ झलक 

भारत में मुसलमानों ने ओटोमन खलीफा की सत्ता बनाए रखने के लिए आंदोलन किया। इस ऐतिहासिक समर्थन ने दोनों देशों के बीच सहानुभूति की एक भावनात्मक डोर जोड़ी। हर समय दोनों देश एक दूसरे की भावनाओं के समझ रहे और हर क्षेत्र में साथ खड़े रहे। आपको बता दें कि  आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग में भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जैसे कि  शिक्षा, पर्यटन, व्यापार और सिनेमा जैसे क्षेत्रों में भी भारत-टर्की के बीच सहयोग बढ़ा है। कई भारतीय छात्र टर्की में पढ़ाई कर रहे हैं और बॉलीवुड की लोकप्रियता भी वहां बढ़ी है।

2023 का भूकंप और ‘ऑपरेशन दोस्त’ को याद कर विश्वभर में भारत की तारीफ होती है

भारत ने एक बार फिर टर्की की  संकट में सहायता की थी। फरवरी 2023 में भयंकर भूकंप आया था। जिसमें टर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के कारण बहुत ही हानि हुई थी। जन – धन से लेकर बहुत सी समस्याओं को झेलना पड़ा था। यह खबर सुनते ही भारत ने तुरंत सहायता भेजी। इसमें राहत सामग्री, मेडिकल सहायता, सर्च और रेस्क्यू टीमें (NDRF) और जीवन रक्षक उपकरण शामिल थे। भारत ने अपनी ओर से पूरी सहायता करने की कोशिश की और कहा कि और भी जरूरत होगी हम पूरी करने की कोशिश करेंगे।

ऑपरेशन दोस्त के संबंध में कुछ जानकारी 

भारत का यह मानवीय मिशन विश्वभर में सराहा गया। इसमें राजनीति से ऊपर उठकर, मानवीय संवेदना को प्राथमिकता दी गई। “दोस्त” शब्द का प्रयोग यह दर्शाता है कि भारत ने यह कार्य केवल दया नहीं, बल्कि मित्रता के नाते किया। मित्र किसे कहते है, जो संकट में साथ दे, जो हर दुःख में दुःखी होकर, उस दुःख को हल्का करने की कोशिश करे उसे परम मित्र कहते है। ऐसा ही भारत देश करता आ रहा है। भारत देश मित्रता के संबंध में कभी भी पीछे नहीं हटता है और न ही किसी को वचन देकर भूलता है। 

विश्व प्रतिक्रिया 

टर्की और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत की तत्परता और सहयोग भावना की प्रशंसा की। भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ नीति का यह प्रत्यक्ष उदाहरण बना।

भारत देश की सोच के अनुसार पूरा विश्व और इसमें रहने वाले लोग, हम सब एक ही तो हैं। यदि हम एक दूसरे की मदद नहीं करेंगे और परेशानियों को नहीं समझेंगे तो मानव कहलाने का क्या अधिकार?

परदे के पीछे की सियासत: टर्की का पाकिस्तान के प्रति झुकाव 

कश्मीर मुद्दे पर पक्षपात: टर्की लगातार संयुक्त राष्ट्र और OIC मंचों पर कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने कई बार भारत विरोधी बयान दिए हैं, जिससे संबंधों में खटास आई। परंतु यह करना और सोचना क्या दर्शाता है। बात यह नहीं है कि भारत ने टर्की की मदद की तो टर्की को भारत के लिए बोलना चाहिए परन्तु सत्य के लिए तो खड़े रहना चाहिए। बात फिर वही याद आती है कि व्यक्ति होता कुछ है और दिखाई कुछ देता है। भारत देश हमेशा सत्य पर खड़ा होता है और उसकी जीत भी होती है।

OIC में भारत विरोध: OIC में टर्की ने न केवल पाकिस्तान का समर्थन किया, बल्कि भारत के खिलाफ प्रस्तावों को भी समर्थन दिया खासकर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद। टर्की भूल गया कि भारत की भावनात्मक सोच क्या है? टर्की ये भी भूल गया कि भारत हमारी मदद के लिए हमेशा खड़ा है? तभी तो टर्की ने इस प्रकार के कदम उठाए।

सुरक्षा और सामरिक सहयोग: टर्की और पाकिस्तान के बीच सैन्य अभ्यास, हथियारों का व्यापार और खुफिया सहयोग भी भारत के लिए चिंता का विषय हैं। अब ऑपरेशन सिंदूर में भी टर्की ने खुलेआम पाकिस्तान को समर्थन दिया है जिसमें ड्रोन और सैन्य सहायता सम्मिलित हैं।

कूटनीतिक दुविधा: जब भारत टर्की की मदद करता है, और बदले में टर्की पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा होता है, तब भारत की ‘नैतिक कूटनीति’ और ‘मानवीय सदाशयता’ पर सवाल उठते हैं।

सोचनीय विचार 

भारत और टर्की के संबंध एक जटिल द्वंद्व को दर्शाते हैं – ऐतिहासिक सद्भाव और आधुनिक सियासी तनाव। भारत बार-बार मानवीय आधार पर मित्रता निभाता रहा है, जबकि टर्की ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राजनीतिक रूप से पाकिस्तान का साथ देकर भारत को निराश किया है। यह टर्की की कूटनीति, विचारशीलता पर भी प्रश्न उठाता है कि वक्त पर मदद करने से वाले हाथों के खिलाफ सैन्य कदम उठाए। निश्चित रूप से यह टर्की की कृतघ्नता दिखाता है। टर्की ने भारत द्वारा किए एहसान को याद भी नहीं रखा है।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
BySA News
Follow:
Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.
Previous Article जल संरक्षण की पारंपरिक तकनीकों का पुनर्जीवन जल संरक्षण की पारंपरिक तकनीकों का पुनर्जीवन
Next Article National Endangered Species Day 2025 प्रकृति की पुकार, बचाओ संकटग्रस्त प्रजातियाँ  National Endangered Species Day 2025: प्रकृति की पुकार, बचाओ संकटग्रस्त प्रजातियाँ 
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

Life after Death -मृत्यु के बाद का जीवन: विज्ञान और रिसर्च का नजरिया व अविश्वसनीय खुलासा 

मृत्यु हमेशा से ही मानव जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य बना रहा है, और यह…

By SA News

सिंधु घाटी सभ्यता: नई खोज जिसने बदल दिया इतिहास का नक्शा

दुनिया की सबसे प्राचीन और उन्नत शहरी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता को…

By SA News

ताजमहल: प्रेम और वास्तुकला का अद्भुत संगम | Taj Mahal History & Facts

भारत देश के प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है ।…

By SA News

You Might Also Like

हरियाणा चुनाव 2024 सैनी-हुड्डा, विनेश फोगाट और चौटाला परिवार की अहम सीटों पर सियासी जंग
Hindi NewsLocal

हरियाणा चुनाव 2024: सैनी-हुड्डा, विनेश फोगाट और चौटाला परिवार की अहम सीटों पर सियासी जंग

By SA News
संत रामपाल जी के शिष्य ने ईमानदारी की मिसाल पेश की: दिल्ली में 25,000 नगद लौटाए
Satlok AshramHindi News

संत रामपाल जी के शिष्य ने ईमानदारी की मिसाल पेश की: दिल्ली में 25,000 नगद लौटाए

By SA News
UP Encounter बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामले के दो आरोपी पुलिस एनकाउंटर में हुए घायल 
Hindi NewsLocal

UP Encounter: बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामले के दो आरोपी पुलिस एनकाउंटर में हुए घायल 

By SA News
सरिस्का टाइगर रिज़र्व जंगल बचेगा या कारोबार बढ़ेगा
Hindi News

सरिस्का टाइगर रिज़र्व: जंगल बचेगा या कारोबार बढ़ेगा?

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2025 | All rights reserved.