SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): भाषा से भी बढ़कर हमारी पहचान है “हिंदी”

Hindi NewsEvents

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): भाषा से भी बढ़कर हमारी पहचान है “हिंदी”

SA News
Last updated: September 12, 2024 2:01 pm
SA News
Share
Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): भाषा से भी बढ़कर हमारी पहचान है “हिंदी”
SHARE

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): हिंदी भारत की राजभाषा होने के साथ-साथ विश्व भर में तीसरे नंबर पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। 

Contents
Hindi Diwas 2024: मुख्य बिंदु Hindi Diwas 2024: हिंदी भाषा का विकास क्या है हिंदी का महत्व? राष्ट्रीय हिंदी दिवस की शुरुआत कब हुई थी?Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? भारत की आधिकारिक भाषा क्या है?विश्व भर में तीसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है “हिन्दी”Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करती है हिंदीHindi Diwas Quotes in HindiHindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोए!कौन है ज्ञानी महात्मा? FAQ: Hindi Diwas 2024Q1. हिन्दी दिवस की शुरुआत कब हुई?Q2. 14 सितम्बर को ही हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?Q.3 भारत में हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?Q.4 हिंदी भाषा को किस लिपि में लिखा जाता है?निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

भारतेंदु हरिश्चंद की पंक्तियां हैं: 

“चार कोस पर पानी बदले, आठ कोस पर वाणी।

“बीस कोस पर पगड़ी बदले, तीस कोस पर धानी।।”

अर्थात हर आठ कोस में बोलियां बदल जाती है। बोलियों में इतनी विविधता होने के बावजूद आज विश्व भर में हिंदी भाषा का वर्चस्व तीसरे नंबर पर है। हिंदी भाषा के पास ऐसे साहित्य की विशाल परंपरा है, जो विश्व के पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। आज इस लेख में “हिंदी भाषा हमारी पहचान” को विस्तार से जानेंगे।

Hindi Diwas 2024: मुख्य बिंदु 

  • सर्व प्रथम 14 सितंबर सन् 1949 को राष्ट्रीय हिन्दी दिवस मनाया गया था।
  • 14 सितंबर 1953 से भारत में प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है।
  • हिंदी भारत की राजभाषा और आधिकारिक भाषा के साथ-साथ हमारी पहचान है‌।
  • हिंदी विश्व भर में तीसरे नंबर पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और करीब 637 मिलियन जनसंख्या विश्व भर में हिंदी भाषा बोलती है। 
  • हिंदी भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है और इसकी लिपि देवनागरी है। 

Hindi Diwas 2024: हिंदी भाषा का विकास 

दुनिया के सृजन के समय से ही भाषा मानव का एक अभिन्न अंग रही है। भाषा के बिना मनुष्य गूंगा है। भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है। प्राचीन भारत में संस्कृत भाषा का महत्व सबसे अधिक था। संस्कृत भाषा को दुनिया की सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है। संस्कृत भाषा के सरल रुपांतरण से प्राकृत भाषा का जन्म हुआ। प्राकृत भाषा में धीरे-धीरे बदलाव आए और प्राकृत अपभ्रंश भाषा में बदल गई। 

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): अपभ्रंश भाषा में भी धीरे-धीरे बदलाव हुए और आधुनिक भाषा का जन्म हुआ। हिंदी आधुनिक भाषा का ही एक रूप है। हिंदी भाषा का उद्भव मुख्यतः संस्कृत, प्रकृत और अपभ्रंश भाषा से हुआ है। हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है।

हिंदी विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा है। यह ध्वन्यात्मक भाषा है यानि हर ध्वनि का एक निश्चित प्रतीक अर्थात अक्षर होता है। महापंडित की उपाधि प्राप्त हिंदी के विख्यात साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन के शब्दों में, “हमारी नागरी लिपि दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपि है।”

क्या है हिंदी का महत्व? 

राष्ट्र की अपनी पहचान। झंडा, भाषा, राष्ट्रगान। 

हिंदी न सिर्फ़ एक भाषा है बल्कि यह स्वतंत्र भारत की पहचान है। उत्तर से दक्षिण के बीच संपर्क भाषा का माध्यम, देश को जोड़ने वाली  हिंदी एक लिंक लैंग्वेज (Link Language) है। 

Also Read: World Suicide Prevention Day । विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस : क्या हम अपनी नासमझी से खो रहे हैं अनगिनत जिंदगियाँ?

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): सरल, सहज और सुगम होने के साथ हिंदी विश्व की वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग भारी संख्या में मौजूद हैं। हिंदी भाषा का वैश्विक महत्व है क्योंकि यह हमारे लिए शिक्षा, व्यापार और राजनीति के अवसर खोलती है। हिंदी कई देशों में व्यापक रूप से पढ़ाई और सिखाई जाती है, जहाँ यह भारत की सांस्कृतिक समझ और सहयोग को बढ़ावा देने में मदद करती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था, “हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है।”

राष्ट्रीय हिंदी दिवस की शुरुआत कब हुई थी?

राष्ट्रीय हिंदी दिवस की शुरुआत आजादी के 2 साल बाद 14 सितंबर 1949 को हुई थी। इसी दिन डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में भारत की संविधान सभा ने संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया था। हिंदी को राजभाषा घोषित करने वाले प्रस्ताव को रखने वाले प्रथम व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि दक्षिण भारतीय विद्वान श्री गोपालस्वामी अय्यंगर थे। 

■ Also Read: हिंदी दिवस (Hindi Diwas): जानें राजभाषा हिंदी क्यों नहीं बन पाई राष्ट्र भाषा?

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): लंबी चर्चा के बाद, देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी को अंग्रेज़ी के साथ स्वतंत्र देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया। संविधान की 8वीं अनुसूची में कुल 22 भाषाओं को संवैधानिक मान्यता दी गई है। 14 सितंबर को हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। इसी स्मृति में देश में हिंदी दिवस अथवा राजभाषा दिवस मनाया जाता है।

14 सितंबर, सन् 1949 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सर्व प्रथम हिंदी दिवस मनाया था। इसी दिन हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह की जयंती भी मनाई जाती है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा ने वर्ष 1953 में 14 सितंबर को अखिल भारतीय स्तर पर हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव दिया और तब से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाना शुरू हुआ।

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? 

14 सितम्बर सन् 1949 को संविधान सभा में लम्बी चर्चा के बाद हिन्दी को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला। इसी स्मृति में देश में हिंदी दिवस अथवा राजभाषा दिवस मनाया जाता है। संविधान में अनुच्छेद 343 से 351 में राजभाषा के संबंध में विस्तृत व्याख्या है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने वर्ष 1953 में 14 सितंबर को अखिल भारतीय स्तर पर हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव दिया और तब से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।

भारत की आधिकारिक भाषा क्या है?

विविधताओं से भरे इस देश में लगी भाषाओं की फुलवारी है।

संविधान में कुल 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता प्रदान करने वाला एकमात्र देश है भारत।

हम सब मिलकर दें सम्मान, निज भाषा पर करें अभिमान।

हिंदी का किसी भाषा से वैर-विरोध नहीं है। हमारी सब भाषाएं हिंदी की सहोदरा हैं। 

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है जबकि भारतीय संविधान में भारत की कोई राष्ट्र भाषा नहीं है। भले ही नेता जी सुभाषचंद्र बोस ने कहा था,”देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जाने वाली हिंदी राष्‍ट्रभाषा-पद की अधिकारिणी है।” देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी को अंग्रेज़ी के साथ देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है।

विश्व भर में तीसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है “हिन्दी”

विश्व भर में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे नंबर पर है, जबकि प्रथम नंबर पर अंग्रेजी और दूसरे नंबर पर मंदारिन चीनी है। विश्व भर में करीब 637 मिलियन जनसंख्या हिंदी बोलती है, जिसमें मूल वक्ताओं की संख्या 342 मिलियन है। वहीं गैर-देशी वक्ता करीब 295 मिलियन हैं। यह दक्षिण एशिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत के अलावा नेपाल, मॉरीशस, फिजी, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो में बोली जाती है। 

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करती है हिंदी

हिंदी के पास ऐसे साहित्य की विशाल विरासत है, जो विश्व के पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। हिंदी की व्यापकता के कारण दुनिया के 175 देशों में हिंदी के शिक्षण एवं प्रशिक्षण के अनेक माध्यम केंद्र बन गए हैं। हिंदी का शिक्षण एवं प्रशिक्षण विश्व के लगभग 180‌‌ विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थाओं में चल रहा है। सिर्फ अमरीका में 100 से अधिक विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में हिंदी पढ़ाई जा रही है। इससे हिंदी का प्रयोग दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। 

Hindi Diwas Quotes in Hindi

  • “राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है” – महात्मा गांधी
  • “राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना उन्नति के लिए आवश्यक है” – महात्मा गांधी
  • “जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य का गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता” – डॉ. राजेंद्र प्रसाद
  • “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटन न हिय के सूल”- हिंदी साहित्य के पितामह भारतेन्दु हरिश्चचंद्र
  • ”ह्रदय की कोई भाषा नहीं है। ह्रदय ह्रदय से बातचीत करता है और हिंदी ह्रदय की भाषा है“ – महात्मा गांधी
  • “हम भारतीय सभी भाषाओं का करते हैं सम्मान, पर हिंदी ही है हमारी पहचान”
  • “जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है, वह नर नहीं, नर पशु निरा और मृतक समान है” – राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त
  • “ऊंचाई के शिखर पर हिंदी को पहुंचाओ, हिंदी की पहचान पूरी दुनिया में बनाओ”
  •  “हिंदी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है” – मैथिलीशरणगुप्त

Hindi Diwas 2024 (हिंदी दिवस): ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोए!

भाषाओं में विविधता होने के कारण विश्व भर में कई भाषाएं है और सब की अपनी पहचान है। मगर हिंदी भाषा की पहचान अनूठी है। हिंदी साहित्य में भक्ति काल के प्रसिद्ध कवि परमेश्वर कबीर साहेब जी का यह दोहा हिंदी भाषा में चार चांद लगा देता है।

“कबीर, ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोए। 

औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होय।।” 

कबीर परमेश्वर जी ने इस वाणी के माध्यम से मानव समाज को समझाना चाहा है कि सभी को नम्रतापूर्वक बोलना चाहिए। अपने आप को बड़ा सिद्ध नहीं करना चाहिए। मुखारबिंद से ऐसी भाषा बोलें जिससे सुनने वाले को सुख और शांति की अनुभूति हो और स्वयं को भी शांति मिले।

“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय।

ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।।”

कबीर परमेश्वर जी ने इस वाणी के माध्यम से समझाना चाहा है कि लोग मोटी-मोटी किताबें पढ़-पढ़कर शिक्षा तो हासिल कर लेते है मगर उनके पास ज्ञान एक आने का भी नहीं होता है। जो व्यक्ति प्रेम वाला ढाई अक्षर पढ़ ले वही सबसे बड़ा ज्ञानी है और पंडित है।

कौन है ज्ञानी महात्मा?

पवित्र गीता जी अध्याय 15 के श्लोक 1 में गीता ज्ञान कहा है कि ऊपर को पूर्ण परमात्मा यानि आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला, नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके छन्द यानि विभाग‌‌,  छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे गए हैं उस संसार रूप वृक्ष को जो विस्तार से जानता है यानि सर्व विभागों को जानता है वह वेद के तात्पर्य को जानने वाला पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्त्वदशी है। 

तत्वदर्शी संत की पहचान को जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर विजिट करें तथा अवश्य पढ़ें पुस्तक “हिन्दू साहेबान ! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण”

 FAQ: Hindi Diwas 2024

Q1. हिन्दी दिवस की शुरुआत कब हुई?

Ans. पहली बार हिंदी दिवस 14 सितंबर सन् 1949 को मनाया गया था।

Q2. 14 सितम्बर को ही हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans. 14 सितंबर 1949 के दिन ही हिंदी को राजभाषा के रूप में घोषित किया गया था इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Q.3 भारत में हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?

Ans. 14 सितंबर को।

Q.4 हिंदी भाषा को किस लिपि में लिखा जाता है?

Ans. देवनागरी।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love2
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article Top 10 Profitable Business Ideas In India Start Your Business Journey Today Top 10 Profitable Business Ideas In India Start Your Business Journey Today
Next Article The Virtual Reality Revolution Leading Global Charts & Transforming The Future The Virtual Reality Revolution: Leading Global Charts & Transforming The Future
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

India’s Transformation Into A Semiconductor Hub: Five Semiconductor Units Approved

Recently, India has boosted its semiconductor manufacturing sector by investing heavily in setting up plants…

By SA News

EWS Result 2025-26 Out on www.edudel.nic.in : Check The Direct Link Here

EWS Result 2025-26: Delhi EWS Admission Result 2025-26: On 5th March, 2025, Delhi Directorate of…

By SA News

हरियाणा चुनाव 2024: सैनी-हुड्डा, विनेश फोगाट और चौटाला परिवार की अहम सीटों पर सियासी जंग

हरियाणा की राजनीति में पिछले दस साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस इस बार सत्ता…

By SA News

You Might Also Like

विश्व अंतर्मुखी दिवस 2025 (World Introvert Day) जानिए इतिहास , महत्त्व , थीम और उद्देश्य 
Events

विश्व अंतर्मुखी दिवस 2025 (World Introvert Day): जानिए इतिहास , महत्त्व , थीम और उद्देश्य 

By SA News
पर्यावरण संरक्षण का अनोखा प्रयास
Hindi NewsLifestyle

पर्यावरण संरक्षण का अनोखा प्रयास

By SA News
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व
Hindi News

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व

By SA News
Reasons Why Online Education is Booming
Hindi News

5 Reasons Why Online Education is Booming: क्या यह पारंपरिक क्लासरूम का भविष्य है?

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2024 | All rights reserved.