आज का संसार आंसुओं के अथाह सागर में डूबा हुआ प्रतीत होता है। चारों ओर हाहाकार, तबाही और असहायता का दृश्य दिखाई देता है। विज्ञान और तकनीक ने मानव जीवन को सुविधाओं से भर दिया, लेकिन नैतिकता, करुणा और मानवता का स्तर उतनी ही तेजी से गिरता चला गया। आज जब विश्व को सबसे अधिक प्रेम, करुणा और भाईचारे की जरूरत है, तब नफरत, घृणा और युद्ध की भयावह आग में मानवता जल रही है।
पहलगाम हमला: श्रद्धा और मानवता पर भीषण चोट
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को निशाना बनाकर किया गया आतंकी हमला एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि हिंसा कभी भी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकती। निहत्थे श्रद्धालुओं पर हुए इस कायरतापूर्ण हमले ने न सिर्फ कई निर्दोषों की जान ली, बल्कि दुनिया भर में शांति और सहिष्णुता की जरूरत को भी उजागर कर दिया। आतंकवादियों ने धर्म के नाम पर नफरत फैलाकर मानवता को गहरी चोट दी है।
भारत-पाकिस्तान: तनाव और संघर्ष की भयावह दिशा
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुराना विवाद फिर से उग्र रूप लेता नजर आ रहा है। सीमा पार हमलों, आतंकी गतिविधियों और राजनीतिक कटुता ने दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया है। कश्मीर घाटी में हिंसा की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं।
वैश्विक संकट: सूडान से गाजा तक
सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही नहीं, दुनिया के कई हिस्से आज भीषण मानवीय संकट से जूझ रहे हैं।
सूडान में सशस्त्र संघर्ष ने लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं और स्कूलों के स्थान पर अब शरणार्थी शिविर बन गए हैं।
सच्चा धर्म: शांति का एकमात्र मार्ग
संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, सृष्टि का मूल धर्म केवल एक है — आदि सनातन धर्म, जिसका आधार मानवता, भक्ति और परमात्मा की प्राप्ति है। उनका नारा है, “जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा”, और सभी धार्मिक ग्रंथ इस सत्य को प्रमाणित करते हैं। धर्म की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले हमे सृष्टि रचना का ज्ञान होना चाहिए।
पढ़े: सृष्टि रचना
वेदों से प्रमाण
1. यजुर्वेद 19.30
“ऋषिभिः संमन्युपूर्वेण पन्था वितस्थुः।”
भावार्थ: धर्म के मार्ग का अनुसरण सच्चे ऋषियों द्वारा बताया गया है। यही मार्ग सच्चे धर्म की ओर जाता है।
2. अथर्ववेद 6.61.3
“सन्तु वः सजात्याः।”
भावार्थ: सभी प्राणी एक ही जाति के हैं, कोई भेदभाव नहीं है। यही सच्चा मानव धर्म है जो समानता और एकता का प्रतीक है।
गीता से प्रमाण
1. गीता अध्याय 18, श्लोक 66
“सर्वधर्मान परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।”
भावार्थ: सभी धर्मों और भेदभावों को छोड़कर केवल एक परमात्मा की शरण में आओ। यही सच्चा धर्म है।
पुराणों से प्रमाण
1. श्रीमद्भागवत महापुराण 6.2.49
“धर्मं तु साक्षाद् भगवत्प्रणीतम्।”
भावार्थ: धर्म स्वयं भगवान द्वारा निर्मित है। यह मानव द्वारा नहीं, बल्कि परमेश्वर द्वारा निर्धारित है।
कुरान शरीफ से प्रमाण
1. सूरह अल-अन्आम 6:161
“मेरे रब ने मुझे सीधा मार्ग दिखाया है — एक सच्चा धर्म।”
भावार्थ: कुरान भी यही बताता है कि धर्म केवल एक ही है — वह जो सच्चे परमेश्वर के द्वारा दिखाया गया है।
2. सूरह अल-हुजुरात 49:13
“हे मानवों! हम ने तुम्हें एक पुरुष और एक स्त्री से पैदा किया…”
भावार्थ: सभी इंसान समान हैं, जाति और धर्म का भेद नहीं है। केवल भक्ति और ईश्वर के प्रति श्रद्धा से ही श्रेष्ठता प्राप्त होती है।
कलमा शरीफ से प्रमाण
1. कलमा तैय्यबा
“ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह”
भावार्थ: केवल एक ही परमेश्वर है, जो सबका रचयिता हैसी‚
इंजील (Bible) से प्रमाण
1. मत्ती 22:37-40
“अपने प्रभु परमेश्वर से अपने सारे हृदय, आत्मा और बुद्धि से प्रेम करो और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो।”
भावार्थ: केवल ईश्वर प्रेम और मानवता प्रेम ही सच्चा धर्म है, जिसमें जाति, धर्म या रंग का कोई भेद नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें www.jagatgururampalji.org
आज का संसार: आंसुओं में डूबती मानवता और शांति की तलाश पर FAQs
प्रश्न 1: हाल ही में पहलगाम (कश्मीर) में क्या दर्दनाक घटना घटी है?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को निशाना बनाकर आतंकी हमला किया गया।
इस हमले में कई निर्दोष श्रद्धालु मारे गए और कई घायल हो गए।
प्रश्न 2: भारत और पाकिस्तान के बीच धर्म को लेकर बढ़ते तनाव का मुख्य कारण क्या है?
भारत और पाकिस्तान के बीच धर्म आधारित विवाद ऐतिहासिक है।
हाल ही में हुए पहलगाम हमले जैसे आतंकी कृत्य इस तनाव को और भड़का रहे हैं।
जबकि सच्चा धर्म प्रेम, भाईचारा और सहिष्णुता का संदेश देता है।
प्रश्न 3: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वर्तमान स्थिति क्या है?
रूस-यूक्रेन संघर्ष, जो फरवरी 2022 में शुरू हुआ था, अब भी जारी है। यूक्रेन के कई शहरों में निरंतर बमबारी हो रही है, हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों शरणार्थी बन गए हैं।
इस युद्ध ने वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक और मानवीय संकट को जन्म दिया है।