विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को 2024 के फिजियोलॉजी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने 7 अक्टूबर, 2024 को इसकी घोषणा की। यह पुरस्कार उन्हें जीन गतिविधि को नियंत्रित करने वाले एक महत्वपूर्ण सिद्धांत की खोज के लिए दिया गया। दोनों वैज्ञानिकों ने माइक्रोआरएनए की खोज की, जो छोटे आरएनए अणुओं का एक नया वर्ग है और जीन विनियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस खोज में समझाया गया कि विभिन्न कोशिकाओ के प्रकार कैसे विकसित होते हैं।
माइक्रो RNA: कोशिका विकास और कार्य में एक महत्वपूर्ण तत्व
माइक्रो RNA शरीर में कोशिकाओं के बनने और उनके काम करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। 1993 में वैज्ञानिकों ने इसकी खोज की थी। इंसान का जीन DNA और RNA से बना होता है, और माइक्रो RNA मूल RNA का एक हिस्सा है। यह पिछले 50 करोड़ सालों से बहुकोशिकीय जीवों के जीनोम में विकसित हो रहा है। अब तक 1000 से ज्यादा माइक्रो RNA जीन मानव जीनोम में खोजे जा चुके हैं।
माइक्रो RNA: कोशिकीय नियंत्रण और शारीरिक विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका
माइक्रो RNA की 3 प्रमुख विशेषताएं हैं: –
1. इसके बिना शरीर में कोशिकाएं और टिश्यू विकसित नहीं हो सकते।
2. असामान्य बदलाव से कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
3. जीन कोडिंग में म्यूटेशन से सुनने की क्षमता, आंखों और शारीरिक बनावट पर असर पड़ता है।
सोए गैरी रुवकन को नींद से जगाकर दी गई नोबेल पुरस्कार की जानकारी
गैरी रुवकुन को जब नोबेल प्राइज के बारे में बताया गया, तब वह गहरी नींद में थे। नोबेल कमेटी ने उन्हें जगाकर पुरस्कार मिलने की जानकारी दी। 7 से 14 अक्टूबर तक विज्ञान, साहित्य, अर्थशास्त्र और शांति के क्षेत्र में पुरस्कार दिए जाएंगे। ये पुरस्कार स्वीडन के स्टॉकहोम में दिए जा रहे हैं। हर विजेता को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी लगभग 8.90 करोड़ रुपए मिलेंगे।
नोबेल पुरस्कार की स्थापना कैसे हुई
नोबेल प्राइज की स्थापना स्वीडिश वैज्ञानिक और डायनामाइट के आविष्कारक “अल्फ्रेड नोबेल” ने की थी। उन्होंने अपनी वसीयत में, अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा इस पुरस्कार के लिए निर्धारित किया, ताकि इसे विज्ञान, साहित्य, शांति, और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को दिया जा सके। पहला नोबेल पुरस्कार 1901 में प्रदान किया गया था।