मनुष्य को जब क्षुधा सताती है तो भोजन की तलाश करता है। मनुष्य का शरीर भोजन के बिना चल ही नहीं पता है। जिसमें शाकाहारी भोजन का मनुष्य जीवन में बहुत ही अहम भूमिका है। शाकाहारी आहार वह है जिसमे केवल पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है, जैसे बीजदार फल, सब्जियां, अनाज, हरे पत्ते आदि। शाकाहारी भोजन अपनाने से कई स्वास्थ्य लाभ भी होते है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं :-
- पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
- मनुष्य का ऊर्जा स्थर बढ़ता है।
- वजन नहीं बढ़ता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
- पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, क्योंकि पशुओं को पालने से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलती है।
- शाकाहारी भोजन में कम कोलेस्ट्रॉल और सेचुरेटेड फैट होते हैं।
- वजन कम करने में मदद मिलती है।
- शाकाहारी भोजन से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शाकाहारी भोजन में संतुलन बनाना चाहिए ताकि शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रयाप्त मात्रा में मिल सकें। मांसाहार मनुष्य के लिए नहीं है क्योंकि न तो मनुष्य के दांतों की बनावट मांस खाने के लिए है और न ही उसके शरीर के अंगों की।
शाकाहार भोजन में खाद्य पदार्थ शामिल होने वालों के नाम है
फल; सब्जियां में कमल की जड़, कमल का तना आदि भी शामिल होता है; अनाज; दालें; नट्स और बीज; तेल और घी; मसाले; डेयरी उत्पाद; सोया उत्पाद जैसे सोया दूध, टोफू, सोया चंक्स, आदि तथा अन्य: जैसे चाय, काफी, चॉकलेट, आदि आदि।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शाकाहारी आहार में मांस, मछली, अंडे और अन्य पशु उत्पादों का सेवन नहीं किया जाता है।
शाकाहारी भोजन अति महत्वपूर्ण है जिसका उल्लेख पृथ्वी पर प्राप्त जितने भी पवित्र सतग्रंथ हैं उन सब में आता है।
- शुरुआत करते है पवित्र बाइबल से जिसमे स्पष्ट किया है कि परमात्मा ने छ: दिन में श्रृष्टि रची और मनुष्यों के खाने के लिए बीजदार फल, हरी सब्जियां, आदि और पशुओं के लिए छोटी छोटी हरी घास खाने को बनाई है, अर्थार्थ पशुओं के लिए भी मांसाहार का आदेश नहीं।
- फिर देखते है पवित्र वेद; इनमे भी शकरी भोजन का ही आदेश है। भारत वर्ष के आदि ग्रंथ — ऋग्वेद के साथ ही अथर्ववेद, मनुस्मृति, महाभारत आदि में शाकाहार को मानवीय आहार बताया गया है।
- गीता में गीता ज्ञान दाता भगवान ने अपने प्रिय भोजन में केवल शाकाहारी भोजन एवं मीठे पकवान का ही वर्णन किया है।
- आयुर्वेद के प्रकांड विद्वान चरक एवं सुश्रुत ने मांस व शराब की गणना तामसिक भोजन के रूप में की है।
- फिर बात करते है पवित्र कुरान की जिसमे तो अल्लाह ने समस्त जीवों पर रहम का आदेश दिया है अर्थात मांसाहार निषेद है।
- पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब; जिसमें शाकाहारी भोजन को ही उच्च कोटि का आहार बताया है।
पवित्र सतग्रंथो में तो सभी जीवों के लिए शाकाहारी रहने का आदेश है। अतः यह सिद्ध है कि शाकाहार मनुष्य के लिए है।