Top 5 Tips For Healthy Lifestyle: आज के इस आधुनिक युग में स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना न केवल विकल्प है, बल्कि यह एक ज़रूरत भी बन गई है। इसलिए आज की इस भागदौड़ वाली ज़िंदगी में स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गया है। व्यस्त दिनचर्या तथा बदलती जीवनशैली एवं खानपान की खराब आदतों के कारण लोग तेजी से बीमारियों के साथ-साथ तनाव का भी शिकार हो रहे हैं। स्वस्थ जीवनशैली का मतलब, बीमारी से मुक्त होना या बीमारी से बचाव नहीं है बल्कि यह शरीर(Body), मन, और आत्मा(Soul) की समग्र देखभाल से जुड़ा है।
एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि शरीर और मन की देखभाल के साथ-साथ हम आत्मा को भी पोषण दें। संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, तनावरहित जीवन, मानसिक शांति तथा चीज़ों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण यह सब मिलकर एक सकारात्मक और स्वस्थ जीवनशैली की बुनियाद रखते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे हम स्वस्थ जीवनशैली की ओर अपने कदम आगे बढ़ा सकते हैं तथा एक सकारात्मक एवं स्वस्थ जीवनशैली के मुख्य घटक क्या हैं।
1. सर्व प्रकार के नशे से बनाएं दूरी
Top 5 Tips For Healthy Lifestyle: जो लोग इस मानव जीवन का महत्व समझते है उन्हें सर्व प्रकार के नशे से दूरी बनानी चाहिए। किसी भी हाल में किसी भी प्रकार के नशे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि नशे की आदत से मनुष्य का जीवन पशु के समान हो जाता है। आज कलयुग के इस दौर में जीवन इतना नीचे गिर गया है कि पुरुष के साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर नशे में धुत हैं। नशे की आदत से इस पवित्र मानव शरीर के मूल्य एवं महत्ता को न समझकर वे न जाने अपने जीवन में कितने सारे बुरे कर्मों को जोड़ रहे हैं। अपनी ज़िंदगी तो शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से बरबाद कर ही रहे है,साथ ही अपने साथ जुड़े लोगों के साथ भी खिलवाड़ कर रहे है।
ईश्वर के संविधान अनुसार नशा को पाप कहा गया है।
परमेश्वर कबीर साहेब ने अपनी शिक्षा में बताया है कि:
“मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म स्वान के जानी”
अर्थात जो लोग 1 बार भी शराब का सेवन करते हैं, उन्हें 70बार कुत्ते के जन्म का श्राप मिलता है।
नशे की लत ने आज लाखों लोगों की ज़िंदगी तबाह करके उनका घर उजाड़ दिया है। धूम्रपान, शराब तथा अन्य प्रकार की नशीली चीज़ों का सेवन सिर्फ हानि पहुंचाता है, अतः इन हानिकारक आदतों से दूरी बनाकर मानव शरीर को दीर्घकालिक नुकसान से बचाया जा सकता है तथा एक स्वस्थ जीवशैली के लिए इसे त्यागना ज़रूरी है।
Tips For Healthy Lifestyle: 2. फास्टफूड, मांसाहार तथा बाजार के खाने को कहें अलविदा
Top 5 Tips For Healthy Lifestyle: कहते है “जैसा खावै अन्न, वैसा होवै मन” यह प्रसिद्ध कहावत प्रत्यक्ष रूप से भोजन के साथ हमारे मन की स्थिति के बीच के संबंध को उजागर करती है। जैसा भोजन हम ग्रहण करते है उसका सीधा प्रभाव हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
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Top 5 Tips For Healthy Lifestyle: आज के इस दौर में फास्टफूड और प्रॉसेसड फूड का ज्यादा चलन है। व्यस्त दिनचर्या या यूं कहो तो व्यस्त जीवनशैली के अनुसार लोग फैंसी और स्वादिष्ट दिखने के साथ साथ जल्दी पकने वाले खाना खाने को प्राथमिकता देते है। स्वस्थ भोजन का चयन न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि हमारे मन को शांत रखता है और एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। आयुर्वेद के अनुसार भी हमारे भोजन को 3 प्रकारों में विभाजित किया गया है:
- तामसिक भोजन-: तामसिक भोजन का सेवन मनुष्य में आलस्य, अवसाद तथा नकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देता है। तामसिक भोजन में बासी, भारी या मांस, शराब, जंकफूड और पैकेट बंद खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
- राजसिक भोजन-: राजसिक भोजन का अत्यधिक सेवन क्रोध, तनाव और बेचैनी को बढ़ावा देता है। मानसिक शांति पर नकारात्मक प्रभाव होता है, राजसिक भोजन में मुख्य रूप से मसालेदार, तैलीय तथा अधिक तला भुना खाना शामिल है।
- सात्विक भोजन-:सात्विक भोजन मन को शांत, स्थिर और सुखद एहसास कराता है। तथा इससे आध्यात्मिक विकास होता है। इसमें हरी सब्जियाँ, ताज़ा, शुद्ध और प्राकृतिक भोजन शामिल है।
यदि हम अपनी दिनचर्या में सात्विक भोजन को शामिल करें तथा फास्टफूड और मांसाहार का त्याग कर ताज़ा हरी सब्जियों का चयन करते है तो यह निश्चित ही बदलाव लायेगा। इसीलिए हमें अपने भोजन का चयन समझदारी से करना चाहिए ताकि हम एक सुखद, संतुलित तथा स्वस्थ जीवन जी सकें।
3. उठने से लेकर सोने तक एक व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करें
Top 5 Tips For Healthy Lifestyle: स्वस्थ जीवनशैली की बुनियाद में यह एक अहम व महत्वपूर्ण घटक है। प्रत्येक को यह चाहिए कि सुबह उठने से लेकर सोने तक हमारी दिनचर्या सकारात्मक हो। सुबह उठते ही भगवान को एक नए दिन के लिए आभार व्यक्त करते हुए अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं। पर उसके लिए ज़रूरी है पर्याप्त नींद। अच्छी सेहत के लिए रोज़ाना 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लेना अति आवश्यक है। पर्याप्त नींद शरीर को एक नई ऊर्जा प्रदान करने के साथ साथ मस्तिष्क को पुनः स्फूर्ति देती है। नींद की कमी के वजह से कई समस्याएं उत्पन्न होती है जैसे -: तनाव, थकान, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आती है।
अच्छी नींद के लिए एक अच्छी रात्रि दिनचर्या की आवश्यकता है। सुबह उठने से लेकर सोने तक अपनाए जा सकने वाली दिनचर्या में शामिल है -:
- समय पर भोजन करें,
- संतुलित व पौष्टिक आहार लें,
- स्क्रीन टाइम कम करें,
- सोने का समय तय करें, आरामदायक माहौल बनाएं,
- नियमित शारीरिक गतिविधि,
- सकारात्मक सोच अपनाएं,
- समय प्रबंधन तथा प्राथमिकताएं तय करें,
- परिवार के साथ समय बिताएं,
- सत्संग तथा आध्यात्मिक किताबों को समय दें।
Tips For Healthy Lifestyle: 4. तनाव रहित जीवन : शांति और सन्तुलन की ओर एक कदम
मानसिक स्वास्थ्य उतना ही ज़रूरी है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य। आधुनिक दौर की प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में तनाव लगभग सामान्य अनुभव बन चुका है। व्यक्तिगत दबाव के साथ काम का दबाव, भविष्य की चुनौतियों तथा न जाने कितनी जीवन की अनिश्चितताओं ने लोगों को मानसिक तथा शारीरिक रूप से प्रभावित किया है। भले ही तनाव एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया हो सकती है पर जब यह लगातार बना रहता है तब हमारे स्वस्थ, मनोबल जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
5. अध्यात्म : स्वस्थ जीवन का अभिन्न हिस्सा
Top 5 Tips For Healthy Lifestyle: 21वीं शताब्दी की इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजग तो हो गए लेकिन अध्यात्म के महत्वपूर्ण पहलू को नज़रंदाज़ कर रहे हैं। “अध्यात्म” कहने का अर्थ सिर्फ धार्मिक आस्थाओं या पूजा पाठ तक सीमित नहीं है बल्कि यह तो जीवन की एक गहरी समझ और शांति की खोज से जुड़ा है। अध्यात्म का सीधा संबंध आत्मा से होता है।
आध्यात्मिक स्वास्थ्य का अर्थ जीवन में सही दिशा का अनुभव कर सही राह चुनना, जो कि आंतरिक खुशी देने के साथ मानसिक संतुलन भी बनाए रखता है। तथा जीवन में हमें भौतिक उलझनों से मुक्त कर शरीर, मन और आत्मा के बीच एक अद्वितीय सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है। अध्यात्म हमें सिखाता है कि जीवन में शांति बाहरी परिस्थितियों पर नहीं, बल्कि आंतरिक स्थिति पर निर्भर करती है। तथा इसके लिए हम सत्संग तथा आध्यात्मिक पुस्तकों का सहारा ले सकते हैं।
वर्तमान समय में धरती पर अवतार जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने अपनी शिक्षा में स्पष्ट किया है:
“मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार,
तरुवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डार।”
अर्थ साफ स्पष्ट है कि यह मनुष्य जीवन हमें बहुत ही मुश्किल से प्राप्त हुआ है, और यह बार बार मिलना कठिन है। बेहतर है कि इसका सदुपयोग कर जिया जाए, क्योंकि यह मानव जीवन एक पेड़ के पत्ते के समान है जो एक बार टूटकर पेड़ से नीचे गिर जाता है तो दोबारा उसी पेड़ पर लगना मुश्किल है। वैसे ही मनुष्य जीवन भी एक बार खत्म हो जाने पर दोबारा नहीं मिलता। कबीर साहेब की इस वाणी से संत रामपाल जी महाराज जी ने मनुष्य जीवन का महत्व स्पष्ट किया है।
निष्कर्ष
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग से हमें पता चलता है कि मानव जीवन प्राप्त कर जो व्यक्ति शुभ कर्म नहीं करता है उसका जीवन नरक बन जाता है। नशा करने वाले व्यक्ति का वर्तमान तो बर्बाद होता ही है साथ ही उसका भविष्य भी नरक बन जाता है। नशा इंसान को राक्षस बना देता है।
पूर्व जन्म में शुभ कर्म कर हमें मानव शरीर प्राप्त होता है। तथा उसी के अनुसार हमें अच्छा मनुष्य जीवन मिला है साथ ही अच्छा भोजन प्राप्त है, जब चाहो खाना खाओ, जब प्यास लगे पानी पी लो। भगवान ने हमारे खाने का प्रबंध करके ही हमें इस धरती पर भेजा है, तो क्यों न हम भोजन का चयन भी भगवान के अनुसार करें। इच्छा हो तो दूध चाय पियो, फल मेवा , काजू बादाम खाओ लेकिन क्षण भर के स्वाद के लिए बेजुबान जानवरों को बक्श दो।
आध्यात्मिकता का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। कई शोधों ने यह भी सिद्ध किया है कि आध्यात्मिक जीवनशैली अपनाने वाले लोग ज्यादा स्वस्थ रहते हैं। इसका कारण यह है कि आध्यात्मिकता तनाव को कम करती है जिससे हृदय रोग जैसी तनाव जनित अन्य बिमारियों का खतरा कम हो जाता है।
वर्तमान में धरती पर अवतार जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही वह पूर्ण संत हैं जो शास्त्राअनुकुल सही भक्ति विधि बताकर एक स्वच्छ व स्वस्थ जीवन प्रदान कर रहे हैं। तथा मनुष्य को जीने की एक नई राह बता रहे हैं।
नशे की आदत को छोड़ने के लिए लोग न जाने क्या क्या तरकीबें अपनाते हैं, नशा मुक्ति केंद्र से लेकर तांत्रिकों का सहारा लेते हैं। इसके बावजूद भी नशा से छुटकारा नही पाते लेकिन वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर सही विधि से भक्ति कर हमेशा हमेशा के लिए नशा छोड़ देते हैं।
अंततः अगर आप भी नशा त्याग कर एक अच्छा स्वच्छ व स्वस्थ जीवन अपनाना चाहते हैं तो आज ही आप भी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा ले कर अपना कीमती मनुष्य जीवन बरबाद होने से बचा सकते हैं।