गरीब, अलल पंख अनुराग है, सुन्न मण्डल रहै थीर।
दास गरीब उधारिया, सतगुरु मिले कबीर।।
आध्यात्मिक जगत के महान संत गरीबदास जी महाराज के बोध दिवस के शुभ अवसर पर 9, 10 और 11 मार्च 2025 को नेपाल सहित भारत के 11 सतलोक आश्रमों में एक भव्य तीन दिवसीय महा समागम का आयोजन किया गया । यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक सुधार और मानवता के उत्थान के लिए भी विशेष महत्व रखता है। मनुष्य जीवन के वास्तविक लक्ष्य को समझने और उसे हासिल करने के उद्देश्य को प्राप्त करने की क्षमता प्राप्त कराता हैं ।
इस दिव्य आयोजन में अमरग्रंथ साहिब का अखंड पाठ, विशाल सत्संग, चौबीस घंटे भंडारा, रक्तदान शिविर, नेत्र और दंत चिकित्सा शिविर और दहेज मुक्त विवाह (रमैणी) जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और सामाजिक लाभ प्राप्त हुआ।
संत गरीबदास जी महाराज: जीवन परिचय और बोध दिवस का महत्व
संत गरीबदास जी महाराज का परिचय
संत गरीबदास जी महाराज भारतीय भक्ति परंपरा के एक महान संत थे, जिनका जन्म सन 1717 (विक्रमी संवत 1774) में हरियाणा के छुड़ानी गाँव में हुआ। वे कबीर पंथ के प्रमुख संतों में से एक थे, जिन्हें स्वयं परमेश्वर कबीर साहेब ने सत्यज्ञान प्रदान किया और सत्यलोक का दर्शन करवाया।
बोध दिवस की अद्भुत घटना
जब संत गरीबदास जी महाराज मात्र 10 वर्ष के थे, तब एक अद्भुत घटना घटी। नित्य की भाँति एक दिन जब वे अन्य ग्वालों के साथ गायें चरा रहे थे और एक जांडी वृक्ष के नीचे भोजन कर रहे थे, तभी परमेश्वर कबीर साहेब जी जिंदा महात्मा के वेश में वहां प्रकट हुए।
जब गरीबदास और उनके साथियों ने उन्हें भोजन करने का आग्रह किया, तो कबीर साहेब जी ने कहा कि वे केवल कुंवारी गाय (बछिया) का दूध ही ग्रहण करेंगे। गरीबदास जी ने जब बछिया के थनों के नीचे मिट्टी का पात्र रखा, तो कबीर परमेश्वर की कृपा से वह बछिया तुरंत दूध देने लगी। इस चमत्कार से गरीबदास जी को अहसास हुआ कि ये कोई साधारण महात्मा नहीं हैं। परमेश्वर कबीर साहेब ने थोड़ा दूध पीकर बचा दूध ग्वालों को पीने के लिए कहा। केवल बालक गरीबदास जी ने वह दूध पिया,जब कि अन्य ग्वाले इसे तंत्र मंत्र समझकर वहाँ से चले गए ।
इसके बाद, कबीर साहेब जी ने गरीबदास जी की आत्मा को शरीर से अलग करके सत्यलोक सहित समस्त लोकों का दर्शन कराया, जिसमें:
1. काल ब्रह्म के 21 ब्रह्मांड के सभी लोक (जहां जीव जन्म-मरण के चक्र में फंसे रहते हैं)
2. अक्षर पुरुष का लोक
3. सतलोक (परमधाम) – पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब का निज धाम
इस प्रकार संत गरीबदास जी महाराज को स्वयं कबीर परमेश्वर से तत्वज्ञान प्राप्त हुआ और उन्होंने अपने जीवन को सत्य के प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया।
अमर ग्रंथ सद्ग्रंथ साहिब की रचना
एक बार हरियाणा के छुड़ानी गाँव में दादूपंथी संत गोपालदास जी, जो कि वैश्य जाति से थे, आए। उस समय संतों का बहुत सम्मान किया जाता था और लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनके पास जाया करते थे। गाँव वालों ने संत गोपालदास जी को संत गरीबदास जी के साथ घटित चमत्कारिक घटनाओं के बारे में बताया, जिसमें उनका मृत्यु के बाद पुनः जीवित होना और “अनोखी बातें” करना शामिल था।
लोगों का मानना था कि एक संत ही दूसरे संत की विद्या को समझ सकता है। इसलिए संत गोपालदास जी ने गरीबदास जी को बुलाया और उनसे पूछा कि वे किससे मिले थे और किस कारण उनका जीवन बदल गया।
गरीबदास जी का उत्तर और उनकी दिव्य वाणी
गरीबदास जी महाराज ने विनम्रता से उत्तर दिया कि जो बाबा उनसे मिले थे, वे कोई साधारण संत नहीं, बल्कि स्वयं पूर्ण परमेश्वर थे। उन्होंने गरीबदास जी को सत्य ज्ञान दिया और उनका जीवन धन्य कर दिया। इसके बाद, गरीबदास जी ने अपनी अमर वाणी का उच्चारण किया:
“गरीब, अलल पंख अनुराग है, सुन मंडल रहै थीर।
दास गरीब उधारिया, सतगुरु मिले कबीर।।”
“गरीब, जम जौरा जासे डरें, मिटें कर्म के लेख।
अदली असल कबीर हैं, कुल के सतगुरु एक।।”
गरीबदास जी महाराज की इन वाणियों को सुनकर संत गोपालदास जी समझ गए कि यह बालक सच में परमेश्वर से मिल चुका है।
सद्ग्रंथ साहिब की रचना
संत गोपालदास जी ने गरीबदास जी महाराज से उनकी सभी वाणियों को लिखित रूप में संकलित करने का आग्रह किया। तब बेरी के बाग में एक जांडी के वृक्ष के नीचे, गरीबदास जी ने गोपालदास जी से अपनी दिव्य वाणियों को लिपिबद्ध करवाया।
लगभग छह महीनों में यह कार्य पूर्ण हुआ और “सद्ग्रंथ साहिब” (अमरग्रंथ साहिब) की रचना हुई। यह ग्रंथ 24,000 अमर वाणियों का संकलन है, जो किसी भी अन्य संत के ग्रंथों से अधिक हैं।
संत गरीबदास जी महाराज के चमत्कार
संत गरीबदास जी महाराज साधारण संत नहीं थे, बल्कि वे परमेश्वर कबीर साहेब के अवतार थे। परमेश्वर की लीलाएँ सामान्य मानव बुद्धि की समझ से परे होती हैं।
कबीर साहेब द्वारा भविष्यवाणी
लगभग 600 वर्ष पहले, जब कबीर साहेब पृथ्वी पर आए थे, तब उनके 64 लाख शिष्य हुए थे। उन्होंने सबकी परीक्षा ली, लेकिन कोई भी उसमें उत्तीर्ण नहीं हुआ।
उनके दो भक्त अर्जुन और सर्जुन भी पूर्ण रूप से उत्तीर्ण नहीं हो सके। उन्होंने कबीर साहेब से क्षमा याचना की और उनसे पुनः उद्धार का अवसर मांगा। तब कबीर साहेब ने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा कि उनका उद्धार अब स्वयं कबीर साहेब से नहीं, बल्कि उनके दूसरे रूप “गरीबदास” से होगा।
इसके बाद, अर्जुन और सर्जुन कई वर्षों तक जीवित रहे और जब गरीबदास जी महाराज इस पृथ्वी पर अवतरित हुए, तब उन्होंने अर्जुन और सर्जुन को नाम उपदेश देकर भवसागर से पार किया।
“संत वह नहीं जो केवल चमत्कार करे, और वह भी संत नहीं जिससे कोई चमत्कार न हो सके।”
संत गरीबदास जी महाराज द्वारा किए गए प्रमुख चमत्कार
गरीबदास जी महाराज ने असंख्य चमत्कार किए, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
- छुड़ानी गाँव में गंगा को प्रवाहित करना।
- नाथ संप्रदाय के महान संत मस्तराम को तत्वज्ञान देकर सच्ची भक्ति की राह दिखाना।
- नौ योगेश्वरों और तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं को भोजन कराना।
- छुड़ानी में पड़े भीषण अकाल को समाप्त करना।
- मालखेड़ी गाँव में तंबाकू निषेध की स्थापना करना।
- गाँव बेरी, हरियाणा में हरलाल जाट को सतज्ञान प्रदान करना।
- राठी और छारा गाँव के जाटों के बीच भाईचारा कायम करवाना।
इन सभी घटनाओं से यह सिद्ध होता है कि संत गरीबदास जी महाराज केवल एक संत नहीं, बल्कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार थे। उनकी वाणियाँ आज भी समाज को सही मार्गदर्शन प्रदान कर रही हैं और हमें सत्य भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।
बोध दिवस महा समागम
हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को संत गरीब दास जी का बोध दिवस (बोध दिवस) भव्य रूप से मनाया जाता है। इस महासमागम में संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सत्संग, भंडारा, रक्तदान शिविर और दहेज मुक्त विवाह (रमैणी) जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नेपाल सहित भारत के 11 सतलोक आश्रमों में 9-10-11 मार्च 2025 को तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
संत गरीबदास जी महाराज का बोध दिवस सत्यज्ञान और मोक्ष के वास्तविक मार्ग को समझने का अवसर प्रदान करता है। उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज को आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से जागरूक कर रही हैं।
उनकी प्रमुख शिक्षाओं में शामिल हैं:
- गृहस्थ जीवन में भक्ति: उन्होंने सिद्ध किया कि संन्यासी बनकर नहीं, बल्कि गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी पूर्ण भक्ति और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।
- उन्होंने जाति-धर्म के भेदभाव का सदैव खंडन किया।
- सामाजिक बुराइयों का विरोध: उन्होंने दहेज प्रथा, मद्यपान और अन्य सामाजिक कुरीतियों का दृढ़ता से विरोध किया।
तीन दिवसीय महा समागम की विशेषताएं
आयोजन स्थल
यह भव्य महा समागम भारत और नेपाल सहित 11 सतलोक आश्रमों में एक साथ आयोजित किया गया है:
1. सतलोक आश्रम धनाना धाम (हरियाणा)
2. सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
3. सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा)
4. सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली)
5. सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब)
6. सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब)
7. सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान)
8. सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश)
9. सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश)
10. सतलोक आश्रम इंदौर (मध्य प्रदेश)
11. सतलोक आश्रम धनुषा जनकपुर (नेपाल)
प्रमुख कार्यक्रम
इस तीन दिवसीय महा समागम में विभिन्न आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए गए :
1. अमरग्रंथ साहिब के अखंड पाठ
संत गरीबदास जी महाराज की अमर वाणियों से युक्त अमरग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का आयोजन किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हुई ।
2. विशाल भंडारा
तीनों दिन निरंतर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया , जिसमें देशी घी से बने स्वादिष्ट व्यंजन श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में परोसे गए । विशेष प्रसाद में शामिल हैं:
- लड्डू प्रसाद (देशी घी में निर्मित)
- हलवा प्रसाद (शुद्ध देशी घी से कढ़ाहे में बना)
- पूड़ी-सब्जी आदि स्वादिष्ट व्यंजन
- 24 घंटे नि:शुल्क भंडारा सेवा
3. आध्यात्मिक प्रदर्शनी
परमेश्वर कबीर साहेब के सतज्ञान और संत गरीबदास जी के जीवन पर आधारित विभिन्न विषयों को दर्शाया गया है । संत रामपाल जी के सानिध्य में उनके सत्संगों पर आधारित शिक्षाओं को भी चित्र रूप और पुस्तकों की सहायता से सतज्ञान को श्रद्धालुओं को आसानी से समझाया गया है ।
4. विशाल सत्संग
सभी आश्रमों में विशाल सत्संग पंडाल स्थापित किए गए,जहां श्रद्धालु संत रामपाल जी महाराज के दिव्य प्रवचनों का लाभ उठा सकें । संत रामपाल जी महाराज के सत्संग का सीधा प्रसारण 11 मार्च को सुबह 9:30 बजे श्रद्धा टीवी, Sant Rampal Ji Maharaj YouTube चैनल और Facebook पेज पर भी किया गया।
5. पुस्तकालय
संत रामपाल जी महाराज द्वारा सद्ग्रंथों के आधार पर रचित पवित्र पुस्तकों को रखा गया है । श्रद्धालु अपनी रुचि के अनुसार पुस्तकों को पढ़ सकते हैं ।
महासमागम में परमार्थ सेवा कार्य
1. दहेज मुक्त विवाह (रमैणी)
समाज में फैली दहेज प्रथा जैसी कुरीति को समाप्त करने के लिए 10 मार्च को सामूहिक दहेज मुक्त विवाह आयोजित किए गए । ये विवाह केवल 17 मिनट में पूर्ण किए गए , जो संत गरीबदास जी और संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधारक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
2. रक्तदान शिविर
मानवता की सेवा के लिए विशेष रक्तदान शिविर आयोजित किए गए , जिनमें सैकड़ों यूनिट रक्त एकत्रित किया गया । यह कार्यक्रम आध्यात्मिकता के साथ-साथ सामाजिक सेवा का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है।
3. चिकित्सा शिविर
महासमागम में नेत्र एवं दन्त चिकित्सा शिविरों की भी व्यवस्था की गई थी । सुदूर ग्रामों से आने वाले में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या यहाँ आती है । उनके से अधिकांश लोगों ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा का लाभ उठाया।
4. देहदान संकल्प पंजीकरण शिविर
इस विशेष शिविर में आने वाले श्रद्धालुओं को उनके राष्ट्र संकल्प के प्रति भी बोध कराया गया । जीवन न रहने के उपरांत भी अपनी देह को दान देने से चिकित्सा जगत को अन्वेषण करने के लिए कैसे सहायता मिलती है । प्रेरित जन समुदाय ने देहदान संकल्प पत्र भरे ।
गरीबदास जी बोध दिवस – रक्तदान, रमैणी विवाह, और देहदान संकल्प: आँकड़े
आश्रम | रक्तदान (यूनिट) | रमैणी विवाह (संख्या) | देहदान संकल्प |
सतलोक आश्रम धनाना धाम | 125 | 20 | – |
सतलोक आश्रम भिवानी | 112 | 6 | – |
सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र | 165 | 6 | – |
सतलोक आश्रम मुंडका | – | 7 | – |
सतलोक आश्रम शामली | 52 | 8 | – |
सतलोक आश्रम धूरी | 80 | 0 | – |
सतलोक आश्रम खमानो | 115 | 0 | – |
सतलोक आश्रम इंदौर | 99 | 11 | 108 |
सतलोक आश्रम धनुषा, नेपाल | 66 | 9 | – |
सतलोक आश्रम बैतूल | 378 | 38 | 2713 |
सतलोक आश्रम सोजत | 218 | 25 | 62 |
कुल योग (Grand Total) | 1410 | 130 | 2883 |
संत रामपाल जी महाराज: वर्तमान में एकमात्र तत्वदर्शी संत
वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज को पूर्ण तत्वदर्शी संत के रूप में जाना जाता है। उन्होंने संत गरीबदास जी महाराज के सतज्ञान को विश्वभर में प्रचारित किया है। उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शन से:
- लाखों लोगों ने नशा, दहेज, भ्रूण हत्या जैसी बुराइयों को त्यागा है
- शास्त्रानुकूल भक्ति मार्ग को अपनाकर सुखी जीवन प्राप्त किया है
- समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरुद्ध जागरूकता बढ़ी है
संत रामपाल जी महाराज ने शास्त्र-सम्मत भक्ति मार्ग को सभी धर्मों के प्रमाणों से सिद्ध किया है और लाखों लोगों को सत्य ज्ञान से अवगत कराया है जिससे वे अपने मानव जीवन को चरितार्थ कर पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर सकें ।
महा समागम में श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं
इस महा समागम में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं:
विशाल पंडाल : सभी आश्रमों में विशाल सत्संग पंडाल स्थापित किए गए हैं, जहां श्रद्धालु आरामदायक ढंग से बैठकर सत्संग का लाभ उठा सकें।
ठहरने की व्यवस्था : सभी श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क ठहरने की व्यवस्था की गई । ठंड को ध्यान में रखते हुए रजाई-कंबल की भी व्यवस्था की गई है।
भोजन व्यवस्था : 24 घंटे निःशुल्क भंडारे की व्यवस्था की गई है, जिसमें सभी श्रद्धालुओं को शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया गया ।
स्वच्छ पेयजल और स्नान सुविधाएं : श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल और स्नान गृह की व्यवस्था की गई ।
विशाल पार्किंग क्षेत्र: वाहनों के सुरक्षित पार्किंग के लिए विशाल पार्किंग क्षेत्र बनाए गए ।
जूता घर और सुरक्षा व्यवस्था: श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल आदि की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, साथ ही समग्र सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
आवागमन की व्यवस्था : निकटतम रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से सतलोक आश्रम तक लाने और वापस छोड़ने की समुचित व्यवस्था पूर्ण निःशुल्क की गई थी ।
इस दिव्य समागम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पधारें!
संत गरीबदास जी महाराज के बोध दिवस के इस भव्य महा समागम में सभी धर्म और जाति के श्रद्धालु सादर आमंत्रित किए गए । यह अवसर सभी के जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने और सच्चे भक्ति मार्ग से जुड़ने का अनमोल अवसर माना गया है।
मोक्ष और भक्ति के सच्चे पिपासु अपने परिवार, मित्र और परिचितों के साथ इस आध्यात्मिक पर्व से जुड़े और इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनें।
जो श्रद्धालु अपने निकट के सतलोक आश्रमों में स्वयं नहीं आ पाए उन्होंने लाइव सत्संग में जुड़कर आध्यात्मिक लाभ उठाया:
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संत रामपाल जी महाराज के भव्य आयोजनों का हिस्सा बनकर अपने जीवन को धन्य बनाएं।
संत गरीबदास जी महाराज का बोध दिवस हमारे जीवन में आध्यात्मिक परिवर्तन लाने का एक अद्वितीय अवसर है। उनकी शिक्षाएँ हमें सच्चे भक्ति मार्ग की ओर लेकर जाती हैं और समाज में व्याप्त कुरीतियों से मुक्त होने का मार्ग दिखाती हैं।
संत रामपाल जी महाराज के नेतृत्व में आयोजित यह तीन दिवसीय महा समागम न केवल आध्यात्मिक उत्थान का माध्यम है, बल्कि समाज सुधार और मानवता की सेवा का भी अनुपम उदाहरण है।
अगली बार इस अवसर को न चूकें और संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में भव्य आयोजनों का हिस्सा बनकर अपने जीवन को धन्य बनाएं।
संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेने के लाभ:
✅ जन्म-मरण से मुक्ति
✅ पाप कर्म समाप्त होते हैं
✅ शास्त्र-सम्मत भक्ति विधि प्राप्त होती है
✅ जीवन के कष्ट दूर होते हैं
➡️ सच्ची भक्ति अपनाकर मोक्ष प्राप्त करें!
संत रामपाल जी से नाम दीक्षा कैसे लें?
संत रामपाल जी महाराज से शास्त्र-सम्मत भक्ति विधि के अनुसार नाम दीक्षा लेने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का अनुसरण कर सकते हैं:
- ऑनलाइन नाम दीक्षा:
- Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel और Facebook Page पर सत्संग देखकर।
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- आधिकारिक वेबसाइट www.jagatgururampalji.org से जानकारी लें।
“हरदम खोज हनोज हाजर, त्रिवैणी के तीर हैं।
दास गरीब तबीब सतगुरु, बन्दी छोड़ो कबीर हैं।।”