हाल ही में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुए ज़फर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैकिंग मामले ने दक्षिण एशिया में तनाव को बढ़ा दिया है। इस घटना के बाद पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस आतंकी हमले में भारतीय एजेंसियों का हाथ हो सकता है। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए पाकिस्तान को आंतरिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
क्या है पूरा मामला?
11 मार्च 2025 को ज़फर एक्सप्रेस, जो कि पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर के बीच चलने वाली यात्री ट्रेन है, को बलूचिस्तान के पहाड़ी इलाकों में हाईजैक कर लिया गया था। इस ट्रेन में लगभग 450 यात्री सवार थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के आतंकियों ने रेलवे ट्रैक पर धमाका कर ट्रेन को रोक दिया और यात्रियों को बंधक बना लिया।
आतंकियों ने यात्रियों को जातीय आधार पर अलग किया और पाकिस्तानी सेना से जुड़े कुछ यात्रियों को निशाना बनाया। इस घटना में 33 आतंकवादी और 21 बंधकों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, 18 सैनिक, 3 रेलवे कर्मचारी और 5 नागरिक भी इस हमले में मारे गए थे। पाकिस्तान सेना द्वारा चलाए गए 48 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में 354 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया।
पाकिस्तान का आरोप
इस घटना के बाद पाकिस्तान की सेना और विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि आतंकियों के संपर्क अफगानिस्तान में मौजूद लोगों से थे और इस पूरे हमले में भारत का भी हाथ हो सकता है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने आरोप लगाया कि भारतीय एजेंसियां बलूच लिबरेशन आर्मी को समर्थन दे रही हैं। उन्होंने दावा किया कि आतंकियों के पास भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ के साथ संबंधों के सबूत हैं। हालांकि, पाकिस्तान ने इस दावे के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं किया।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद बताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बयान जारी करते हुए कहा,
“हम पाकिस्तान के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं। दुनिया जानती है कि आतंकवाद का केंद्र कहां है। पाकिस्तान को अपने आंतरिक मामलों की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए, न कि भारत पर दोष मढ़ना चाहिए।”
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि बार-बार भारत को निशाना बनाने की इस आदत से पाकिस्तान को बाज़ आना चाहिए और अपनी घरेलू समस्याओं के समाधान पर ध्यान देना चाहिए।
तालिबान ने भी किया पाकिस्तान के दावे का खंडन
पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान को भी इस घटना से जोड़ने के आरोपों को तालिबान ने खारिज कर दिया। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने बयान दिया कि,
>”अफगानिस्तान अपनी जमीन का उपयोग किसी भी आतंकी गतिविधि के लिए नहीं होने देता है। पाकिस्तान के आरोप निराधार हैं।”
राजनैतिक तनाव और क्षेत्रीय प्रभाव
ज़फर एक्सप्रेस हाईजैकिंग के बाद से ही पाकिस्तान और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों में और खटास आ गई है। पाकिस्तान के आरोपों ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान को अपने देश में सक्रिय आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जो लंबे समय से क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बने हुए हैं।
इस घटना ने एक बार फिर बलूचिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति को उजागर किया है। यह क्षेत्र लंबे समय से अशांति का केंद्र रहा है, जहां बलूच लिबरेशन आर्मी जैसे संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ विद्रोह छेड़ रखा है।
निष्कर्ष
ज़फर एक्सप्रेस हाईजैकिंग कांड ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत ने इन आरोपों को खारिज कर पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पाकिस्तान पर पहले भी आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं, ऐसे में भारत का जवाब यही संकेत देता है कि अब वैश्विक समुदाय भी पाकिस्तान की इन हरकतों से अच्छी तरह वाकिफ हो चुका है।