Nagpur Violence: सोमवार औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग के साथ नागपुर में हिंसा फैल गई। घटना मध्य नागपुर, महल इलाके की है लेकिन दोपहर तक हिंसा और आगजनी गणेशपेठ और कोतवाली तक फैल गई। चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तलाओ रोड क्षेत्र हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित रहे। घटना में चार लोग घायल हो गए हैं। फिलहाल धारा 144 के अंतर्गत शांति स्थापित की गई है तथा सुरक्षाबल सक्रिय है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिसबल की 20 टीमें सक्रिय हैं।
एक अफवाह बनी घटना की वजह: Riots In Nagpur
Nagpur Violence: दक्षिणपंथी समूह द्वारा नागपुर में औरंगजेब (Aurangzeb) की कब्र को हटाने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा था। इस प्रदर्शन में एक अफवाह फैली कि इस समूह द्वारा कुरान का अपमान करते हुए उस धार्मिक किताब को जलाया गया है।
इस अफवाह ने हिंसा को जन्म दिया और कई गाड़ियां जलाई गईं। दो समुदायों के लोग आपस में भिड़े और पुलिस ने शांति स्थापना के लिए आँसू गैस के गोले और लाठीचार्ज का सहारा लिया तब जाकर स्थिति काबू में आई। इस दौरान में चार लोग घायल हुए।
नागपुर हिंसा की मुख्य वजह
Aurangzeb Tomb Nagpur: नागपुर हिंसा की मुख्य वजह अफवाह थी। संभाजी नगर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र है इसे एक दक्षिणपंथी समूह ( विश्व हिंदू परिषद् तथा बजरंग दल जैसे समूह) हटाने की मांग कर रहा है। प्रदर्शन के वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुए। कथित तौर पर उन्होंने कलमा लिखा हुआ कपड़ा जला दिया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान ये अफवाह फैल गई कि किसी ने कुरान को जला दिया है।
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Nagpur Violence: थोड़ी ही देर में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल, कोतवाली, गणेशपेठ और चिटनिस पार्क समेत शहर के विभिन्न इलाकों में इकट्ठा होने लगे। इस घटना ने तनाव, पथराव और आगजनी की स्थिति बनाई और पुलिस को लाठीचार्ज, आँसू गैस के गोलों के माध्यम से स्थिति पर काबू करना पड़ा। इधर बजरंग दल के पदाधिकारियों का दावा है कि उन्होंने प्रदर्शन के तहत औरंगजेब का केवल पुतला दहन किया था।
Nagpur Violence: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की शांति की अपील
Nagpur violence: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति की अपील की तथा लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की बात कही है। उन्होंने बताया कि वे पुलिस के साथ लगातार संपर्क के हैं और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
उन्हें अपने बयान में कहा कि प्रदर्शन स्थल पर हुए पथराव और आगजनी की स्थिति को पुलिस ने संभाल लिया है। मुख्यमंत्री जी ने लोगों से पुलिस प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है तथा कहा है कि नागपुर की यह परंपरा रही है कि लोग एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होते हैं और सहयोग करते हैं। इसी के साथ उन्होंने किसी भी अफवाह को तूल न देने की सलाह लोगों को दी।
Nagpur Violence: नागपुर में धारा 144
पथराव और आगजनी की स्थिति काबू करने के बाद नागपुर में BNS की धारा 163 (IPC की धारा 144)लगाई गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस आयुक्त को कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए तथा अपने बयान में इस स्थिति को निंदनीय बताया। फलस्वरूप नागपुर के महल इलाके में धारा 144 (section 144) लगाई गई। धारा 144 यानी कर्फ्यू का काम लोगों को एक स्थान पर संगठित होने से रोकता है।
Nagpur Violence: पुलिस आयुक्त डॉक्टर रविंदर सिंघल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि उनसे मिलने कुछ लोग आए हुए थे तथा बताए गए नामों के आधार पर प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज की गई है। करीब 55 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं अगर चश्मदीद गवाहों की बात करें तो उन्होंने बताया कि वे हंसपुरी इलाके में रहते हैं।
बताया गया कि प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग वहां आए जिनके चेहरे ढके हुए थे और उनके हाथों में हथियार थे। उन्होंने दुकानों में तोड़फोड़ की और पत्थरबाजी की। कुछ गाड़ियां भी उन्होंने जलाईं। इलाके में दहशत का माहौल फैल गया। उस क्षेत्र को छोड़कर सारा शहर शांतिपूर्ण है। इधर औरंगजेब की कब्र पर एहतियातन सुरक्षा बढ़ाई गई है।