नोएडा और गाज़ियाबाद के निवासियों के लिए नए साल की शुरुआत एक बड़ी सौगात लेकर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो लाइन की आधारशिला रखी है, जिससे गाज़ियाबाद की मेट्रो कनेक्टिविटी सीधे हरियाणा तक विस्तारित होगी।
यह नई मेट्रो लाइन दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी। परियोजना की कुल लंबाई 26.5 किलोमीटर होगी, जिसमें 21 मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे। इसका निर्माण कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) द्वारा चार वर्षों में पूरा किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत ₹6,230 करोड़ है।
यह नया कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन का विस्तार होगा, जो वर्तमान में शहीद स्थल न्यू बस अड्डा, गाज़ियाबाद से रिठाला तक संचालित है। इस विस्तार से नरेला, बवाना और रोहिणी के कुछ क्षेत्रों के साथ-साथ नोएडा और गाज़ियाबाद के यात्रियों को हरियाणा के नाथूपुर तक सीधी मेट्रो सेवा मिलेगी, जिससे बार-बार मेट्रो बदलने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस परियोजना के तहत सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे, जिससे सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी। दिल्ली मेट्रो वर्तमान में 288 स्टेशनों के साथ लगभग 392 किलोमीटर की 12 लाइनों का संचालन करती है, और यह विस्तार इसे और भी व्यापक बनाएगा। यह परियोजना दिल्ली मेट्रो के फेज-4 विस्तार का हिस्सा है, जिसमें कुल छह कॉरिडोर शामिल हैं, जिनमें से तीन पर पहले ही काम शुरू हो चुका है।
केंद्र सरकार देगी लागत का 60%
रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो परियोजना की कुल लागत ₹6,230 करोड़ आंकी गई है। इस परियोजना की लागत तीन पक्षों के बीच बांटी जाएगी:
1. दिल्ली सरकार: परियोजना की लागत का 20% योगदान करेगी।
2. हरियाणा सरकार: हरियाणा सरकार 20% का योगदान देगी।
3. केंद्र सरकार: केंद्र सरकार इस परियोजना का 60% हिस्सा वहन करेगी, जिसमें फंडिंग और अन्य आर्थिक सहायता शामिल होगी।
इसके अलावा, ज़मीन अधिग्रहण और अन्य स्थानीय स्तर के खर्च संबंधित राज्य सरकारें उठाएंगी। DMRC (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) निर्माण कार्य की ज़िम्मेदारी संभालेगा।
परियोजना के महत्वपूर्ण फायदे
1. बेहतर कनेक्टिविटी:यह परियोजना दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन का विस्तार है, जो गाज़ियाबाद, नोएडा और हरियाणा के क्षेत्रों को सीधे जोड़ देगी।
2. समय की बचत:नए मेट्रो लाइन से यात्रा समय में कमी आएगी। लोग ट्रैफिक जाम से बचते हुए तेजी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
3. आर्थिक लाभ:बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
4. पर्यावरणीय लाभ:मेट्रो सेवा ट्रैफिक जाम और निजी वाहनों के उपयोग को कम करेगी, जिससे वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
5. सुविधाजनक यात्रा:एलिवेटेड स्टेशनों के साथ यात्रा सुरक्षित और आरामदायक होगी।
6. क्षेत्रीय विकास:मेट्रो स्टेशन के आसपास वाणिज्यिक और आवासीय गतिविधियों में वृद्धि होगी।
7. यात्री संख्या में वृद्धि:मेट्रो नेटवर्क बढ़ने से अधिक लोग मेट्रो सेवाओं का लाभ उठाएंगे, जिससे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।
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FAQ’s on नोएडा-हरियाणा मेट्रो कनेक्टिविटी
1. DMRC का पूरा नाम क्या है?
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
2. इस परियोजना के क्या-क्या महत्वपूर्ण फायदे हैं?
बेहतर कनेक्टिविटी, समय की बचत, पर्यावरणीय लाभ, सुविधाजनक यात्रा, क्षेत्रीय विकास, और यात्री संख्या में वृद्धि।
3. इस परियोजना की अनुमानित लागत कितनी है और किसका कितना योगदान रहेगा?
अनुमानित लागत ₹6,230 करोड़ है, जिसमें दिल्ली सरकार का 20%, हरियाणा सरकार का 20%, और केंद्र सरकार का 60% योगदान रहेगा।
4. इस परियोजना से पर्यावरणीय लाभ कैसे होगा?
मेट्रो सेवा ट्रैफिक जाम और निजी वाहनों के उपयोग को कम करेगी, जिससे वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
5. इस परियोजना से क्षेत्रीय विकास कैसे होगा?
मेट्रो स्टेशन के आसपास के इलाकों में वाणिज्यिक और आवासीय गतिविधियों में वृद्धि होगी, इंफ्रास्ट्रक्चर और सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार होगा।