रेलवे का परिचय
भारतीय रेलवे की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई थी, जब मुम्बई के बोरी बंदर से ठाणे के बीच 34 किमी की पहली रेल चली। इसमें 13 डिब्बे और 400 यात्री थे। इसे तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड डलहौज़ी ने हरी झंडी दी थी, जिन्हें भारतीय रेलवे का जनक भी कहा जाता है। रेलवे बोर्ड की स्थापना 1905 में हुई और 1951 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। आज देश में प्रतिदिन 22,593 ट्रेनें चलती हैं और 2.5 करोड़ यात्री यात्रा करते हैं।
आर्थिक योगदान
रेलवे के कारण कृषि उत्पाद को गंतव्य तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है, जिससे किसान लाभान्वित होते हैं। माल ढुलाई की कम लागत के कारण व्यापार को बढ़ावा मिलता है और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। रेलवे ने व्यापार, वाणिज्य और औद्योगिक विकास को गति दी है।
रोजगार का सृजन
भारतीय रेलवे में वर्तमान में 14 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं, जिनमें 1.1 लाख महिलाएं भी शामिल हैं। वर्ष 2024 तक 1824 महिला लोको पायलट रेलवे में कार्यरत थीं। रेलवे समय-समय पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है जिससे बेरोजगारी को कम करने में मदद मिलती है।
सामाजिक विकास में भूमिका
रेलवे ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुलभ बनाया है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक एकता को भी बढ़ावा मिला है। यह लोगों को भौगोलिक और सामाजिक रूप से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन चुका है।
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बुनियादी ढांचे का विकास
रेलवे ने पुलों, रेलवे स्टेशनों और मालवहन टर्मिनलों के माध्यम से बुनियादी ढांचे को विकसित किया है। यह भारत के बुनियादी ढांचे की रीढ़ बन चुका है।
पर्यावरण संरक्षण में योगदान
रेलवे ने ऊर्जा की बचत, प्रदूषण नियंत्रण और हरित प्रौद्योगिकियों के उपयोग के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा में अहम योगदान दिया है।
डिजिटल और तकनीकी प्रगति
भारतीय रेलवे ने डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत टिकटिंग सिस्टम, फ्रेट ऑपरेशन और यात्री सेवाओं में डिजिटल तकनीकों को अपनाया है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग, ट्रेन ट्रैकिंग, स्मार्ट कोच और ऑटोमेटेड सिग्नलिंग जैसी तकनीकें रेलवे को अधिक कुशल और पारदर्शी बना रही हैं। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा हुई है, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत हो रही है।
राष्ट्रीय एकता और आपदा प्रबंधन में योगदान
रेलवे देश के सुदूर क्षेत्रों को जोड़ने के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को सशक्त करता है। आपदा के समय राहत सामग्री, बचाव दल और चिकित्सा सुविधाओं को तुरंत प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचाने में रेलवे की अहम भूमिका होती है। कोविड-19 महामारी के दौरान चलाए गए ‘श्रमिक स्पेशल’ और ऑक्सीजन एक्सप्रेस जैसे अभियानों ने इसकी आपातकालीन क्षमताओं को प्रमाणित किया है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सतज्ञान
जैसे रेलवे देश को एक छोर से दूसरे छोर तक जोड़ती है, वैसे ही सतगुरू मानव को उसके जीवन के उद्देश्य से जोड़ते हैं। संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, सतज्ञान आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाता है। जैसे ट्रेन मार्गदर्शन के बिना नहीं चल सकती, वैसे ही मानव जीवन भी बिना तत्वदर्शी संत के अधूरा है।
FAQs: Indian Railways
• Q: रेलवे में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं?
Ans: 14 लाख से अधिक।
• Q: रेलवे में कितनी महिलाएं कार्यरत हैं?
Ans: 1.1 लाख से अधिक।
• Q: रेलवे प्रतिवर्ष कितने लोगों को रोजगार देता है?
Ans: रेलवे द्वारा हर वर्ष भर्ती अभियान चलाए जाते हैं, जिनमें हजारों अभ्यर्थियों को नियुक्त किया जाता है।
• Q: रेलवे का मुख्य कार्य क्या है?
Ans: माल और यात्री