SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटा: धराली गांव में मचा हाहाकार, बचाव कार्य जारी

Local

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटा: धराली गांव में मचा हाहाकार, बचाव कार्य जारी

SA News
Last updated: August 6, 2025 11:11 am
SA News
Share
flood-in-uttarakhand-uttarkashi
SHARE

उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में है। उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में एक भयावह बादल फटने की घटना ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी है। यह घटना मंगलवार दोपहर की है, जब अचानक हुई भारी बारिश के बाद खीर गंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में बादल फट गया। इसके परिणामस्वरूप, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने धराली गांव में भारी विनाश किया।

Contents
  • मुख्य बातें
  • बचाव और राहत कार्य
  • सरकार की प्रतिक्रिया
  • आपदा का कारण और चेतावनी
  • प्रभावित लोगों की स्थिति
  • आगामी योजना 
  • प्राकृतिक आपदाओं का मूल कारण और सतज्ञान की आवश्यकता
  • उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना से संबंधित FAQs

जानकारी के अनुसार, इस त्रासदी में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं। इस आपदा ने घरों, होटलों, दुकानों और सड़कों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। 

सरकार और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमों को राहत और बचाव कार्य के लिए मौके पर भेजा है। हालांकि, लगातार बारिश और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बचाव कार्य में कई चुनौतियां आ रही हैं। यह घटना एक बार फिर हमें हिमालयी क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों की याद दिलाती है।

मुख्य बातें

  • भीषण बादल फटना: मंगलवार दोपहर उत्तरकाशी के धराली गांव के पास खीर गंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटा।
  • भारी तबाही: बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने धराली गांव में व्यापक विनाश किया, जिससे कई घर, होटल और दुकानें बह गए।
  • हताहतों की संख्या: आपदा में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। बचाव दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं।
  • व्यापक बचाव कार्य: भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीमें युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्यों में लगी हैं।
  • प्रशासन की कार्रवाई: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
  • अवरुद्ध रास्ते: अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग सहित कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
  • मौसम चेतावनी: मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे बचाव कार्यों पर और भी असर पड़ सकता है।
  • सेना शिविर प्रभावित: हर्षिल में भारतीय सेना के एक कैंप को भी इस आपदा में नुकसान पहुंचा है, जिससे कुछ सेना के जवान भी लापता बताए जा रहे हैं।

बचाव और राहत कार्य

आपदा की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और विभिन्न आपदा प्रबंधन टीमों ने तुरंत मोर्चा संभाला। भारतीय सेना की इबेक्स ब्रिगेड ने 150 से अधिक जवानों को लेकर बचाव अभियान शुरू किया। सेना के साथ-साथ, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। एसडीआरएफ के महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी ने पुष्टि की है कि विशेष उपकरणों से लैस कई टीमें मौके पर हैं और समन्वय के साथ काम कर रही हैं।

Also Read: दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ली आखिरी सांस

बचाव दल मलबे में दबे लोगों को निकालने और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। अधिकारियों के अनुसार, अब तक 15 से 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और घायलों को हर्षिल में सेना की चिकित्सा सुविधा में इलाज दिया जा रहा है। हालांकि, लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव कार्य में भारी बाधा आ रही है। उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग सहित कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे बचाव टीमों को घटनास्थल तक पहुंचने में भी कठिनाई हो रही है।

सरकार की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है और अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री धामी से बात की है और केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिया है। उन्होंने एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमों को तत्काल मौके पर भेजने का निर्देश दिया।

आपदा का कारण और चेतावनी

यह घटना एक बार फिर हिमालयी क्षेत्रों में बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को उजागर करती है। भूवैज्ञानिक और पर्यावरणविद् लंबे समय से इस बात की चेतावनी देते रहे हैं कि अनियोजित विकास, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे क्षेत्र अधिक संवेदनशील हो गए हैं। इस तरह की घटनाएं अक्सर मॉनसून के दौरान होती हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से बादल फटने और मूसलाधार बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं।

प्रभावित लोगों की स्थिति

धराली गांव में इस त्रासदी के बाद भय और अनिश्चितता का माहौल है। कई परिवारों ने अपने घर और संपत्ति खो दी है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने ऐसा भयावह मंजर पहले कभी नहीं देखा था। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उनके लिए भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की जा रही है। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि लोग अपने लापता परिजनों की जानकारी दे सकें।

आगामी योजना 

इस आपदा ने उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन की चुनौतियों को फिर से सामने ला दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को केवल राहत और बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, दीर्घकालिक योजनाएं बनाने की जरूरत है। इसमें हिमालयी क्षेत्रों में स्थायी विकास मॉडल को अपनाना, वनीकरण को बढ़ावा देना और आपदा पूर्व चेतावनी प्रणालियों को मजबूत करना शामिल है। जब तक हम प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करना नहीं सीखते, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। इस आपदा से हमें सीख लेनी चाहिए और भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए।

प्राकृतिक आपदाओं का मूल कारण और सतज्ञान की आवश्यकता

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुई यह भयावह त्रासदी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर क्यों इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं बार-बार आ रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान हमें बताता है कि हम इस लोक के निवासी नहीं है हमारा निवास स्थान सतलोक है जहां पर सभी आत्माएं सुख से रहती थी। हम अपने परमपिता को छोड़कर इस काल (ब्रम्ह) के लोक में फंसे पड़े हैं और काल (ब्रम्ह) हमें दु:ख देता है।

ये सभी आपदाएं हमारे कर्मों का फल हैं। जब मानव प्रकृति के नियमों का उल्लंघन करता है, अनैतिक कार्य करता है और परमात्मा के मार्ग से भटक जाता है, तो उसे प्रकृति के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार, परमेश्वर कबीर साहेब ही इस सृष्टि के रचयिता हैं और उन्हीं की भक्ति से सभी प्रकार के कष्ट और आपदाएं टल सकती हैं।

उन्होंने समझाया है कि जब हम पवित्र शास्त्रों पर आधारित सही भक्ति नहीं करते, तो हमें इस दु:खदायी संसार में जन्म-मरण और प्राकृतिक आपदाओं के चक्र में फंसे रहना पड़ता है। सतभक्ति ही एकमात्र ऐसा मार्ग है जिससे हम अपने कर्मों के बंधन को काट सकते हैं और परमात्मा की शरण में आकर सुरक्षित हो सकते हैं। इस आपदा से प्रभावित लोगों को सतज्ञान से परिचित कराना चाहिए, ताकि वे इस दु:खद संसार से मुक्ति पा सकें और सच्ची शांति प्राप्त कर सकें। यही इस दुखद घटना का एकमात्र स्थायी समाधान है।

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना से संबंधित FAQs

1. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना कब हुई?

यह घटना 5 अगस्त 2025 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में हुई।

2. धराली बादल फटने से क्या नुकसान हुआ है?

बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई घर, होटल, दुकानें और सड़कें बह गईं। इस त्रासदी में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य लापता हैं।

3. बचाव और राहत कार्य कौन सी टीमें कर रही हैं?

भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीमें मिलकर बचाव और राहत कार्य चला रही हैं।

4. क्या इस घटना से चार धाम यात्रा प्रभावित हुई है?

हां, इस आपदा के कारण उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग सहित कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे गंगोत्री धाम की ओर जाने वाली यात्रा प्रभावित हुई है।

5. बादल फटना क्या होता है?

बादल फटना एक ऐसी घटना है जिसमें किसी निश्चित क्षेत्र में अचानक बहुत कम समय में अत्यधिक मात्रा में बारिश होती है। इसे 100 मिमी प्रति घंटे से अधिक की बारिश के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिससे अक्सर अचानक बाढ़ और भूस्खलन होता है।

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love1
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
BySA News
Follow:
Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.
Previous Article Turning Pain into Powerful Art Frida Kahlo Biography  Turning Pain into Powerful Art: Frida Kahlo Biography 
Next Article Inner Transition Elements Their Properties and Applications Inner Transition Elements: Their Properties and Applications
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Popular Posts

The Red Planet’s Whispers: Has NASA’s Perseverance Rover Found Evidence of Ancient Martian Life?

For centuries, humanity has gazed at the crimson speck in our night sky and asked…

By SA News

8वें वेतन आयोग पर कर्मचारियों की बड़ी पहल: 69 लाख पेंशनर्स ने PM मोदी से की महत्वपूर्ण संशोधनों की मांग

8वें केंद्रीय वेतन आयोग को लेकर सरकार की गतिविधियां तेज़ हैं। इसी बीच, केंद्र सरकार…

By Parav Choudhary

The Best Ways to Boost Your Child’s Immunity Naturally

Best Ways to Boost Your Child’s Immunity: A child’s immune system is like a delicate…

By SA News

You Might Also Like

कितनी थी AI इंजीनियर निकिता सिंघानिया की सैलेरी, सुनकर हो जाओगे हैरान!
Local

कितनी थी AI इंजीनियर निकिता सिंघानिया की सैलेरी, सुनकर हो जाओगे हैरान!

By SA News
कोहरे ने बढ़ाया कहर यमुना एक्सप्रेसवे पर भीषण दुर्घटना, 6 लोगों की मौत, 15 घायल
Local

कोहरे ने बढ़ाया कहर: यमुना एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा, 6 लोगों की मौत, 15 घायल

By SA News
lawrence-bishnoi-one-crore-award-announced-karni-sena-chief-raj-shekhawat-lawrence-bishnoi-ka-encounter-
Local

लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर पर क्षत्रिय करणी सेना के प्रमुख राज शेखावत ने रखा 1,11,11,111 रुपए का इनाम रखा

By SA News
गुजरात हाईकोर्ट ने पत्रकार महेश लांगा को जीएसटी धोखाधड़ी मामले में दी जमानत
LocalHindi News

गुजरात हाईकोर्ट ने पत्रकार महेश लांगा को जीएसटी धोखाधड़ी मामले में दी जमानत

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
748kLike
340kFollow
13kPin
216kFollow
1.75MSubscribe
3kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2025 | All rights reserved.