रविवार को जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के टूरिस्ट सेंटर (TRC) के नजदीक संडे मार्केट में एक ग्रेनेड धमाका हुआ, जिसमें 12 लोग घायल हो गए। घटना के बाद पुलिस और सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है। घायलों की स्थिति का जायजा लिया जा रहा है और उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।
पिछले हमलों का संदर्भ
यह हमला पिछले दो वर्षों में दो दिन के भीतर श्रीनगर में हुई दूसरी आतंकी घटना है। 2 नवंबर को श्रीनगर के खान्यार इलाके में सेना और आतंकवादियों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी। सेना ने आतंकवादियों के छिपने की सूचना पर एक घर को बम से उड़ा दिया, जिसमें एक पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया। मुठभेड़ में चार सैनिक घायल भी हुए थे। घटनास्थल से आतंकी की बॉडी और भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया गया।
अनंतनाग की घटना
4 नवंबर को अनंतनाग में भी सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों को मार गिराया। इनमें से एक आतंकवादी की पहचान जाहिद राशीद के रूप में हुई, जबकि दूसरा आतंकवादी अरबाज अहमद मीर था। दोनों आतंकियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था। जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकी घटनाओं ने सुरक्षा बलों की मुस्तैदी को चुनौती दी है और क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है।
सुरक्षा बलों की तत्परता
श्रीनगर के संडे मार्केट में हुए इस ग्रेनेड धमाके ने एक बार फिर से सुरक्षा बलों की सतर्कता और तत्परता की आवश्यकता को उजागर किया है। इस घटना ने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। सुरक्षा बलों ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
सामूहिक प्रयास की आवश्यकता
इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि आतंकवादियों की गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के लिए सुरक्षा बलों को लगातार सतर्क रहना होगा। इसके साथ ही, स्थानीय समुदाय को भी सतर्क रहना होगा और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत सुरक्षा बलों को देनी होगी। इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
निष्कर्ष
इस घटना के बाद, सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की पहचान और उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही हमलावरों को पकड़ लिया जाएगा और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तत्परता और स्थानीय समुदाय की सहयोग की आवश्यकता है, ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
सच्ची शांति की ओर
संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, सच्ची शांति आध्यात्मिक ज्ञान, परमेश्वर की पूजा, धर्मिक जीवन जीने, सच्चे गुरु का अनुसरण करने, निस्वार्थ सेवा के माध्यम से प्राप्त होती है। ये सभी क्रियाएँ मन और आत्मा को शुद्ध करती हैं, जिससे आंतरिक और बाह्य शांति की प्राप्ति होती है।