अरविंद केजरीवाल ने प्रधामंत्री डिग्री केस में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के द्वारा दायर इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस याचिका में प्रधानमंत्री मोदी पर की हुई टिप्पणियों पर गुजरात विश्विद्यालय द्वारा मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी।
मुख्य बिंदु
- आप पार्टी के अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह के खिलाफ गुजरात विश्विद्यालय ने लगाया मानहानि का आरोप
- दोनों नेताओं के पहले गुजरात हाईकोर्ट में की थी दायर याचिका
- हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर दोनों आप नेताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट में की गई याचिका दायर
- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्ट ने याचिका रद्द कर दी है। पीठ के अनुसार एक सुसंगत दृष्टिकोण के अपनाते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले में संजय सिंह की सुनवाई अप्रैल में हुई थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने 16 फरवरी को ही उनके खिलाफ जारी किए समन को हटाने की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
गुजरात विश्विद्यालय ने संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर की थी याचिका
प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के संबंध में दोनों आप नेताओं पर मानहानि, गुजरात विश्विद्यालय द्वारा दर्ज करवाई गई थी। इस याचिका के आधार पर कोर्ट ने उन्हें समन भेजा। कहना रहा कि मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मानहानि का मुकदमा नहीं दायर किया जा सकता लेकिन गुजरात हाईकोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। और अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी।
नहीं काम आईं वकील की दलीलें
अरविंद केजरीवाल के वकील मनु सिंघवी ने पैरवी की कि केजरीवाल द्वारा दिया गया बयान अलग था लेकिन पीठ ने इसे नहीं माना। सिंघवी ने कहा कि मानहानि का कोई मामला नहीं बनता है क्योंकि केजरीवाल ने केवल सवाल उठाए थे कि कार्यपालिका द्वारा मोदी की डिग्री को सीक्रेट क्यों रखा हुआ है और यूनिवर्सिटी को आगे आकर बताना चाहिए कि अमुक व्यक्ति जो यहां से पढ़ा है वह प्रधानमंत्री बन गया है। इस सुनवाई में सिंघवी ने केजरीवाल द्वारा पश्चाताप की बात भी कही थी।
अब यहां से याचिका खारिज होने के बाद इन्हें पुनः गुजरात कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। केजरीवाल और संजय सिंह के अनुसार याचिका सुनवाई योग्य नहीं है जबकि गुजरात विश्विद्यालय ने के अनुसार इन नेताओं के उसकी छवि को ठेस पहुंचाई है अतः उन्हें ट्रायल का सामना करना ही चाहिए।