Sunita Williams Space Mission Hindi: सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून को अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे जिन्हें मात्र दस दिनों में वापस आ जाना था। वे स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष गए थे। उनके स्पेसक्राफ्ट में कुछ दिक्कत आने के कारण वे अब तक वहीं फंसे हुए हैं। नासा ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है कि वे कब तक लौट सकेंगे। स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से हीलियम का लीक होना इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है। सीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार नासा और बोइंग दोनों को इसकी जानकारी थी और उन्होंने इसे मिशन में मामूली खतरा बताया था।
मात्र दस दिनों के मिशन के साथ रवाना हुई सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर के साथ एक महीने से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसी हुई हैं। नासा ने बताया है कि सुनीता की सेहत अच्छी है और वे सुरक्षित हैं तथा अनुसंधान और रखरखाव ने मदद करना जारी रखेंगी। वर्तमान में ISS पर नौ अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं। सुनीता विलियम्स ने अब तक वहां पर भविष्य के लिए रखरखाव की भूमिका निभाई है। उन्होंने भविष्य के मिशनों के लिए रैक अलग किए हैं। विल्मोर एक अन्य साथी के साथ 2 जुलाई को सिगनस अंतरिक्ष यान के भीतर कचरा और उपकरण लोड करने गए थे।
कब तक आ सकेंगी सुनीता विलियम्स और उनके साथी
नासा ने उनकी वापसी को लेकर अब तक कोई खास समय नहीं बताया है। जब तक धरती पर डायग्नोस्टिक परीक्षण इंजीनियर द्वारा किया जायेगा तब तक दोनों आईएसएस पर ही रहेंगे। अधिकारियों के अनुसार दोनों की वापसी सितंबर में भी हो सकती है।
हालांकि सुनीता विलियम्स और उनके साथी कमांडर बुच विल्मोर को पूरा भरोसा है कि वे सफलतापूर्वक अपने घर आ सकेंगे। नासा के अनुसार अगर उन्हें अपने स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की जगह ड्रैगन क्रू से पृथ्वी पर उतारा गया तो उनके लौटने के समय में 8 महीने भी लग सकते हैं। ऐसी स्थिति में इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष यात्रियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने की आंशका सदैव रहती है।
क्या है आईएसएस एक जानकारी
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन वास्तव में अंतरिक्ष में छोटे से फुटबाल के आकार का एक स्थान है। यहां पर चालक दल का होना और काम करना बेहद आवश्यक है। यह दुनिया का सबसे महंगा प्रोजेक्ट है। इसका वजन 419 टन है और लागत 150 बिलियन डॉलर्स है। सन 2000 से आईएसएस अंतरिक्ष यात्रियों को मेजबानी कर रहा है। यहां रहने की सुविधाएं हैं, सोने के लिए क्वार्टर बने हुए हैं और जिम भी है।
लेकिन एक लंबा समय यहां बिताना मुश्किल होता है। यहां रहने वाले अंतरिक्ष यात्री सोलर रेडिएशन से सुरक्षित नहीं हैं। स्पेस स्टेशन लगातार पृथ्वी के चक्कर लगाता रहता है। इस दौरान दक्षिणी अमेरिका के एक बिंदु पर उसे पृथ्वी से तीस गुना अधिक रेडिएशन का सामना करना पड़ता है। इतने रेडिएशन से कैंसर से लेकर तंत्रिका तंत्र को भी नुकसान पहुंच सकता है।