मिडिल ईस्ट से बड़ी खबर आई है। लंबे समय से जारी इजरायल-हमास युद्ध में अब शांति की उम्मीद दिखी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा पेश किया गया 20-बिंदु वाला गाजा पीस प्लान हमास ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि यह स्वीकार्यता पूरी तरह से सरल नहीं है। हमास ने कई शर्तें रखी हैं, जिनके चलते शांति प्रक्रिया अधर में लटक सकती है।
हमास की सहमति किन शर्तों के साथ?
हमास ने कहा है कि वह सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने को तैयार है, साथ ही, गाजा की प्रशासनिक जिम्मेदारी एक टेक्नोक्रेटिक फिलीस्तीनी निकाय को सौंपने पर भी सहमति जताई है, जिसे अरब और इस्लामी समर्थन मिलेगा। लेकिन इसके साथ उसने दो अहम शर्तें रखीं:-
- युद्ध का तुरंत अंत किया जाए
- गाजा से इजरायली सेना की पूर्ण वापसी की जाए
यानी शांति तभी संभव है जब इजरायल पूरी तरह पीछे हटे।
पहला पेच: हथियार न छोड़ने की जिद
ट्रम्प की योजना का अहम बिंदु था कि हमास अपने हथियार छोड़ देगा। लेकिन हमास ने अपने बयान में इस पर कोई सहमति नहीं जताई। उसका कहना है कि जब तक इजरायल का कब्जा जारी है, हथियार डालना असंभव है। संगठन को डर है कि हथियार छोड़ना दुनिया को यह संदेश देगा कि उसने युद्ध हार मान लिया।
दूसरा पेच: सत्ता से बाहर रखा जाना
ट्रम्प के प्लान में प्रस्तावित अस्थायी शासी बोर्ड में हमास को कोई जगह नहीं दी गई है। इस बोर्ड की अगुवाई खुद ट्रम्प करेंगे और इसमें टोनी ब्लेयर जैसे नाम शामिल होंगे। इस पर हमास ने अभी कोई स्पष्ट रुख नहीं दिखाया है। सवाल यही है कि क्या हमास इस भूमिका-विहीन स्थिति को स्वीकार करेगा?
तीसरा पेच: बंधकों की रिहाई की समयसीमा
ट्रम्प की योजना के अनुसार, समझौते के 72 घंटे के भीतर सभी बंधकों की रिहाई होनी चाहिए। हमास का कहना है कि जीवित बंधकों की रिहाई तो संभव है, लेकिन मृत बंधकों के शवों को खोजने और सौंपने में अधिक समय लगेगा। यानी समयसीमा को लेकर असहमति बनी हुई है।
ट्रम्प का अल्टीमेटम और पृष्ठभूमि
ट्रम्प ने हमास को रविवार शाम 6 बजे तक योजना स्वीकार करने का अल्टीमेटम दिया था। चेतावनी थी कि इनकार करने पर अमेरिका सीधे सैन्य कार्रवाई करेगा। इसी दबाव में हमास ने योजना मान ली। गौरतलब है कि यह जंग 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुई थी, जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था। अब तक 40,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी और 1,200 इजरायली मारे जा चुके हैं।
निष्कर्ष: शांति की उम्मीद या नई चुनौती?
हमास द्वारा गाजा पीस प्लान मानना निश्चित रूप से शांति की ओर एक कदम है। लेकिन हथियार डालने से इनकार, इजरायली सेना की वापसी की शर्त और बंधकों की रिहाई पर मतभेद इस प्रक्रिया को जटिल बना रहे हैं। फिलहाल यह कहा जा सकता है कि समझौते की शुरुआत तो हुई है, पर जंग के तुरंत खत्म होने की संभावना अभी कम दिखती है।