पश्चिम बंगाल के अस्पताल में नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ की गयी। हावड़ा अस्पताल में 13 वर्षीय लड़की के साथ सीटी स्कैन विभाग में छेड़छाड़ की घटना घटित हुई। आरोपित, जो कि सीटी स्कैन विभाग का अस्थायी कर्मचारी है, उसे अब पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।
13 वर्षीय लड़की जो की पश्चिम बंगाल में शिबपुर में रहती थी ,उसे 28 अगस्त को निमोनिया के इलाज के लिए हावड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार रात को उसे सीटी स्कैन के लिए ले जाया गया, जहां से वह रोती हुई बाहर आई और एक मरीज के रिश्तेदार से मदद मांगी। यह देख उसकी मां दौड़कर आई, और इसके बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोग अस्पताल के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे और आरोपित की पिटाई की भी कोशिश की।
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पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी अमन राज को भीड़ से बचाया और पीड़ित के माता पिता द्वारा कराई गई रिपोर्ट के अनुसार उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी।
अध्यात्मिक मार्गदर्शक का महत्व
वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अशांति और अव्यवस्था का मूल कारण अध्यात्मिक ज्ञान का अभाव है। आज का व्यक्ति स्वार्थ के अंधकार में डूब चुका है, और अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए किसी भी सीमा को पार करने से नहीं चूकता। इस स्वार्थपरता के कारण वह ईश्वर से दूर हो जाता है, जिससे उसकी बुद्धि पर धुंध छा जाती है, और वह सही-गलत का अंतर पहचानने में असमर्थ हो जाता है। परिणामस्वरूप, वह अपने अनमोल जीवन को व्यर्थ कर देता है।
यदि व्यक्ति को एक सच्चा मार्गदर्शक मिल जाए, तो वह अपने जीवन में सही और गलत का भेद समझ सकता है। आज, एक अध्यात्मिक गुरु की आवश्यकता है, जो हमें सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे और पापों से बचने का मार्ग दिखाए।
ऐसे समय में, संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र संत हैं, जो अपने अनुयायियों को सच्चा मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। वे हर प्रकार के बुरे कर्मों से दूर रहने का मार्ग बता रहे हैं और मोक्ष का सशक्त मार्ग प्रस्तुत कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों के जीवन को सफल बनाने के लिए समर्पित हैं, और उनके द्वारा दिया गया ज्ञान प्रमाणित और अनुभवसिद्ध है।