केरल में निपाह वायरस से एक 24 वर्षीय युवक की मौत होने से लोगों में खलबली मच गई। बताया जा रहा है कि युवक केरल के मलप्पुरम में एक प्राइवेट हस्पताल में दाखिल हुआ था और वहां उसके निपाह वायरस से संक्रमण होने की पुष्टि की गई। सूत्रों की माने तो यह केरल में इस महीने में पहला निपाह वायरस का पुष्ट मामला है।
केरल की स्वस्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने जानकारी सांझी करते हुए बताया कि जांच के दौरान चिकित्सा अधिकारी को युवक को निपाह वायरस होने का संदेह हुआ। जिसके कारण नमूनों को तुरंत परीक्षण के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज एवं हस्पताल की प्रयोगशाला में भेजा गया और निपाह वायरस की पुष्टि हो गई। बताया जा रहा है कि शनिवार रात को ही स्वस्थ्य मंत्री ने उच्च सत्रीय बैठक बुलाकर ठोस कदम उठाए।
केरल की स्वस्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने बताया कि शनिवार रात इस मामले में 16 समितियां बनाई गई और देखा गया निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति अपनी यात्रा के दौरान किसके संपर्क में आया। इस सूची में लगभग 151 लोगों का नाम शमिल हैं, जिन्होंने संक्रमित व्यक्ति के साथ बभिन्न स्थानों की यात्रा की थी। सूत्रों की माने तो इन लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है।
जानकारी के अनुसार,निपाह वायरस एक ऐसी बीमारी है, जो सुअर और चमगादड़ जैसे जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। इतना ही नहीं यह वायरस इतना खतरनाक होता है कि मनुष्यों से मनुष्यों में फैल जाता है। इससे मनुष्य को मस्तिक सूजन, कोमा आदि भी हो सकता है।
गौरतलब है कि यह वायरस पहले भी केरल में अपना प्रकोप बरसा चुका है। पहले 2018, 2019 और 2021 में फैली थी। जिसके अनुभव के बाद ‘प्रोटोकॉल’ का एक ‘टूलकिट’ तैयार किया गया है,जिसके अनुसार आइसोलेशन, रोकथाम और उपचार किया जा रहा है। विश्लेषण में यह बात-बार बार सामने आ रही है कि सभी जीवों का एक दुसरे के स्वस्थ्य पर असर पड़ता है। जैसे कि निपाह वायरस में भी देखा गया है।