Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2025: नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती को अब ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन गाथा एवं संघर्ष की महिमा अत्यंत प्रेरणादायक है। नेताजी ने एक महान क्रांतिकारी होकर अपने देश के लिए अहम भूमिका निभाई है। उनकी जयंती हमे देशभक्ति, साहस और अद्वितीय नेतृत्व की याद दिलाने का अवसर देती है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। वे अपने माता-पिता के 14 बच्चों में से नौवें थे। उनके पिता जानकीनाथ बोस एक प्रसिद्ध वकील थे और मां प्रभावती देवी एक धार्मिक महिला थीं। बचपन से ही सुभाष ने अपनी कुशाग्र बुद्धि और अद्वितीय नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की और भारतीय सिविल सेवा (ICS) की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की। लेकिन देशभक्ति के जुनून ने उन्हें इस प्रतिष्ठित पद को ठुकराने पर मजबूर कर दिया।
आजाद हिंद फौज का गठन
Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2025: नेताजी का मानना था कि अहिंसा से आजादी प्राप्त करना संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया। उनके प्रसिद्ध नारे “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” ने लाखों भारतीयों में देशभक्ति की भावना जगाई। नेताजी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को वैश्विक मंच पर पहुंचाने के लिए कई देशों का सहयोग प्राप्त किया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विचार और दृष्टिकोण
नेताजी का कहना था कि भारत की आजादी केवल संघर्ष और बलिदान से ही संभव है। वे स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) के प्रबल समर्थक थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि यदि देश के युवा एकजुट हो जाएं, तो कोई ताकत भारत को स्वतंत्र होने से नहीं रोक सकती।
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Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2025: नेताजी एक प्रेरणा स्रोत
सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे महानायक थे, जिन्होंने अपने अद्वितीय नेतृत्व और साहस से आजादी की लड़ाई को एक नई दिशा दी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा का प्रतीक है। उनका संकल्प, त्याग और अडिग विश्वास हमें सिखाता है कि अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण से हर बाधा को पार किया जा सकता है। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी अन्याय और पराधीनता को स्वीकार नहीं किया और अपने साहसी नेतृत्व से आजादी के आंदोलन में नई जान फूंकी।
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जयंती का महत्त्व
Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2025: नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती 2025: यह हमें उनकी विचारधारा और संघर्ष से प्रेरणा लेने का सुअवसर प्रदान करती है। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि स्वतंत्रता केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। आज के समय में, जब भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, नेताजी के आदर्शों का अनुसरण करना और उनकी शिक्षाओं को अपनी जिंदगी में लागू करना आवश्यक है।
Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2025: समारोह और आयोजन
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूल, कॉलेज, और सामाजिक संगठनों द्वारा रैलियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन नेताजी के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2025: नेताजी सुभाष चंद्र बोस न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि वे भारत के भविष्य की दिशा निर्धारित करने वाले नेता भी थे। उनकी जयंती पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम उनके आदर्शों और बलिदानों को कभी नहीं भूलेंगे। वर्ष 2025 में नेताजी की जयंती मनाते हुए हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करना चाहिए।
क्या है जन्म-मृत्यु के रोग को समाप्त करने की विधि
आज देश भर में कई कथावाचक, साधु-संत और बाबा यह दावा करते हैं कि उनके पास जन्म-मृत्यु के रोग को समाप्त करने की विधि है। लेकिन जब विधि की बात आती है, तो वे कहते हैं कि श्री राम जी, श्री कृष्ण जी या श्री हनुमान जी की भक्ति करो। हालांकि, जब हम सद्ग्रंथों का अध्ययन करते हैं, तो यह प्रमाण मिलता है कि इन देवताओं की भी जन्म और मृत्यु होती है। ऐसे में, यदि वे स्वयं जन्म-मृत्यु के चक्र में बंधे हैं, तो हमारा जन्म-मृत्यु का रोग कैसे समाप्त कर सकते हैं?
सद्ग्रंथों और सत्संग में जब हमें सच्चे ज्ञान का मार्गदर्शन मिलता है, तो हमें यह समझ आता है कि केवल पूर्ण परमात्मा ही एकमात्र शक्ति है जो हमें पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सकती है। पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से ही हम इस संसार के जन्म-मृत्यु के चक्र से सदा के लिए मुक्त हो सकते हैं।
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