17 सितंबर 2024 के दिन मनाया जा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 74 वां जन्मदिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन की यात्रा में साधारण शुरुआत से लेकर एक प्रभावशाली राजनेता तक की लंबी यात्रा तय की है। उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक सुधार देखे हैं, और उन्होंने देश की वैश्विक स्थिति को सशक्त किया है। आगे जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी और राजनीतिक सफर के बारे में।
मोदी जी का बचपन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में दामोदर दास मोदी और हीराबेन के घर हुआ था। उनका पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल से प्राप्त की।
बचपन से ही मोदी जी को एक्टिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिता और नाटकों में गहरी रुचि थी और इस क्षेत्र में उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते। उनकी स्कूली शिक्षा के दौरान, वे एनसीसी कैडेट के रूप में भी सक्रिय रहे। इसके बाद, उन्होंने अमेरिका में मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से संबंधित तीन महीने का कोर्स भी किया।
पीएम मोदी का परिवार गुजरात के वडनगर में निवास करता था, जहां उनके पिता रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे। मोदीजी ने युवा अवस्था में ही अपने पिता की मदद की और चायवाला के रूप में पहचान प्राप्त की। जब 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय सैनिक वडनगर रेलवे स्टेशन पर आए, तो मोदीजी ने उन्हें चाय पिलाई। यह घटना उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिससे उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होने की प्रेरणा ली।
हालांकि, उनका सपना पूरा नहीं हुआ और वे परिवार से दूर हो गए, लेकिन उनकी समर्पण भावना और देशसेवा की इच्छा ने उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। आज भी लोग उन्हें “चायवाला प्रधानमंत्री” के रूप में जानते हैं, जो उनकी सरलता और देशभक्ति की प्रतीक है।
परिवारिक और व्यक्तिगत जीवन
एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में पीएम मोदी का जन्म हुआ था, जिसमें वे 6 siblings में तीसरे नंबर पर थे। उनके माता-पिता का निधन हो चुका है और उनके चार भाई सोमा मोदी, अमृत मोदी, प्रहलाद मोदी, पंकज मोदी अपनी-अपनी व्यवसायों में व्यस्त हैं। उनकी बहन वसंतीबेन हसमुखलाल मोदी भी परिवार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
पीएम मोदी ने 18 साल की उम्र में विवाह किया, लेकिन जल्द ही परिवार से अलग हो गए और स्वयं को देश की सेवा में समर्पित कर दिया। उनके पिता की चाय की दुकान के साथ उनका जुड़ाव और 1965 के युद्ध के दौरान सैनिकों को चाय पिलाने का अनुभव उनके जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से बने। यह पारिवारिक पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत अनुभव उनके राजनीतिक करियर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक सफर
नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1985 में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) से जुड़ने से हुई, जब उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी को अपना राजनीतिक गुरु माना। शुरूआत में उन्होंने पार्टी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं, जिनमें 1988-89 में गुजरात भाजपा के महासचिव और 1995 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के पद शामिल थे।
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साल 2001 में गुजरात में आए भीषण भूकंप के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नरेंद्र मोदी को दिल्ली से गुजरात भेजा गया, और उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने चार वर्षों तक मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई। उनके प्रशासन की सफलता और कार्यशैली के कारण, 2012 में उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रचारित किया गया।
2014 में बने पहली बार भारत के प्रधानमंत्री
साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। यह चुनाव भारतीय राजनीति के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) ने पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी सरकार के रूप में बहुमत प्राप्त किया। इस चुनाव में भा.ज.पा. ने 282 सीटें जीतकर सत्ता में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव के बाद भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद,
2019 में दूसरी बार फिर बने भारत के प्रधानमंत्री
2019 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी ने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की और दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वे भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने लालकिले के प्राचीर से लगातार 9 बार देश को संबोधित किया है, जो उनकी कार्यप्रणाली और समर्पण को दर्शाता है।
साल 2019 के बाद से, नरेंद्र मोदी की पहचान और सम्मान लगातार बढ़ रहे हैं। उनकी प्रगति और कार्यशैली को देश-विदेश में सराहा जा रहा है। विशेष रूप से, विदेशों में रहने वाले भारतीय भी आज मोदी की झलक पाने के लिए उत्सुक रहते हैं, जो उनके बढ़ते प्रभाव और लोकप्रियता का संकेत है।
पीएम मोदी को अंतरराष्ट्रीय सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके नेतृत्व और योगदान के लिए विश्व के विभिन्न देशों से कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं। हाल ही में, ग्रीस ने उन्हें ‘द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ से नवाजा, जो देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
जुलाई 2023 में, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मोदी को ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। इससे पहले, जून 2023 में, मिस्र ने उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ प्रदान किया था। मई 2023 में, पापुआ न्यू गिनी और फिजी ने क्रमशः ‘कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू’ और ‘कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से नवाजा।
2019 में, मोदी को मालदीव द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’ और रूस द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू’ से सम्मानित किया गया। उसी वर्ष, यूएई ने उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ अवार्ड से सम्मानित किया था। इसके अतिरिक्त, 2018 में फिलिस्तीन ने उन्हें ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन’ और 2016 में अफगानिस्तान और सऊदी अरब ने क्रमशः ‘गाजी अमीर अमानुल्लाह खान का राज्य आदेश’ और ‘अब्दुल अजीज अल सऊद का आदेश’ प्रदान किया था।
इन पुरस्कारों से पीएम मोदी की अंतरराष्ट्रीय पहचान और उनकी वैश्विक मान्यता की पुष्टि होती है, जो उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों और उनकी वैश्विक नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है।
विश्व के असली नायक: संत रामपाल जी महाराज
अक्सर देश दुनिया के विकास में देश के प्रधानमंत्री का बहुत बड़ा योगदान होता है । वह देश के विकास के लिए अक्सर तत्पर रहते हैं एक देश का प्रधानमंत्री विभिन्न कार्य कर सकता है लोगों को आर्थिक लाभ भी दे सकता है परंतु अध्यात्मिक लाभ नहीं दे सकता।
क्योंकि सबके पास अपनी अपनी पॉवर होती है ऐसे ही परमात्मा से मिलाने की पॉवर सिर्फ एक अध्यात्मिक सतगुरु के पास होती है जो मनुष्य को हर प्रकार के लाभ दे सकता है। उसकी हर छोटी बड़ी परेशानी को दूर कर सकता है। यह पॉवर सिर्फ परमात्मा के द्वारा भेजे हुए महापुरुष के पास होती है और आज वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही एक मात्र वो पूर्ण परमात्मा के द्वारा भेजे हुए महापुरुष हैं।
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जिन्होंने विश्व कल्याण के लिए इस धरती पर अवतार लिया है। जिनके बारे बहुत से प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओ की भविष्य वाणीयां सिद्ध साबित हुई है। जिसमें बताया गया है की वह महापुरुष विश्व कल्याण के लिए इस धरती पर हरियाणा के छोटे से गांव जन्म लेगा। उसके द्वारा चलाये गए सतग्रंथों से प्रमाणित ज्ञान से पूरे विश्व में एक बार फिर सतयुग जैसा माहौल होगा। अब देखते हैं प्रशिद्ध भविष्यवक्ताओ की भविस्यवाणी क्या कहती हैं संत रामपाल जी महाराज के विषय में।
संत रामपाल जी महाराज के विषय में भविष्यवाणी
1.इंग्लैंड के भविष्यवक्ता ‘कीरो’ ने 1925 में अपनी पुस्तक में यह भविष्यवाणी की थी कि 20वीं सदी के अंत, यानी 2000 ईस्वी उत्तरार्द्ध में, दुनिया में ‘एक नई सभ्यता’ का उदय होगा जो पूरी दुनिया में फैलेगी। उन्होंने कहा कि भारत का एक महान व्यक्ति इस ज्ञानक्रांति को सम्पूर्ण विश्व में लाएगा।
2. अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता ‘‘जीन डिक्सन’’ ने भविस्य वाणी की कि 20 वीं सदी के अंत से पहले विश्व में एक घोर हाहाकार तथा मानवता का संहार होगा। वैचारिक युद्ध के बाद आध्यात्मिकता पर आधारित एक नई सभ्यता सम्भवतः भारत के ग्रामीण परिवार के व्यक्ति के नेतृत्व में सामने आयेगी और संसार से युद्ध को हमेशा के लिए दूर कर देगी।
3. फ्रांस के ‘‘नास्त्रेदमस’’ के अनुसार विश्व में सैनिक क्रांतियों के बाद कुछ अच्छे लोग ही संसार को अच्छा बनाऐंगे। जिनका महान् धर्मनिष्ठ विश्वविख्यात नेता 20 वीं सदी के अन्त और 21 वीं सदी की शुरूआत में किसी पूर्वी देश से जन्म लेकर भ्रातृवृत्ति व सौजन्यता द्वारा सारे विश्व को एकता के रूप में संजो देगा।
नास्त्रेदमस शतक 1 श्लोक 50 में प्रमाण है कि
तीन ओर से सागर से घिरे द्वीप में उस महान संत का जन्म होगा। उस समय तत्व ज्ञान के अभाव से अज्ञान का घोर अंधेरा होगा। नैतिकता का हनन होकर, हाहाकार मच जायेगा। वह शायरन गुरुवर अर्थात् गुरुजी को वर (श्रेष्ठ) मान कर अपनी साधना करेगा तथा अपने अनुयाइयों से करवाएगा। वह धार्मिक नेता अपने धर्म बल यानी की भक्ति की शक्ति से तथा तत्वज्ञान द्वारा सर्व राष्ट्रों को नतमस्तक करेगा। एशिया में उसे रोकना अर्थात् उस के प्रचार में बाधा करना बहुत बड़ा पागलपन साबित होगा। (शतक 1 श्लोक 50) (सेंचुरी-प्ए कन्ना-50)
4. फ्रांस के डॉ. जूलर्वन के अनुसार, 1990 के बाद से यूरोपीय देश भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक सभ्यता की ओर तेजी से आकर्षित होंगे। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की थी कि वर्ष 2000 तक विश्व की जनसंख्या लगभग 640 करोड़ हो जाएगी। भारत से शुरू होने वाली एक आध्यात्मिक ज्ञान की क्रांति नास्तिकता को समाप्त कर, आँधी-तूफान की तरह पूरी दुनिया को अपने प्रभाव में ले लेगी। इस भारतीय महान आध्यात्मिक व्यक्ति के अनुयायी शीघ्र ही ‘आत्मशक्ति’ के रूप में एक संस्था बनाकर विश्वभर में अपना प्रभाव जमाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और उनके जीवन से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन कब होता है?
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है।
2. नरेंद्र मोदी का जन्म स्थान और जन्म तिथि क्या है?
– नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर शहर में हुआ था।
3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर की शुरुआत कब हुई?
– नरेंद्र मोदी ने 1985 में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कौन-कौन से अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं?
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ (ग्रीस), ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ (फ्रांस), ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ (मिस्र), और ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ (यूएई) शामिल हैं।
5. नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कितनी बार शपथ ली है?
– नरेंद्र मोदी ने 2014 और 2019 में दो बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है।