दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सर्वेक्षण में पाया गया कि राजधानी में 17% फ्लाईओवरों के एक्सपेंशन जॉइंट खराब हो चुके हैं, जिससे भविष्य में गंभीर हादसों का खतरा बढ़ सकता है। एक्सपेंशन जॉइंट्स की खराबी के कारण फ्लाईओवर की ऊपरी परत (कारपेटिंग) भी क्षतिग्रस्त हो रही है, जिससे इसकी संरचनात्मक मज़बूती धीरे-धीरे कमज़ोर होती जा रही है।
यह रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी की पांच टीमों द्वारा तैयार की गई है, जिन्होंने दिल्ली के विभिन्न डिवीजनों में स्थित कुल 102 फ्लाईओवरों का सर्वेक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि कई फ्लाईओवरों का नियमित रखरखाव नहीं हो रहा है, जिससे उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इन खामियों को दूर नहीं किया गया, तो यह बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं।
रिपोर्ट सामने आने के बाद संबंधित अधिकारियों पर जल्द से जल्द मरम्मत कार्य शुरू करने का दबाव बढ़ गया है। PWD ने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है, ताकि राजधानी की यातायात व्यवस्था सुचारू और सुरक्षित बनी रहे।
दिल्ली के 72 फ्लाईओवरों के रखरखाव की बड़ी लापरवाही से जुड़े मुख्य बिंदु:
- PWD की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दिल्ली के 17% फ्लाईओवरों के एक्सपेंशन जॉइंट खराब हैं।
- ज्वाइंट्स की खराबी से बड़े हादसों की आशंका बढ़ी।
- स्ट्रक्चरल डैमेज के कारण फ्लाईओवर की ऊपरी परत (कारपेटिंग) भी क्षतिग्रस्त हो रही है।
- समय पर मरम्मत न होने से फ्लाईओवर की संरचनात्मक मज़बूती कमज़ोर हो रही है।
- कई फ्लाईओवरों की रेलिंग टूटी हुई है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
- कचरे और धूल की मोटी परत जमी हुई है, जिससे यातायात प्रभावित होता है।
- सड़क की खराब स्थिति जैसे गड्ढे और दरारें वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।
- रात के समय रोशनी की कमी यानी स्ट्रीट लाइट न होने से हादसे होने की संभावना ज़्यादा रहती है।
- प्रशासन द्वारा बार-बार शिकायतें मिलने के बावजूद मरम्मत कार्य समय पर नहीं किया जा रहा है।
दिल्ली के 72 फ्लाईओवरों के रखरखाव में बड़ी लापरवाही, रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
राजधानी दिल्ली में बने फ्लाईओवरों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। हाल ही में हुई एक जांच में यह खुलासा हुआ है कि दिल्ली के 72 फ्लाईओवरों में कई गंभीर खामियां पाई गई हैं। कई फ्लाईओवरों में संरचनात्मक कमज़ोरियां देखी गई हैं, जिनमें दरारें, कमज़ोर पिलर और मेंटेनेंस की कमी शामिल है। कुछ जगहों पर पानी रिसाव की समस्या भी पाई गई है, जिससे कंक्रीट और लोहे की छड़ों को नुकसान हो रहा है।
दिल्ली के फ्लाईओवरों के बारे में: विशेषज्ञों ने दी गंभीर चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन खामियों को जल्द ठीक नहीं किया गया, तो ये फ्लाईओवर गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। इससे पहले भी दिल्ली और अन्य शहरों में पुलों के गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद प्रशासन और इससे संबंधित एजेंसियों की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं। अब सरकार और नगर निगम पर इन खामियों को जल्द से जल्द दूर करने का दबाव बढ़ गया है, ताकि भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना को होने से रोका जा सके।
दिल्ली में 17 फ्लाईओवर की ज्वाइंट एक्सपेंशन खराब, जल्द मरम्मत की ज़रूरत
दिल्ली के PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने बीजेपी सरकार के गठन के बाद फ्लाईओवर की स्थिति का सर्वे कराने के निर्देश दिए थे। इसके लिए PWD की पांच अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं, जिन्हें फ्लाईओवर के पास अतिक्रमण, सफाई, सुरक्षा संरचना और हरियाली की जांच करने का काम सौंपा गया था। करीब एक महीने के सर्वे के बाद रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमें खुलासा हुआ कि दिल्ली के 102 फ्लाईओवर में से 17 फ्लाईओवर की ज्वाइंट एक्सपेंशन खराब हैं और इन्हें जल्द से जल्द मरम्मत की ज़रूरत है।
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रिपोर्ट के अनुसार, जिन फ्लाईओवर की ज्वाइंट एक्सपेंशन खराब पाई गई हैं, उनमें आईपी एस्टेट, आईआईटी, कालकाजी, सफदरजंग अस्पताल, अफ्रीका एवेन्यू, मोती बाग, पंचशील क्लब, सावित्री सिनेमा, नेहरू प्लेस, एंड्रूजगंज, पंजाबी बाग, मायापुरी, मुंडका, नेल्सन मंडेला, ब्रिटानिया चौक, जगतपुरी और लोनी रोड फ्लाईओवर शामिल हैं। इनमें से आईपी एस्टेट फ्लाईओवर सबसे पुराना है।
फ्लाईओवर सुरक्षा पर संकट: ज्वाइंट एक्सपेंशन की खराबी और अतिक्रमण बना बड़ी चुनौती
फ्लाईओवर में अलग-अलग मौसम के दौरान फैलने और सिकुड़ने के लिए ज्वाइंट एक्सपेंशन लगाया जाता है। यदि यह खराब हो जाता है, तो फ्लाईओवर की मुख्य संरचना खतरे में पड़ सकती है। अधिकारियों के अनुसार, गर्मियों में तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर कंक्रीट का विस्तार हो जाता है।
अगर इसी दौरान अचानक बारिश हो जाए, तो कंक्रीट तेज़ी से सिकुड़ने लगता है, जिससे संरचना में दरारें आ सकती हैं। इसलिए ज्वाइंट एक्सपेंशन की जल्द मरम्मत ज़रूरी है। इसके अलावा, फ्लाईओवर के नीचे अतिक्रमण भी एक गंभीर समस्या है। लगभग सभी फ्लाईओवरों के नीचे अतिक्रमण पाया गया है, जिसे जल्द से जल्द हटाने की आवश्यकता है।
फ्लाईओवर के ज्वाइंट एक्सपेंशन और अतिक्रमण से संबंधित मुख्य FAQs
1. फ्लाईओवर में ज्वाइंट एक्सपेंशन क्या होता है?
उत्तर: ज्वाइंट एक्सपेंशन एक संरचनात्मक तत्व होता है, जो फ्लाईओवर को तापमान के अनुसार फैलने और सिकुड़ने की सुविधा देता है, जिससे उसमें दरारें न पड़ें और उसका संतुलन बना रहे।
2. ज्वाइंट एक्सपेंशन खराब होने पर क्या दिक्कतें हो सकती हैं?
उत्तर: यदि ज्वाइंट एक्सपेंशन खराब हो जाए, तो फ्लाईओवर की मुख्य संरचना कमज़ोर हो सकती है, जिससे दरारें पड़ने और दुर्घटनाएं होने का खतरा बढ़ जाता है।
3. दिल्ली में कितने फ्लाईओवर की ज्वाइंट एक्सपेंशन खराब मिली हैं?
उत्तर: सर्वे के अनुसार, दिल्ली के 102 फ्लाइओवरों में से 17 फ्लाईओवर की खराब मिली है।
4. फ्लाईओवर की मरम्मत क्यों ज़रूरी है?
उत्तर: फ्लाईओवर की समय पर मरम्मत से उसकी संरचनात्मक मज़बूती बनी रहती है, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और यातायात सुचारू रूप से चलता रहता है।
5. सरकार फ्लाईओवर की मरम्मत और अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कर रही है?
उत्तर: सरकार जल्द से जल्द मरम्मत कार्य शुरू करने और फ्लाईओवर के नीचे अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की योजना बना रही है।