SA NewsSA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
SA NewsSA News
  • Home
  • Business
  • Politics
  • Educational
  • Tech
  • History
  • Events
  • Home
  • Business
  • Educational
  • Events
  • Fact Check
  • Health
  • History
  • Politics
  • Sports
  • Tech
Follow US
© 2024 SA News. All Rights Reserved.

Home » अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: शारीरिक, मानसिक संतुलन का मार्ग

Spirituality

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: शारीरिक, मानसिक संतुलन का मार्ग

SA News
Last updated: April 18, 2025 2:09 pm
SA News
Share
SHARE

21 जून 2025 को पूरी दुनिया 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रही है — एक ऐसा वैश्विक उत्सव जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का प्रतीक है, बल्कि मानसिक और आत्मिक जागरूकता का संदेश भी देता है।

Contents
21 जून 2025 – योग केवल व्यायाम नहीं, एक आध्यात्मिक अभियान हैअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे हुई?2025 की थीम: “Yoga for One Earth, One Health”क्या प्राचीन भारत और आधुनिक भारत में योग का स्वरूप भिन्न है?पुरातन भारत में योग का स्वरूप कैसा था?अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है?क्या केवल योग करने से सभी दुखों का अंत हो सकता है?क्या आज का योग अभ्यास हठयोग के समान है?सच्चा योग क्या है?अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर FAQs:

इसकी नींव 11 दिसंबर 2014 को रखी गई, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया।

इसके बाद 21 जून 2015 को इतिहास में पहली बार ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ (International Day of Yoga) के रूप में मनाया गया — और तब से यह दिन वैश्विक स्वास्थ्य और शांति का प्रतीक बन गया है।

21 जून 2025 – योग केवल व्यायाम नहीं, एक आध्यात्मिक अभियान है

हर वर्ष 21 जून को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में एक ऐसा पर्व मनाती है जो अब सिर्फ शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं रहा। 2025 में हम इसका 11वां संस्करण मना रहे हैं, और अब समय आ गया है कि हम योग के वास्तविक उद्देश्य को पहचानें — तन की नहीं, आत्मा की शुद्धि के लिए योग।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने भारत द्वारा प्रस्तावित “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” को मान्यता दी। यह प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत किया गया था।

Also Read: International Yoga Day in Hindi: शारीरिक योग के साथ साथ भक्ति योग को भी अपनाएं

इसके बाद, 21 जून 2015 को पहली बार दुनिया भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया गया। तब से यह दिन हर साल योग के प्रचार-प्रसार और मानसिक-शारीरिक शांति के संदेश के रूप में मनाया जाता है।

2025 की थीम: “Yoga for One Earth, One Health”

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” का मुख्य उद्देश्य यह संदेश देना है कि मानव, पशु और पर्यावरण—सभी के स्वास्थ्य का आपस में गहरा संबंध है। यह थीम योग को केवल व्यक्तिगत लाभ तक सीमित न रखकर, उसे वैश्विक स्वास्थ्य, पर्यावरणीय संतुलन और सतत जीवनशैली का माध्यम बनाकर प्रस्तुत करती है। यह भारत की प्राचीन योग परंपरा को वैश्विक मंच पर उजागर करती है और सभी को मिलकर स्वस्थ पृथ्वी के निर्माण के लिए प्रेरित करती है।

क्या प्राचीन भारत और आधुनिक भारत में योग का स्वरूप भिन्न है?

जी हाँ, प्राचीन और आधुनिक भारत में योग का उद्देश्य और स्वरूप दोनों में भारी अंतर है। प्राचीन काल में योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने की प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि आत्मा की परमात्मा से मिलन का मार्ग था। उस समय योगीजन सात्विक, शुद्ध वातावरण में रहते थे, जहां खान-पान, विचार और व्यवहार सब कुछ संयमित और सात्विक होता था। उनकी साधना का मूल उद्देश्य था — मोक्ष प्राप्ति और परमेश्वर की खोज।

लेकिन आज के आधुनिक युग में योग का प्रयोजन शरीर को फिट रखने तक सीमित हो गया है। लोग इसे एक फिटनेस एक्सरसाइज़ की तरह अपना रहे हैं और ईश्वर की खोज से दूर होते जा रहे हैं। जबकि यह शरीर भी परमात्मा की ही देन है, और इसे बनाए रखने का सर्वोत्तम मार्ग केवल वही बता सकता है जो इसका रचयिता है।

पुरातन भारत में योग का स्वरूप कैसा था?

योग का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। सिंधु घाटी सभ्यता की मूर्तियों में योगमुद्राओं के प्रमाण मिले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि योग 10,000 वर्षों से भी अधिक पुराना है।

■ Also Read: तकनीक और अध्यात्म का संगम: आधुनिक जीवन का नया आयाम

ऋषभदेव, महावीर स्वामी, भगवान बुद्ध, गुरु गोरखनाथ, शंकराचार्य आदि ने हठयोग का अभ्यास किया — लेकिन उन्हें परमात्मा की प्राप्ति नहीं हुई।

भगवान शिव, ब्रह्मा, विष्णु, नारद और हनुमान जी जैसे देवी-देवता भी योग में लीन रहते थे, लेकिन तत्वज्ञान के अभाव में वे भी पूर्ण परमात्मा को नहीं जान पाए। यही कारण है कि आज भी हठयोग या आसनों से केवल शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है, आत्मा की मुक्ति संभव नहीं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है?

21 जून को योग दिवस मनाने का मुख्य कारण है — यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की किरणें सबसे लंबे समय तक धरती पर पड़ती हैं। यह समय जीवन ऊर्जा (प्राणशक्ति) के संचार के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। इसी विशेष दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।

क्या केवल योग करने से सभी दुखों का अंत हो सकता है?

नहीं। केवल योगासन, प्राणायाम या ध्यान से सभी दुःखों का अंत संभव नहीं है। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार, केवल “सत्भक्ति” ही वह उपाय है जिससे संपूर्ण दुखों से मुक्ति मिल सकती है। उनके बताए सत्य ज्ञान और नामदीक्षा के माध्यम से लाखों लोग बिना कोई पैसा खर्च किए कैंसर जैसे असाध्य रोगों और जीवन के अन्य संकटों से छुटकारा पा चुके हैं। यह केवल योग से संभव नहीं।

क्या आज का योग अभ्यास हठयोग के समान है?

जी हां, आज जो योग किया जा रहा है वह हठयोग का ही आधुनिक रूप है — जिसमें केवल शारीरिक आसनों और श्वास-प्रश्वास पर ज़ोर दिया जाता है।

भगवद गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में कहा गया है:

“नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नतः।

न चातिस्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन॥”

अर्थात: जो न अधिक खाता है, न अधिक उपवास करता है, न अधिक सोता है, न अधिक जागता है — वही व्यक्ति सच्चा योगी हो सकता है।

सच्चा योग क्या है?

सच्चा योग है — आत्मा का परमात्मा से मिलन।

और यह केवल संभव है जब एक पूर्ण संत से तत्वज्ञान प्राप्त कर नामदीक्षा ली जाए।

हठयोग, तपस्या या ध्यान से नहीं, बल्कि सतभक्ति से ही परमात्मा प्राप्त होता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 से संबंधित 5 लोकप्रिय 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर FAQs:

1. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम क्या है?

इस वर्ष की थीम है: “Yoga for One Earth, One Health” — जो मानव, पशु और पर्यावरण के स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को दर्शाती है।

2. 21 जून को ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?

क्योंकि यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे योग के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

3. योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैसे लाभकारी है?

योग तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है, मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है और भावनात्मक संतुलन को सुधारता है।

4. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 में भाग कैसे लें?

आप स्थानीय योग कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं, ऑनलाइन सत्रों में शामिल हो सकते हैं, या अपने घर पर योग अभ्यास कर सकते हैं।

5. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तावित करने के बाद, 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया। 

Share This Article
Email Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article How AI is Changing the Face of Research in 2025 — and Its Future Impact How AI is Changing the Face of Research in 2025 — and Its Future Impact
Next Article विकसित दिल्ली की ओर महिला समृद्धि, स्वच्छता, और बुनियादी ढांचे में सुधार विकसित दिल्ली की ओर: महिला समृद्धि, स्वच्छता, और बुनियादी ढांचे में सुधार
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Sant-Rampal-Ji-App-ads

Popular Posts

SSC MTS & Havaldar Answer Key 2024 Released – Check Scores Now!

SSC MTS & Havaldar Answer Key 2024: On March 26th, 2025, Staff Selection Committee (SSC)…

By SA News

Tahawwur Hussain Rana Extradited: 26/11 Mumbai Terror Attacks Accused in 18-Day NIA Custody

Delhi, April 11, 2025 - In a landmark development for India's counterterrorism efforts, Tahawwur Hussain…

By SA News

जयपुर के गोपालपुरा में स्थित एक कोचिंग सेंटर में संदिग्ध गैस के रिसाव के कारण मची भगदड़

रविवार को राजस्थान के जयपुर में गोपालपुरा स्थित एक कोचिंग सेंटर में तब भगदड़ मच…

By SA News

You Might Also Like

श्री ब्रह्मा पुराण
Spirituality

श्री ब्रह्मा पुराण

By SA News
कहानी: आदि सनातन धर्म, सनातन धर्म और वैदिक धर्म आखिर में हिंदू धर्म कैसे कहलाया!
Spirituality

कहानी: आदि सनातन धर्म, सनातन धर्म और वैदिक धर्म आखिर में हिंदू धर्म कैसे कहलाया!

By SA News
हज 2025: सीट आवंटन प्रक्रिया, ऐतिहासिक संदर्भ और धार्मिक महत्व
Spirituality

हज 2025: सीट आवंटन प्रक्रिया, ऐतिहासिक संदर्भ और धार्मिक महत्व

By SA News
वैष्णो देवी मंदिर में भूस्खलन, दो श्रद्धालुओं की मौत
Spirituality

वैष्णो देवी मंदिर में भूस्खलन, दो श्रद्धालुओं की मौत

By SA News
SA NEWS LOGO SA NEWS LOGO
600kLike
300kFollow
11.2kPin
151kFollow
523kSubscribe
2.1kFollow

About US


Welcome to SA News, your trusted source for the latest news and updates from India and around the world. Our mission is to provide comprehensive, unbiased, and accurate reporting across various categories including Business, Education, Events, Health, History, Viral, Politics, Science, Sports, Fact Check, and Tech.

Top Categories
  • Politics
  • Health
  • Tech
  • Business
  • World
Useful Links
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Copyright Notice
  • Contact Us
  • Official Website (Jagatguru Sant Rampal Ji Maharaj)

© SA News 2024 | All rights reserved.