संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे दुबई एयर शो के दौरान भारत में विकसित लड़ाकू विमान तेजस एक प्रदर्शन उड़ान करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। भारतीय वायु सेना ने पुष्टि की है कि दुबई एयर शो में तेजस विमान हादसे का शिकार हुआ। वायुसेना के अनुसार, दुर्घटना में पायलट गंभीर रूप से घायल हुए थे, और बाद में उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा जारी एक वीडियो में दिखाया गया है कि विमान अचानक नीचे की ओर गिरता है और टकराते ही तेज़ आग और घने काले धुएं का बड़ा गुबार उठता दिखाई देता है। पीटीआई की शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह घटना दोपहर करीब 2 बजकर 10 मिनट पर हुई।
मुख्य बिंदु:-
- तेजस विमान हादसा: भारतीय पायलट की दुखद मृत्यु, एयर शो में धुएं और हड़कंप
- तेजस की ताकत: जानिए इसके प्रमुख युद्धक और उड़ान क्षमताएँ
- तेजस विमान की तकनीक और हालिया सौदे: पूरा अपडेट
- प्रियंका गांधी ने जताया शोक: पायलट की मृत्यु पर संवेदनाएँ प्रकट
- भारत का पहला स्वदेशी फाइटर जेट तेजस: हल्का, फुर्तीला और आधुनिक
पायलट की मृत्यु, मौके पर हड़कंप और धुएं का गुबार
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, यह एयर शो दुबई के दूसरे सबसे बड़े अल-मक़तूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट में आयोजित किया जा रहा था। हादसे के तुरंत बाद एयरपोर्ट परिसर में घना धुआँ उठता दिखाई दिया और चारों ओर सायरन की आवाज़ें गूंजने लगीं। संयुक्त अरब अमीरात के रक्षा मंत्रालय ने भी इस दुर्घटना पर आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किए गए बयान में मंत्रालय ने बताया कि दुबई एयर शो में फ्लाइंग डिस्प्ले के दौरान भारत का एक तेजस लड़ाकू विमान दुर्घटना का शिकार हो गया, जिसमें पायलट की दुखद मृत्यु हो गई। मंत्रालय ने यह भी कहा कि फायर ब्रिगेड और आपातकालीन टीमें तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गईं और स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हैं।
तेजस की प्रमुख क्षमताएँ
तेजस एक सिंगल-इंजन, पूरी तरह स्वदेशी विकसित लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किया है। यह हल्का होने के बावजूद अत्यंत शक्तिशाली और आधुनिक तकनीकों से लैस है। यह जेट दुश्मन के विमान को लंबी दूरी से लॉक करके निशाना बनाने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही इसमें ऐसी उन्नत तकनीकें मौजूद हैं जो इसे दुश्मन के रडार की पकड़ से बचने में मदद करती हैं। तेजस अपने हल्के वजन के बावजूद उतनी ही मात्रा में हथियार और मिसाइलों का भार उठा सकता है, जितना इससे बड़े और भारी सुखोई लड़ाकू विमान ले जा सकते हैं। इसी वजह से यह अपनी श्रेणी में बेहद प्रभावी और भरोसेमंद माना जाता है।
तकनीक और हालिया सौदों की पूरी जानकारी
तेजस लड़ाकू विमान, सुखोई जैसे भारी फाइटर जेट्स की तुलना में काफी हल्के होते हैं, लेकिन क्षमता के मामले में प्रभावशाली हैं। यह विमान 8 से 9 टन तक का भार आसानी से उठा सकता है। तेजस की गति ध्वनि की रफ्तार से भी अधिक है यह मैक 1.6 से 1.8 की स्पीड तक उड़ान भर सकता है और लगभग 52,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। तेजस में कई उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड रडार (AESA) लगाया गया है, जो मिशन के दौरान पायलट को बेहतर लक्ष्य साधने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें बीवीआर मिसाइलें, अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, और एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग की सुविधा भी मौजूद है, जो इसे लंबी दूरी के अभियानों के लिए और भी सक्षम बनाती है।
इसी वर्ष सितंबर में भारत के रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 97 तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। इन जेट्स की आपूर्ति 2027 से शुरू होने की उम्मीद है। इससे पहले, वर्ष 2021 में भी भारत सरकार ने एचएएल के साथ 83 तेजस विमान खरीदने का बड़ा अनुबंध किया था। इनकी डिलीवरी 2024 में शुरू होनी थी, लेकिन अमेरिका से मिलने वाले इंजनों में देरी के कारण यह प्रक्रिया आगे बढ़ गई।
प्रियंका गांधी ने पायलेट के निधन पर जताया दुख
प्रियंका गांधी ने निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा कि दुबई एयर शो में हुए तेजस विमान हादसे में देश ने भारतीय वायु सेना के एक बहादुर जवान को खो दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ उस वीर पायलट के परिवार के साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ खड़ा है और पायलट के सर्वोच्च योगदान को सम्मानपूर्वक नमन करता है।
भारत का पहला स्वदेशी फाइटर जेट
तेजस देश में विकसित किया गया पहला लड़ाकू विमान है। इसके इंजन अभी विदेशों से आयात किए जाते हैं, मुख्य रूप से अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से।
तेजस के निर्माण में एल्युमिनियम–लिथियम एलॉय, टाइटेनियम और कार्बन-फाइबर कम्पोज़िट जैसे आधुनिक पदार्थों का उपयोग किया गया है। इन सामग्रियों की वजह से इसका ढांचा बेहद हल्का बनता है। सुपरसॉनिक श्रेणी यानी हवा की गति से तेज उड़ान भरने वाले जेट्स में तेजस को सबसे छोटे और सबसे हल्के विमानों में गिना जाता है।

