साइबर सुरक्षा के माध्यम से इंटरनेट युक्त तकनीकियों और सेवाओं को साइबर अपराधियों जैसे कि हैकर्स, स्पैमर्स आदि के दुश्विचारपूर्ण -अनहोनी / हमलों से बचाव हेतु निगरानी की जाती है । दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इस व्यवस्था या यूं कहें कि यह सुरक्षा का उपयोग दुर्भावनापूर्ण हमलों से बचने के लिए किया जाता है।
आपको बता दें कि अनेकों कंपनियाँ फ़िशिंग योजनाओं, रैनसमवेयर हमलों, डेटा उल्लंघनों और वित्तीय नुकसान से बचाव हेतु इस सुरक्षा को अपनाती हैं।
अगर हम वर्तमान समय में देश – दुनिया के बारे में बात करें तो लोग पहले से कहीं ज्यादा तकनीकी / इंटरनेट पर निर्भर हैं । लोग यह जानते हैं कि इस प्रकार के तकनीकियों का प्रयोग लाभदायक तो है ही साथ ही इससे हर समय खरता है क्योंकि हैकर्स, स्पैमर्स और साइबर अपराधियों की नजर इस प्रकार के ही उपकरणों पर होती है । फिर भी हम प्रश्न करते हैं की साइबर सुरक्षा क्या है ? इसका क्या उपयोग है?
साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में तो कहना ही क्या ! क्योंकि यह एक ऐसा अनुशासन है जिसके माध्यम से हैकर्स, स्पैमर्स एवं साइबर अपराधियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक हमलों से उपकरणों और सेवाओं की सुरक्षायुक्त बिंदुओं को शामिल करता है। जैसा की हम सभी जानते हैं कि आज के अधिकतर पेशेवर कंप्यूटर, लैपटॉप (स्मार्टफोन), नेटवर्क और डेटाबेस का पूर्णसंपत्ति के लिए प्रयोग किया जाता है , सभी उपयुक्त उपकरणों को हमलों से बचाव का सबसे सरल और महत्वपूर्ण तरीका निर्धारित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
देखा जाए तो साइबर सुरक्षा को पहचान की चोरी से अंतरराष्ट्रीय डिजिटल हथियारों तक, साइबर अपराध के प्रत्येक क्षेत्र से सुरक्षा की प्रक्रिया का उल्लेख करने के लिए मीडिया में उपयुक्त शब्द के रूप में इस्तेमाल किया है। वास्तवि गहरी समझ और व्यावहारिक कौशल हासिल करने के लिए, ऑनलाइन साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने पर विचार करें , जो साइबर सुरक्षा की जटिलताओं को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। बिना जानकारी के इसका उपयोग तो दूर की बात है, इसका अर्थ भी समझना मुश्किल हो जाता है । इसलिए साइबर सुरक्षा पर बल देना होगा और इसके महत्व को रेखांकित कर लोगों में जाकरूकता प्रकट करनी चाहिए।
क्या आप जानते हैं कि नेटवर्किंग, क्लाउड एवम् सुरक्षा में जानकारी रखने वाली तकनीकी कंपनी सिस्को सिस्टम्स साइबर सुरक्षा को कैसे परिभाषित करती है – ‘”सिस्टम, नेटवर्क और प्रोग्राम को डिजिटल हमलों से बचाने का अभ्यास। ये साइबर हमले आमतौर पर संवेदनशील जानकारी तक पहुँचने, बदलने या नष्ट करने; उपयोगकर्ताओं से पैसे ऐंठने; या सामान्य व्यावसायिक प्रक्रियाओं को बाधित करने के उद्देश्य से होते हैं।”
देश – दुनिया में साइबर सुरक्षा का खतरा बहुत तेजी से गतिशील होता जा रहा है, प्रत्येक वर्ष डेटा उल्लंघनों की संख्या बढ़ ही जा रही है।
साइबर सुरक्षा द्वारा खतरे और सुरक्षा हेतु उपयुक्त अंग (टिप्स)
साइबर सुरक्षा के माध्यम से कुछ खतरे होते हैं तो तकनीकी/इंटरनेट/संपत्ति में बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा देते है ,जिससे निपटने के लिए दिए गए बिंदुओं को केवल पढ़ना मात्र नहीं है इनका पालन भी करना होगा तब लाभदायक है।
▪️हमेशा पासवर्ड को मज़बूत रखना चाहिए क्योंकि कोई भी इसको आसानी से अनुमानित कर सकता है।
▪️यदि हमारे अलग-अलग अकाउंट हैं तो प्रत्येक के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखना अनिवार्य होता है।
▪️किसी भी स्तिथि में पासवर्ड को कहीं भी लिखकर रखना या उपयोग करना उचित नहीं है।
▪️किसी से भी निजी जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर आदि शेयर नहीं करने चाहिए।
▪️अपने नाम, जन्मतिथि या मोबाइल नंबर की हिंट लेकर स्ट्रॉन्ग पासवर्ड नहीं बनाना चाहिए।
▪️सॉफ़्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखने के साथ – साथ हमेशा लॉगआउट करके ही रखना चाहिए।
▪️साथ ही चाहिए कि एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करना न भूलें।
▪️अज्ञात लोगों द्वारा भेजे ईमेल और उनके लिंक पर क्लिक कभी भी क्लिक नहीं करना चाहिए।
▪️अतिमहत्वपूर्ण बात तो यह है कि सार्वजनिक जगहों पर असुरक्षित वाई-फ़ाई नेटवर्क का इस्तेमाल करने से बचें।
▪️ ज़्यादातर ब्राउज़र में, लिंक पर होवर करके उसका लक्ष्य URL देखा जा सकता है। लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच अवश्य कर लेनी चाहिए।
▪️ कंप्यूटर या नेटवर्क की सुरक्षा का प्रथम हथियार फ़ायरवॉल को कहा गया है।