नई दिल्ली: यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने और उसकी स्वच्छता बहाल करने के लिए सरकार ने 2582 करोड़ रुपये की मेगा योजना की घोषणा की है। इस परियोजना के तहत 40 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) स्थापित किए जाएंगे, जो यमुना में गिरने वाले अनुपचारित गंदे पानी को शुद्ध करने में मदद करेंगे। जलशक्ति मंत्रालय और अन्य एजेंसियों के सहयोग से संचालित इस योजना का मुख्य उद्देश्य यमुना में गिरने वाले सीवेज को रोकना और जल गुणवत्ता में सुधार करना है।
यह परियोजना खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में नदी की स्थिति को सुधारने पर केंद्रित हैं, जहां यमुना का जल प्रदूषण स्तर सबसे अधिक है।
यमुना सफाई मिशन: परियोजना से जुड़े मुख्य बिंदु
- कुल 2582 करोड़ रुपये की लागत से यह योजना लागू की जाएगी।
- 40 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
- यमुना में गिरने वाले गंदे पानी को शुद्ध कर नदी को प्रदूषण मुक्त बनाया जाएगा।
- यह परियोजना जलशक्ति मंत्रालय और स्थानीय निकायों की निगरानी में पूरी होगी।
- दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यमुना की जल गुणवत्ता में सुधार के प्रयास होंगे।
यमुना सफाई परियोजना: केंद्र और दिल्ली सरकार की संयुक्त पहल
- यमुना की सफाई के लिए केंद्र सरकार अमृत योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- इस परियोजना का कार्यान्वयन दिल्ली जल बोर्ड द्वारा किया जाएगा।
- इस परियोजना के तहत 40 केंद्रीयकृत सीवेज उपचार संयंत्र (DSTP/STP) स्थापित किए जाएंगे। इनमें से 13 DSTP को केंद्र सरकार की अमृत योजना से वित्त पोषण मिलेगा। शेष 27 DSTP का खर्च दिल्ली सरकार द्वारा उठाया जाएगा।
यमुना सफाई परियोजना: बड़े फैसले और अगली रणनीति
हाल ही में वित्त विभाग के व्यय अनुभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त विभाग) – ए.सी. वर्मा ,वित्त सचिव – निहारिका राय ,दिल्ली जल बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी – शिल्पा शिंदे , दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य अभियंता (ड्रेनेज) – अजय गुप्ता
यमुना सफाई को लेकर हुई महत्वपूर्ण बैठक
यमुना को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए। बैठक में दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य ने परियोजना की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर जानकारी दी।
Also Read: कोहरे ने बढ़ाया कहर: यमुना एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा, 6 लोगों की मौत, 15 घायल
दिल्ली गेट पर अतिरिक्त सीवेज उपचार संयंत्र (STP)
परियोजना के तहत 40 केंद्रीयकृत सीवेज उपचार संयंत्र (DSTP) स्थापित किए जाएंगे।इसके अलावा, मध्य दिल्ली के दिल्ली गेट क्षेत्र में एक नया सीवेज उपचार संयंत्र (STP) भी बनाया जाएगा। 38 DSTP के लिए ज़मीन मिल चुकी है, बाकी 2 के लिए प्रक्रिया जारी है।
भूमि उपलब्धता की समस्या का समाधान
बैठक में स्पष्ट किया गया कि DSTP/STP के लिए भूमि की उपलब्धता से जुड़ी सभी अड़चनें दूर कर ली गई हैं। इन संयंत्रों को स्थापित करने के लिए आवश्यक ज़मीन का प्रबंध पूरा कर लिया गया है।
परियोजना का बजट और वित्तीय प्रबंधन
इस पूरी परियोजना पर दिल्ली सरकार कुल 2582 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह राशि यमुना सफाई, सीवेज उपचार संयंत्रों की स्थापना और जल शोधन क्षमता को बढ़ाने पर खर्च होगी।
परियोजना का लक्ष्य और समय सीमा
इस परियोजना को दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस योजना से यमुना को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।
परियोजना का उद्देश्य
- यमुना नदी की सफाई और जल प्रदूषण को नियंत्रित करना।
- सीवेज उपचार प्रणाली को मज़बूत बनाकर जल संरक्षण सुनिश्चित करना।
- दिल्ली में जल प्रदूषण को कम करना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना।
- शहर की जल निकासी और सीवेज प्रणाली को सुदृढ़ करना
यमुना सफाई योजना से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल
1. यमुना नदी की सफाई के लिए सरकार ने कितनी राशि आवंटित की है?
सरकार ने ₹2582 करोड़ की मेगा योजना शुरू की है, जिसके तहत यमुना को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
2. इस परियोजना के तहत क्या-क्या किया जाएगा?
इस योजना के तहत 40 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनाए जाएंगे, ताकि नदी में गिरने वाले गंदे पानी को शुद्ध किया जा सके।
3. इस योजना से किन राज्यों को फायदा होगा?
मुख्य रूप से दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यमुना सफाई का असर दिखेगा, क्योंकि यहां से नदी में सबसे अधिक गंदा पानी गिरता है।
4. यह योजना यमुना नदी को कैसे स्वच्छ बनाएगी?
गंदे पानी के ट्रीटमेंट के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर जल गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा और औद्योगिक कचरे के प्रवाह पर भी रोक लगाई जाएगी।
5. क्या इस योजना से यमुना फिर से जीवनदायिनी बन पाएगी?
अगर यह योजना सही तरीके से लागू हुई और जनता का सहयोग मिला, तो यमुना अपने प्राकृतिक स्वरूप में लौट सकती है। लेकिन सतत निगरानी और सख्त नियमों की जरूरत होगी।