भारत का सबसे महत्वाकांक्षी परिवहन प्रोजेक्ट, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर, अब अपने अंतिम चरणों में पहुँच रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया है कि सूरत से बिलिमोरा तक बुलेट ट्रेन का पहला सेक्शन साल 2027 में शुरू होगा, जबकि 2029 तक पूरा मार्ग मुंबई से अहमदाबाद तक चालू कर दिया जाएगा।
स्टेज बाय स्टेज शुरुआत का प्लान
मंत्री वैष्णव ने बताया कि 2027 तक सूरत-बिलिमोरा रूट पर ट्रेन दौड़नी शुरू हो जाएगी। इसके बाद 2028 में ठाणे तक और 2029 में मुंबई तक पूरा कॉरिडोर आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। उनका कहना है कि इस ट्रेन की टिकटें मध्यम वर्ग के लिए किफायती रखी जाएंगी ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
हर 10 मिनट में मिलेगी ट्रेन
प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पीक ऑवर में यात्रियों को हर 10 मिनट पर ट्रेन उपलब्ध होगी। शुरुआत में आधे-आधे घंटे पर ट्रेन चलेगी और धीरे-धीरे यह अंतराल 20 मिनट और फिर 10 मिनट कर दिया जाएगा। इससे रोजाना हजारों यात्रियों को तेज और सुविधाजनक सफर का विकल्प मिलेगा।
आर्थिक विकास का नया इंजन
रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि भारत के आर्थिक विकास का इंजन भी होगी। यह परियोजना मुंबई, वडोदरा, सूरत, वापी, आनंद और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगी। इससे उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ेगा, कारोबार का विस्तार होगा और नए रोजगार पैदा होंगे। वैष्णव के अनुसार, शुरुआती निवेश से कहीं ज्यादा आर्थिक लाभ इस परियोजना से मिलने वाला है।
निर्माण कार्य में तेजी, जल्द पूरा होगा प्रोजेक्ट
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है। इनमें से 321 किलोमीटर वायाडक्ट और 398 किलोमीटर पियर का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा, 17 नदी पुल और 9 बड़े स्टील ब्रिज भी तैयार कर दिए गए हैं।
लगभग 206 किलोमीटर के हिस्से में 4 लाख से ज्यादा नॉइज़ बैरियर लगाए जा चुके हैं ताकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शोर का असर कम से कम हो। कई हिस्सों में ट्रैक बेड और ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन (OHE) मास्ट भी खड़े किए जा चुके हैं।
सुरंग निर्माण में बड़ी उपलब्धि
हाल ही में ठाणे जिले में घनसोली और शिलफाटा के बीच बनी लगभग 5 किलोमीटर लंबी सुरंग का ब्रेकथ्रू ब्लास्ट पूरा हुआ। यह सुरंग प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है और सुरक्षा व रेस्क्यू टनल के रूप में भी काम करेगी। इसके अलावा, मुंबई और ठाणे के बीच समुद्र के नीचे बनने वाली 21 किलोमीटर लंबी टनल का पहला चरण भी पूरा हो चुका है।
जापान की नवीनतम बुलेट ट्रेन तकनीक
इस प्रोजेक्ट को जापान का सहयोग मिल रहा है। भारत और जापान के प्रतिनिधिमंडल की हाल की बैठक में यह तय हुआ कि जापान की नई पीढ़ी की E10 शिंकान्सेन ट्रेन भारत में लाई जाएगी। इससे भारतीय यात्रियों को दुनिया की सबसे आधुनिक हाई-स्पीड रेल तकनीक का अनुभव मिलेगा।
यात्रा का समय घटकर होगा आधा
बुलेट ट्रेन के शुरू होने से मुंबई और अहमदाबाद के बीच सफर केवल 2 घंटे 20 मिनट में पूरा होगा। अभी यही दूरी ट्रेन से 6-7 घंटे और सड़क से लगभग 8 घंटे में पूरी होती है। तेज रफ्तार यात्रा से समय की बचत होगी, कारोबारियों की उत्पादकता बढ़ेगी और विद्यार्थियों, पेशेवरों व आम यात्रियों को बड़े शहरों तक आसानी से पहुँचने का अवसर मिलेगा।
निष्कर्ष
भारत का बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट लंबे समय से चर्चा में रहा है। अब जब इसके पहले चरण की तारीख 2027 तय कर दी गई है और 2029 तक पूरा मार्ग तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत जल्द ही हाई-स्पीड रेल के नए युग में प्रवेश करने वाला है।
यह परियोजना केवल तेज रफ्तार ट्रेन नहीं, बल्कि भारत के आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी विकास का प्रतीक बनकर सामने आएगी।