हरियाणा राज्य के फरीदाबाद जिले में हुए एक हत्याकांड ने पूरे देश को झंकझोर दिया है। यह घटना 23 अगस्त की है जब 19 साल के 12वीं कक्षा के छात्र आर्यन मिश्रा को गौतस्कर समझकर कुछ गौरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन आरोपियों के नाम अनिल कौशिक, वरुण, कृष्ण, आदेश औऱ सौरभ हैं। फिलहाल इन पांचों आरोपियों को फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है औऱ इनसे पूछताछ जारी है।
आर्यन मिश्रा हत्याकांड पूरा घटनाक्रम
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी को आरोपी अनिल कौशिक ने पूछताछ में बताया कि हमें सूचना मिली कि फॉर्च्यूनर और डस्टर गाड़ियों में गौतस्कर आते हैं और रैकी करके गाड़ियों में पशुओं को भरकर ले जाते हैं। इसी सूचना के चलते हम लोग 23 अगस्त की रात स्विप्ट गाड़ी में सवार होकर गौतस्करों को ढूढने निकले। इसी दौरान सेक्टर 21 के पास हमें एक डस्टर गाड़ी दिखी और हमें लगा कि यह गौतस्करों की गाड़ी है। हमने गाड़ी रुकवाने का इशारा किया पर कार सवार युवकों ने गाड़ी की स्पीड बड़ा दी। इससे हमें लगा कि यह पक्का गौतस्कर ही हैं औऱ हमने गाड़ी पर फायरिंग कर दी।
Also Read: वैष्णो देवी मंदिर में भूस्खलन, दो श्रद्धालुओं की मौत
और एक गोली कार में बैठे 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा को लग गयी कई किलोमीटर तक हमने कार का पीछा किया इसके बाद कार रुकी तब हमने 1 गोली फिर से आर्यन मिश्रा के सीने में मारी जिसके चलते 24 अगस्त को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। आपको बता दें कि कार में आर्यन के अलावा उसका भाई शैंकी तथा उसकी मां के अलावा 2 महिलाएं और थीं जो कि वर्धमान मॉल में नूडल्स खाने के लिए गए थे।
पांचों आरोपियों को फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
फिलहाल फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने फरीदाबाद के 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा की हत्या के आरोप में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है इन पांचों आरोपियों के नाम अनिल कौशिक, वरुण, कृष्ण, आदेश औऱ सौरभ है। पांचों आरोपी फरीदाबाद के ही रहने वाले हैं साथ ही पांचों आरोपी अपने आप को गौरक्षक भी बता रहे रहें।
पीड़ित के पिता ने उठाये सवाल “हत्या की आजादी किसने दी”
मृतक आर्यन के पिता अपने बेटे की मृत्यु से काफी स्तब्ध हैं। पीड़ित के पिता सियानन्द मिश्रा ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा बेटा 12वीं कक्षा में पढ़ता था मुझे कुछ भी पता नही था। बाद में मुझे पता लगा कि मेरे बेटे की गौतस्कर समझकर गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। गौ तस्करी के संदेह में गोली मारने का अधिकार किसने दिया? अगर सरकार ने ऐसा अधिकार दिया तो क्यों?