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Home » हिमालय पर्वत: भूगोल, जैव विविधता और आध्यात्मिक धरोहर का संगम

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हिमालय पर्वत: भूगोल, जैव विविधता और आध्यात्मिक धरोहर का संगम

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Last updated: October 16, 2024 2:13 pm
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हिमालय पर्वत भूगोल, जैव विविधता और आध्यात्मिक धरोहर का संगम
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हिमालय पर्वत: हिमालय दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है, जो एशिया में भारत, नेपाल, भूटान, चीन और पाकिस्तान तक फैली हुई है। हिमालय न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एशिया की कई प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है। यह क्षेत्र विभिन्न प्रकार की जलवायु और जैव विविधता का घर है, जिसमें अद्वितीय वनस्पतियाँ और जीव-जंतु पाए जाते हैं। हिमालय धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, जहां केदारनाथ, बद्रीनाथ और अमरनाथ जैसे स्थल स्थित हैं। यह पर्वत श्रृंखला सदियों से साधु-संतों की तपोस्थली रही है और भारत की आध्यात्मिक धरोहर से गहराई से जुड़ा हुआ है।

Contents
हिमालय पर्वत की उत्पत्तिहिमालय पर्वत की लंबाई बढ़ने के कारणहिमालय पर्वत की लंबाई बढ़ने के प्रभावउत्तरी हिमालय से निकलने वाली नदियाँपूर्वी हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँपश्चिमी हिमालय से निकलने वाली नदियाँअन्य प्रमुख नदियाँ जो हिमालय से निकलती हैंहिमालय पर्वत के कई रहस्य और अनोखे तथ्यहिमालय के कुछ अनसुलझे रहस्यहिमालय का धार्मिक महत्वतत्वदर्शी संत द्वारा बताए भक्ति मार्ग से होगी परमात्मा प्राप्तिFAQs: हिमालय का रहस्यQ.1. हिमालय की उत्पत्ति कैसे हुई?Q.2.  हिमालय कितना पुराना है?Q.3. हिमालय की ऊंचाई कितनी है?Q.4. हिमालय की लंबाई कितनी है?Q.5. हिमालय की लंबाई कहाँ तक फैली है?Q.6.  हिमालय की हर वर्ष कितनी लंबाई बढ़ती है?Q.7.  क्या हिमालय मे तपस्या करने से मोक्ष मिलता है?Q.8 वर्तमान में तत्वदर्शी संत कौन हैं?निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

हिमालय पर्वत की उत्पत्ति

हिमालय की उत्पत्ति 50 मिलियन वर्ष पूर्व यूरेशियन प्लेटों के टकराने के कारण दबाव पड़ने से हुई थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि हिमालय की हर वर्ष लंबाई बढ़ती है। यह एक प्रकृति का अजब अजूबा है कि हिमालय की प्रति वर्ष 1 सेंटीमीटर लंबाई बढ़ती है। हिमालय पर्वत पश्चिम से पूर्व तक लगभग 2,500 किलोमीटर यानी 1,550 मील तक फैला हुआ है, तथा इसकी चौड़ाई लगभग 200 से 400 किलोमीटर यानी 125 से 250 मील तक है। 62 वर्ष पूर्व जब भारतीय सर्वेक्षण में हिमालय की ऊंचाई मापी गई, तब सबसे ज्यादा ऊंचाई नेपाल और चीन पर स्थित छोर की ऊंचाई 8,848 मीटर (29,028 फीट) मापी गई थी।

हिमालय पर्वत की लंबाई बढ़ने के कारण

हिमालय पर्वत श्रृंखला की लंबाई बढ़ने के कई कारण हैं:

  1. टेक्टोनिक प्लेटों की गति: भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण हिमालय पर्वत श्रृंखला की लंबाई बढ़ती है।
  2. पर्वत निर्माण प्रक्रिया: हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण अभी भी जारी है, जिससे इसकी लंबाई बढ़ती है।
  3. ज्वालामुखी गतिविधि: हिमालय में ज्वालामुखी गतिविधि के कारण नई चट्टानें बनती हैं, जिससे इसकी लंबाई बढ़ती है।
  4. भूमि की वृद्धि: हिमालय पर्वत श्रृंखला के नीचे भूमि की वृद्धि होती है, जिससे इसकी लंबाई बढ़ती है।
  5. तिब्बत की प्लेट की गति: तिब्बत की प्लेट की गति के कारण हिमालय पर्वत श्रृंखला की लंबाई बढ़ती है।
  6. हिमालय पर्वत श्रृंखला की लंबाई लगभग 1 सेमी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है।

यह भी पढ़ें: असम: जानिए पूर्वोत्तर भारत के इस राज्य के बारे में, सब कुछ विस्तार से 

हिमालय पर्वत की लंबाई बढ़ने के प्रभाव

हिमालय की लंबाई बढ़ने से कई प्रभाव पड़ते हैं:

  1. भूकंप: हिमालय की लंबाई बढ़ने से भूकंप की संभावना अधिक हो जाती है।
  2. ज्वालामुखी विस्फोट: लंबाई में वृद्धि के कारण ज्वालामुखी विस्फोट की आशंका भी बढ़ जाती है।
  3. पर्वतारोहियों को चुनौतियाँ: हिमालय की लंबाई बढ़ने से पर्वतारोहण में अधिक कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं।
  4. जलवायु परिवर्तन: हिमालय की लंबाई में वृद्धि से जलवायु परिवर्तन की संभावना भी बढ़ जाती है।
  5. भारत का ढाल: हिमालय भारत के लिए एक ढाल की तरह है। युद्ध के समय इसकी महत्ता और बढ़ जाती है।
  6. नदियों का उद्गम स्थल: यह कई प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल है।

उत्तरी हिमालय से निकलने वाली नदियाँ

  1. सिंधु नदी (पाकिस्तान और भारत में बहती है)
  2. ब्रह्मपुत्र नदी (भारत, बांग्लादेश और तिब्बत में बहती है)
  3. यारलुंग त्संगपो नदी (तिब्बत में बहती है)

पूर्वी हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियाँ

  1. गंगा नदी (भारत और बांग्लादेश में बहती है)
  2. यमुना नदी (भारत में बहती है)
  3. कोसी नदी (नेपाल और भारत में बहती है)
  4. मेघना नदी (बांग्लादेश में बहती है)

पश्चिमी हिमालय से निकलने वाली नदियाँ

  1. सतलुज नदी (भारत और पाकिस्तान में बहती है)
  2. रावी नदी (भारत और पाकिस्तान में बहती है)
  3. चिनाब नदी (भारत और पाकिस्तान में बहती है)
  4. झेलम नदी (भारत और पाकिस्तान में बहती है)

अन्य प्रमुख नदियाँ जो हिमालय से निकलती हैं

  1. कर्णाली नदी (नेपाल में बहती है)
  2. महाकाली नदी (नेपाल और भारत में बहती है)
  3. तीस्ता नदी (भारत और बांग्लादेश में बहती है)
  4. सुबंसिरी नदी (भारत में बहती है)

हिमालय पर्वत के कई रहस्य और अनोखे तथ्य

  1. हिमालय की उम्र: हिमालय की उम्र लगभग 50 मिलियन वर्ष है, जो इसे पृथ्वी की सबसे युवा पर्वत श्रृंखलाओं में से एक बनाती है।
  2. हिमालय के प्रमुख शिखर: हिमालय में दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर हैं, जिनमें माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर), कंचनजंगा (8,586 मीटर), और माउंट मकालू (8,463 मीटर) शामिल हैं।
  3. हिमालय की जैव विविधता: हिमालय में विभिन्न प्रकार की जैव विविधता पाई जाती है, जिनमें 10,000 से अधिक पौधों की प्रजातियाँ और 300 से अधिक जानवरों की प्रजातियाँ शामिल हैं।
  4. हिमालय की प्रमुख नदियाँ: हिमालय से कई प्रमुख नदियाँ निकलती हैं जिनमें गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, और सिंधु शामिल हैं।
  5. हिमालय का पौराणिक महत्व: हिमालय हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहाँ भगवान शिव का निवास स्थान है।
  6. हिमालय का ऐतिहासिक महत्व: हिमालय में कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनमें तिब्बत की पुरानी राजधानी ल्हासा और भारत की पुरानी राजधानी कश्मीर शामिल हैं।
  7. हिमालय की खनन गतिविधियाँ: हिमालय में विभिन्न खनन गतिविधियाँ होती हैं, जिनमें तांबा, जस्ता, और सोने का खनन शामिल है।
  8. हिमालय का वैश्विक महत्व: हिमालय वैश्विक जलवायु परिवर्तन, भूगर्भ विज्ञान, और जीव विज्ञान के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हिमालय के कुछ अनसुलझे रहस्य

  1. हिमालय की गुप्त गुफाएँ
  2. हिमालय में छिपे हुए शहर
  3. हिमालय की प्राचीन सभ्यताएँ
  4. हिमालय में विभिन्न प्राकृतिक चमत्कार
  5. हिमालय के धार्मिक और पौराणिक महत्व के पीछे के रहस्य

इन रहस्यों को सुलझाने के लिए और अधिक शोध और अनुसंधान की आवश्यकता है।

हिमालय का धार्मिक महत्व

भारत सदियों से ऋषि-मुनियों और साधु-संतों का देश रहा है, जहां आदि अनादिकाल से वे परमात्मा की प्राप्ति के लिए पहाड़ों, जंगलों, कंदराओं और गुफाओं में तपस्या करते आए हैं। आज भी देश के कई पर्वतों और कंदराओं में साधु-संत घोर तपस्या कर रहे हैं, परंतु हठयोग के रूप में की गई यह तपस्या निरर्थक मानी जाती है। अब तक हिमालय में तप करने वाले साधुओं को परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो पाई है। प्रश्न उठता है, परमात्मा की प्राप्ति का सही मार्ग क्या है? परमात्मा की प्राप्ति के लिए सही साधना और आत्मज्ञान आवश्यक हैं, जो सच्चे मार्गदर्शन से ही संभव है।

तत्वदर्शी संत द्वारा बताए भक्ति मार्ग से होगी परमात्मा प्राप्ति

परमात्मा प्राप्ति के बारे में संपूर्ण तत्वज्ञान पूर्ण परमात्मा कबीर जी तत्वदर्शी संत के रूप में आकर बताते हैं। कबीर जी ने कहा है कि:

“कबीर, पर्वत पर्वत में फिरा, कारण अपने राम। 

राम सरीखे जन मिले, जिन सारे सब काम।।’’

अर्थात: कबीर परमेश्वर जी अपने ऊपर ही उदाहरण देकर हमें समझा रहे हैं कि “परमात्मा की तलाश में मैं पहाड़ों, मंदिरों न जाने कहां-कहां घूमा। जब परमात्मा जैसे गुणों से युक्त संत मिला, तब मेरी परमात्मा की तलाश पूरी हुई।”

गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 के अनुसार, केवल तत्वदर्शी संत से ज्ञान प्राप्त कर ही मुक्ति संभव है। वर्तमान में एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताए सत भक्ति मार्ग से पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति संभव है। संत रामपाल जी महाराज वेदों, गीता, और अन्य सभी धार्मिक ग्रंथों के आधार पर सही आध्यात्मिक ज्ञान दे रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए डाउनलोड करें Sant Rampal Ji Maharaj App 

FAQs: हिमालय का रहस्य

Q.1. हिमालय की उत्पत्ति कैसे हुई?

Ans. भूगर्भिक प्लटो मे परिवर्तन से। 

Q.2.  हिमालय कितना पुराना है?

Ans. 50 मिलियन वर्ष पुराना है।

Q.3. हिमालय की ऊंचाई कितनी है?

Ans.हिमालय की औसत ऊंचाई 6,000 मीटर है।

Q.4. हिमालय की लंबाई कितनी है?

Ans. हिमालय की लंबाई लगभग 2,500 किलोमीटर है।

Q.5. हिमालय की लंबाई कहाँ तक फैली है?

 Ans.हिमालय की लंबाई भारत, नेपाल, भूटान और पाकिस्तान में फैली हुई है।

Q.6.  हिमालय की हर वर्ष कितनी लंबाई बढ़ती है?

Ans 1 सेंटीमीटर लम्बाई बढ़ती है।

Q.7.  क्या हिमालय मे तपस्या करने से मोक्ष मिलता है?

Ans. नहीं। उसके लिये किसी तत्वदर्शी सन्त की तलाश करके, उनके बताये अनुसार भक्ति करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Q.8 वर्तमान में तत्वदर्शी संत कौन हैं?

Ans. वर्तमान में एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं।

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