अपने चाय बागानों और प्रचुर वन संसाधनों के लिए दुनिया भर में मशहूर होने वाला भारत का एक छोटा सा राज्य असम (Assam) है, जो कि भारत के 28 राज्यों से से एक है। एक सींग वाले भारतीय गैंडों, जंगली भैंसों, बौना हॉग, बाघ और एशियाई पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के साथ एशियाई हाथियों की खूबियों से भरपूर यह राज्य अपनी मनमोहक प्राकृतिक हरियाली, पहाड़ियों, पर्वतों और नदियों की एक श्रृंखला से सुशोभित है। चाय तथा कई प्रकार के रेशमों का घर कहा जाने वाला यह राज्य दुनियां भर में ‘मिनी इंडिया’ के नाम से जाना जाता है। आइए एक नज़र में जानें असम के संपूर्ण इतिहास और भौगोलिक विस्तार के बारे में रोचक जानकारी।
असम का नामकरण कैसे हुआ
असम विविध संस्कृतियों का मिलन स्थल है। असम की सही और सटीक उत्पत्ति अस्पष्ट है। विद्वानों का मानना है कि ‘असम’ शब्द संस्कृत के ‘असोमा’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है अनोखा अथवा अद्वितीय। लेकिन वर्तमान के ज़्यादातर विद्वानों का मानना है कि यह शब्द मूलरूप से ‘अहोम’ से बना है।
और ये भी मानना है कि ‘असम’ नाम अहोम लोगों से जुड़ा हुआ है जो 1228 ई. में असम आए थे और लगभग 600 वर्षों तक उस पर शासन किया था। प्राचीन भारतीय साहित्य ग्रंथों में इस प्रदेश को ज्योतिषों के कारण ‘प्रागज्योतिषपुर’ के नाम से भी जाना जाता था। असम नाम की उत्पत्ति के बारे में कई मत हैं। प्राचीन संस्कृत साहित्य में असम के लिए ‘प्रागज्योतिष’ और ‘कामरूप’ दोनों नामों का प्रयोग किया जाता हैं। असम राज्य का रामायण और महाभारत नामक दो महाकाव्यों के साथ-साथ पुराणों में भी उल्लेख मिलता है।
कामरूप यानि असम नाम की उत्पत्ति के बारे में एक पौराणिक कथा है। एक बार शिव जी की पत्नी माता सती ने अपने पिता राजा दक्ष द्वारा शिव जी के प्रति अभद्र व्यवहार के कारण हवनकुंड में कूदकर अपनी जान दे दी थी। इस घटना से क्रोधित होकर शिव जी ने अपने त्रिशूल से राजा दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया था। उसके बाद हवनकुंड से माता सती का मृत शरीर यानि कंकाल अपने कंधों पर डालकर कई वर्षों तक शिव जी माता सती के वियोग में संसार का भ्रमण करते रहे।
शिव जी की ऐसी दशा देखकर एक दिन श्री हरि विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के कंकाल तंत्र के टुकड़े कर दिए। उनके कंकाल के कई हिस्से अलग-अलग स्थानों पर गिरे, ऐसा ही एक टुकड़ा गुवाहाटी के पास नीलाचल पहाड़ियों पर गिरा और तब से इस स्थान पर कामाख्या मंदिर स्थापित है।
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लेकिन शिव जी की तपस्या फिर भी नहीं रुकी उन्होने कामदेव को सदा के लिए नष्ट करने के लिए कई युगों तक समाधि लगाई। देवताओं ने अपनी योजना अनुसार शिव जी की समाधि भंग करने के लिए कामदेव को उनके निकट भेजा। कामदेव शिव जी की समाधि भंग करने में सफल तो हुए लेकिन शिव जी की क्रोधग्नि से जलकर वहीं भस्म हो गए थे। उसके उपरांत इसी असम नामक स्थान पर कामदेव ने अपना मूल स्वरूप यानि वास्तविक शरीर पुनः प्राप्त किया था। इसीलिए असम को कामरूप नाम से भी जाना जाता है।
असम राज्य का भौगोलिक विस्तार
असम भारत गणराज्य के 28 राज्यों में से एक है। जो पूर्वोत्तर भारत के प्रवेश द्वार पर स्थित है। असम राज्य भूटान और बांग्लादेश से लगी भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के समीप है। इस राज्य की सीमा उत्तर में भूटान, अरुणाचल प्रदेश से तथा पूर्व में नागालैंड और मणिपुर से लगती है, दक्षिण में मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम से तथा पश्चिम में पश्चिम बंगाल से लगती है।
असम का एक महत्वपूर्ण भौगोलिक पहलू यह है कि इसमें भारत के छह भौगोलिक क्षेत्रों में से तीन शामिल हैं – उत्तरी हिमालय (पूर्वी पहाड़ियाँ), उत्तरी मैदान (ब्रह्मपुत्र मैदान), और दक्कन पठार (कार्बी आंगलोंग)। असम जनसंख्या के हिसाब से उत्तर पूर्व का सबसे बड़ा राज्य है और क्षेत्रफल के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। असम का क्षेत्रफल 78,438 वर्ग किमी (30,285 वर्ग मील) है। असम राज्य की राजधानी दिसपुर है।
असम राज्य की कला एवं संस्कृति (Art and Culture of Assam State)
असम ने दो हज़ार से ज़्यादा सालों से विभिन्न पारंपरिक शिल्पों की समृद्ध परंपरा को बनाए रखा है। राज्य के प्रमुख हस्तशिल्प में बेंत और बांस के फर्नीचर बनाना, हस्तशिल्प बुनाई, आभूषण, शीतलपाटी (चटाई बनाना), पीतल और बेल-धातु की वस्तुएं, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी का काम और कुहिला कोथ (फाइबर बुनाई) शामिल हैं। असम के लोग हाथ से बुने हुए कपड़ों का उपयोग करते हैं। पारंपरिक पोशाक (पुरुषों के लिए गमछा, धुति और महिलाओं के लिए मेखला-चादर) का उपयोग सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए किया जाता है। असमिया यहां के लोगों की एक अनोखी पहचान है।
पश्चिमी संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के साथ, पारंपरिक कपड़ों की जगह पश्चिमी कपड़ों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। बिहू असम का प्रमुख राजकीय त्यौहार है। बिहू के तीन मुख्य प्रकार हैं: बहग बिहू, माघ बिहू और कटि बिहू।
असम राज्य का वर्तमान स्वरूप
असम के वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. हेमन्त बिस्वा शर्मा हैं और राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य। स्वतंत्र असम के पहले राज्यपाल सर मोहम्मद सालेह अकबर हैदरी थे और मुख्यमंत्री गोपीनाथ बारदोलोई थे। 1974 में राजधानी को शिलांग से दिसपुर स्थानांतरित कर दिया गया था। वर्तमान में असम राज्य में कुल 35 जिले हैं। असमिया भाषा असम के लोगों की एक विशिष्ट पहचान है।
यहां की डेढ़ करोड़ आबादी द्वारा असमिया भाषा बोली जाती है। असम, उत्तर पूर्वी भारत में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य माना जाता है। 2006 में असम की जनसंख्या 28.67 मिलियन थी। 2011 में यहीं आंकड़ा बढ़कर 30.57 मिलियन हो गई और 2021 से अब तक 34.18 मिलियन आंकड़ा अंकित है। यहीं आंकड़ा 2026 तक 35.6 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। 2011 की जनगणना के अनुसार असम की कुल जनसंख्या 31,169,272 थी। पिछले दस वर्षों में 16.93% की वृद्धि दर के साथ राज्य की कुल जनसंख्या 26,638,407 से बढ़कर 31,169,272 हो गई है।
असम राज्य से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q.1. असम के राजकीय वृक्ष का नाम क्या है?
Ans:- होलोंग वृक्ष।
Q. 2. असम के राजकीय पशु का नाम क्या है?
Ans:- एक सींग वाला गेंडा (Raino)।
Q.3. असम के वर्तमान मुख्यमंत्री का नाम क्या है?
Ans:- डॉ. हेमन्त बिस्वा शर्मा
Q.4. असम की राजधानी का नाम क्या है?
Ans:- दिसपुर (Dispur)
Q.5. असम में कौनसी भाषा बोली जाती है?
Ans:- असमिया (Asamiya)