Afghanistan Earthquake: पूर्वी अफगानिस्तान में 1 सितंबर 2025 को 6.0 तीव्रता का भूकंप आया जिसमें लगभग 800 लोगों के मारे जाने की और 2500 से ज्यादा लोग घायल होने की खबर है। भूकंप का केंद्र जिला इलाहाबाद से 27 किलोमीटर दूर 10 किलोमीटर गहराई पर था। देश में कई भूकंपीय फॉल्ट लाइन उपस्थित है, जिससे इस क्षेत्र में भूकंप और भूस्खलन के खतरे अधिक रहते हैं।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि पूर्वी अफगानिस्तान में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या लगभग 812 तक पहुंच गई और 2817 घायल हुए है। सबसे ज्यादा तबाही दूर दराज के कुनार प्रांत में हुई है। कई गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं। तालिबान अधिकारी के अनुसार यह पिछले एक दशक का सबसे घातक भूकंप है। प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल अस्पताल आश्रय, भोजन और स्वच्छ पानी की आवश्यकता है। मौके पर राहत और बचाव अभियान चल रहा है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई। रिक्टर स्केल पर इसे मध्यम श्रेणी का भूकंप माना जाता है, लेकिन यह उथला भूकंप था। यह भूकंप रविवार रात 11:47 बजे पाकिस्तान सीमा के पास आया। बड़े भूकंप के बाद इलाके में 12 आफ्टरशॉक्स भी महसूस किए गए, जिनमें से अधिकांश रिक्टर पैमाने पर 3.0 तीव्रता के थे।
मदद को आगे आया भारत
Afghanistan Earthquake: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज अफगानिस्तान के विदेशी मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्तकी से बात की और अफगानिस्तान में आए भूकंप में हुई जनहानि पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। डॉ. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर बताया कि भारत ने आज काबुल में 1000 परिवारों के लिए तंबू भेजे हैं, उन्होंने कहा कि भारतीय मिशन ने काबुल से कुनार जिले तक 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि कल से और राहत सामग्री भारत से भेजी जाएगी। डॉ. जयशंकर ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की और कहा कि इस मुश्किल समय में भारत अफगानिस्तान के साथ खड़ा है।
चुनौतियों भरा राहत कार्य शुरू
भूकंप के तुरंत बाद बचाव दल राहत कार्य में जुड़ गया है। दूधराज के पहाड़ी इलाकों में सड़के बंद होने और भूस्खलन के कारण राहत कार्य को में बाधा आ रही है। प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल की सुविधा भी एक चुनौती से कम नहीं, स्वास्थ्य केंद्रों पर बहुत भारी दबाव देखने को मिला है। प्रभावित लोगों पर भूकंप का खौफ देखने को मिला है। कई लोग सुरक्षा की चिंता के कारण अपने घरों में नहीं रह पा रहे हैं और खुले में सोने को मजबूर हैं।
अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट सोसायटी के जाय सिंघल ने अल जजीरा को बताया कि उनकी टीम ने प्रभावित समुदायों में तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया है, हालांकि कहीं दूर दराज के पहाड़ी और कम आबादी वाले क्षेत्रों तक अभी तक मदद नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने बताया कि राहत टीमों की संख्या भी काफी कम है और भूस्खलन वाले क्षेत्रों में पहुंचना कठिन हो रहा है।
भूकंप का पिछला इतिहास
अफगानिस्तान के पूर्वी और पश्चिम भागों में भूकंप के प्रति संवेदनशील रहा है। पिछले साल 2024 में पश्चिमी भाग में आए भूकंप में लगभग 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और उसे पिछले 7 अक्टूबर 2023 को भी अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें भी कई जानें गई थी।
Afghanistan Earthquake: प्रकृति का नियम
गीता अध्याय 9 शोक 25 में गीता के ज्ञानदाता ने बताया है कि:-
यह नियम है कि देवताओं को पूजने वाला देवताओं को प्राप्त होता है, पितरों को पूजने वाला पितरों को प्राप्त होता है, भूतों को पूजने वाला भूतों को प्राप्त होता है, परंतु मेरा पूजन करने वाला मुझे ही प्राप्त होता है।
परंतु मुस्लिम समाज का कहना है कि हम एक अल्लाह की इबादत करते हैं। परंतु कुरान शरीफ की आयत में ऐन, सीन, काफ यह तीन नाम जाप करने को बताए हैं, जिसकी खबर कोई बाखबर बताएगा। यही गुप्त नाम है, जो अल्लाह हू अकबर कबीर की इबादत का है। इसे कोई भी मुसलमान जाप नहीं कर रहा है।
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