अडानी पावर ने बांग्लादेश को बिजली सप्लाई के लिए नए कोयला आधारित बिजली संयंत्र की शुरुआत की थी। यह प्लांट झारखंड के गोड्डा में है। इसकी क्षमता 1,600 मेगावाट (MW) है। पहले यह संयंत्र सिर्फ बांग्लादेश को ही बिजली निर्यात कर सकता था। लेकिन, अब केंद्र सरकार ने बिजली निर्यात नियमों में बदलाव किया है। इससे गौतम अडाणी के नेतृत्व वाली अडाणी पावर अब इस संयंत्र से भारत में भी बिजली सप्लाई करेगी।
मुख्य बिंदु: अडानी पावर प्लांट
- अडानी पावर ने झारखंड में नया कोयला आधारित बिजली संयंत्र शुरू किया
- गोड्डा में शुरू हुए कंपनी के इस बिजली संयंत्र की क्षमता 1600 मेगावाट है
- अडानी ग्रुप इस संयंत्र से बांग्लादेश के साथ भारत में भी बेच सकेगा बिजली
अडानी पावर प्लांट: बांग्लादेश को बिजली सप्लाई का एक नया युग
अडानी पावर ने बांग्लादेश को बिजली सप्लाई के लिए नए कोयला आधारित बिजली संयंत्र की शुरुआत की है। यह प्लांट झारखंड के गोड्डा में है। इसकी क्षमता 1,600 मेगावाट (MW) है। पहले यह संयंत्र सिर्फ बांग्लादेश को ही बिजली निर्यात कर सकता था।
अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि “इस कदम से देशभर में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।” उन्होंने कहा, ‘अडानी पावर बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के डिमांड शेड्यूल और बिजली खरीद समझौते के प्रावधानों के अनुसार अनुबंध संबंधी दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और पारस्परिक पूर्ति जारी रखने के लिए तत्पर है।’
अडानी पावर प्लांट: गोड्डा बिजली संयंत्र की दूसरी इकाई के सफल परीक्षण की शुरुआत
गोड्डा बिजली संयंत्र की दूसरी इकाई के कमर्शियल ऑपरेशंस परीक्षण और विश्वसनीयता परीक्षण 25 जून को पूरे हो गए थे। इस मौके पर बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ बांग्लादेश (पीजीसीबी) के अधिकारी भी मौजूद रहे थे। छह अप्रैल को, 800MW क्षमता वाले बिजली संयंत्र की पहली यूनिट ने अपनी कमर्शियल ऑपरेशंस डेट(सीओडी) हासिल कर ली थी।
12 अगस्त को जारी किए गए आदेश में कहा गया कि अगर पावर स्टेशन कंपनियां पूरी बिजली नहीं बेच पा रही हैं या फिर पावर पर्चेंज एग्रीमेंट के तहत उन्हें भुगतान में देरी हो रही है तो भारत सरकार ऐसे पावर जेनरेटिंग स्टेशन को भारतीय ग्रिड के साथ जोड़ने की इजाजत दी जाएगी जिससे देश की सीमाओं के भीतर बिजली बेच सकें।
अडानी पावर प्लांट: बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति और राजनीतिक अस्थिरता के बीच संबंध
वर्तमान समय में झारखंड के गोड्डा स्थित पावर प्लांट से अडानी पावर पावर पर्चेंज एग्रीमेंट के तहत बांग्लादेश को 800 मेगावाट बिजली बेच रही है जिसके लिए बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ 2017 में करार हुआ था। इस थर्मल पावर प्लांट के लिए ऑस्ट्रेलिया से कंपनी कोयला इंपोर्ट करती है और पिछले साल से बांग्लादेश को बिजली बेच रही है। एनटीपीसी भी समझौते के तहत 500 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को सप्लाई करती है लेकिन ये अलग अलग स्टेशनों से पूल किया गया है। दामोदर वैली कॉरपोरेशन ने 300 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को बेचने के लिए 2018 में करार किया था लेकिन इसमें एक्सक्लूसिव पीपीए नहीं है।
यह बदलाव एक ऐसे समय में हुआ है जब पड़ोसी देश (बांग्लादेश) राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी है। बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बाद अब अंतरिम सरकार का गठन हो गया। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार बने। इसके बाद भी पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनुस सरकार से आपत्ति जताई थी, लेकिन फिर भी हमले नहीं रुके। इस बीच मोदी सरकार ने बांग्लादेश के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है।
जानें सरकारी ज्ञापन में अडाणी ग्रुप के लिए प्रावधान के साथ बिजली आपूर्ति पर प्रभाव
भारत सरकार ऐसे उत्पादन स्टेशन को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की अनुमति दे सकती है। ऐसा पूरी या आंशिक क्षमता के निरंतर गैर-निर्धारण के मामले में भारत के भीतर बिजली की बिक्री की सुविधा के लिए किया जा सकता है।’ यह संशोधन अडानी ग्रुप को भुगतान में देरी होने पर स्थानीय ग्रिड को बिजली बेचने की भी इजाजत देता है।
पॉवर मिनिस्ट्री के ज्ञापन में कहा गया है कि ‘मोदी सरकार ऐसे बिजली उत्पादन स्टेशन को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की मंजूरी दे सकती है।’ इसे लेकर अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से देश भर में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।