उत्तराखंड में अब आस्था की आड़ लेकर अंधविश्वास फैलाने और जनता को ठगने वाले फर्जी बाबाओं की संख्या बढ़ गई है। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत पुलिस ने देहरादून जिले में पिछले रविवार को साधु-संतों के भेष में आम लोगों को ठगने वाले 34 और फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। इस अभियान के तहत अब तक देहरादून जिले में कुल 82 ढोंगी बाबाओं की गिरफ्तारी हो चुकी है। ये सभी लोग धर्म का दिखावा कर भोली-भाली जनता को भ्रमित कर रहे थे और उनके साथ धोखाधड़ी कर रहे थे।
प्रदेशभर में चलाए जा रहे इस अभियान के तहत पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं, जो ऐसे बाबाओं की गतिविधियों की गहन निगरानी कर रही हैं। जहां-जहां से अंधविश्वास, छल-प्रपंच, झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायतें आ रही हैं, वहां त्वरित कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री धामी ने साफ शब्दों में कहा है कि
“धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
सरकार का यह कदम प्रदेश में सच्चे धार्मिक मूल्यों की रक्षा और समाज में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की दिशा में एक साहसिक पहल माना जा रहा है।
ऑपरेशन कालनेमि अभियान से संबंधित मुख्य बिंदु
1. उत्तराखंड में धर्म की आड़ लेकर अंधविश्वास फैलाने और जनता को ठगने वाले ढोंगी बाबाओं पर पुलिस ने अभियान छेड़ा है।
2. अब तक देहरादून जिले से 82 फर्जी बाबाओं की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जिनमें से 34 को रविवार को ही पकड़ा गया।
3. प्रदेशभर में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं जो ऐसे तत्वों की गहन निगरानी कर रही हैं।
4. झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के नाम पर धोखाधड़ी की जहाँ भी शिकायतें मिल रही हैं, वहाँ त्वरित एक्शन हो रहा है।
5. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है – “धर्म के नाम पर ठगी करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
6. यह अभियान राज्य में सच्चे धार्मिक मूल्यों की रक्षा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रचार की दिशा में एक साहसिक कदम है।
‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत देहरादून में बड़ी कार्रवाई: 34 ढोंगी बाबा गिरफ्तार, 23 अन्य राज्यों से
देहरादून जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया कि, “मुख्यमंत्री के निर्देश पर बृहस्पतिवार से शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं। ये टीमें उन स्थानों पर कार्रवाई कर रही हैं जहां ढोंगी बाबाओं द्वारा धर्म की आड़ में लोगों की आस्था और भावनाओं से खिलवाड़ कर ठगी की सूचना मिल रही है।”
एसएसपी ने जानकारी दी कि रविवार को जिले भर से 34 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 23 आरोपी अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। अजय सिंह ने आगे बताया कि पिछले तीन दिनों में देहरादून जिले में कुल 82 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के तहत वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
‘ऑपरेशन कालनेमि’ में सनसनीखेज खुलासे: साधु के वेश में छिपे अपराधी बेनकाब
‘ऑपरेशन कालनेमि’ के पहले ही चरण में पुलिस को ऐसे चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं, जिन्होंने सभी को हैरान कर दिया है। जांच के दौरान कई ऐसे तथाकथित बाबाओं की पहचान हुई है, जिनके खिलाफ पहले से ही हत्या, बलात्कार, चोरी और डकैती जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
उधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने जानकारी दी कि, “ये लोग धार्मिक साधु का चोला ओढ़कर समाज में भ्रम और अंधविश्वास फैलाते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि ये पेशेवर अपराधी हैं। उनका उद्देश्य न तो आध्यात्मिक सेवा है और न ही जनकल्याण, बल्कि ये धर्म की आड़ लेकर ठगी, भय और शोषण का जाल बुनते हैं।”
जांच में बड़ा खुलासा: वेश बदलकर आस्था का दुरुपयोग, अपराध की आड़ में ठगी
‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत चल रही जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पुलिस के अनुसार, कुछ आरोपियों ने धार्मिक पहचान छुपाकर हिंदू साधु का वेश धारण किया और इस भेष में लोगों को धोखा देने का सिलसिला शुरू कर दिया।
जांच में यह तथ्य सामने आया है कि कुछ आरोपी अन्य समुदाय से संबंध रखते हैं, जिन्होंने आस्था का मुखौटा पहनकर लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया। इनका मुख्य उद्देश्य धर्म और विश्वास का लाभ उठाकर न केवल अपनी पहचान छिपाना था, बल्कि आपराधिक गतिविधियों को भी अंजाम देना और धन संग्रह करना था।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने भी पुष्टि की है कि विभिन्न धर्मों से संबंध रखने वाले कई व्यक्तियों को फर्जी साधु बनकर जनता को ठगते हुए गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ऐसे मामलों में विशेष सतर्कता बरत रही है ताकि किसी भी प्रकार का धार्मिक तनाव न उत्पन्न हो, और दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
ऑपरेशन कालनेमि के चौंकाने वाले आंकड़े: कई जिलों में कार्रवाई तेज, कुछ में अब भी सुस्ती
‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत अब तक सामने आए आंकड़े बेहद गंभीर और चिंताजनक हैं। विभिन्न जिलों में प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाइयों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ढोंगी बाबाओं और फर्जी साधुओं का नेटवर्क कितना व्यापक और संगठित है।
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार:
- उधमसिंह नगर में – 120
- देहरादून में – 82
- हरिद्वार में – 55
- टिहरी में – 15
- नैनीताल में – 9
इन जिलों में सक्रिय जांच और त्वरित कार्रवाई की जा रही है, जिससे कई फर्जी साधु बेनकाब हुए हैं।
हालांकि, प्रदेश के कई अन्य जिलों में अभी तक अभियान शुरू नहीं हो पाया है, जिससे वहां की जनता में असुरक्षा की भावना पनप रही है और प्रशासन की मंशा और तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का मानना है कि जब यह समस्या पूरे राज्य में फैली है, तो कार्रवाई भी समान रूप से होनी चाहिए।
अब केवल वेशभूषा नहीं, असली पहचान पर है फोकस: पुलिस कर रही है गहराई से जांच
‘ऑपरेशन कालनेमि’ अब केवल धार्मिक वेशभूषा तक सीमित नहीं है। पुलिस की नजर अब हर तथाकथित बाबा की असली पहचान, वैध दस्तावेजों और आपराधिक इतिहास पर केंद्रित हो गई है।
प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी व्यक्ति साधु या गुरु के रूप में खुद को प्रस्तुत कर, समाज की आस्था और विश्वास का दुरुपयोग न कर सके।
हर संदिग्ध साधु की गतिविधियों की गहराई से जांच की जा रही है, चाहे वह उनका पहले का आपराधिक रिकॉर्ड हो या वर्तमान में उनकी संपत्ति, व्यवहार और नेटवर्क। पुलिस यह स्पष्ट संकेत दे रही है कि धर्म की आड़ में फरेब अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कुछ जिलों में तेज़ रफ्तार, तो कहीं सन्नाटा: क्या अब भी प्रशासन की पकड़ से दूर हैं ढोंगी?
‘ऑपरेशन कालनेमि’ जहां कुछ जिलों में पूरी सक्रियता और तीव्रता के साथ आगे बढ़ रहा है, वहीं प्रदेश के कई हिस्से अब भी इस अभियान की प्रभावी पहुंच से वंचित हैं।
इस स्थिति ने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है, क्या इन क्षेत्रों में ढोंगी बाबाओं का नेटवर्क और भी गहराई से छिपा हुआ है, या फिर स्थानीय प्रशासन की पकड़ अभी तक वहां तक नहीं पहुंच पाई है?
इस विषय पर नज़र रखने वालों का मानना है कि धोखाधड़ी और अंधविश्वास की जड़ें अक्सर छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में गहराई से फैली होती हैं, जहां सूचना का अभाव और जन-जागरूकता की कमी होती है। यदि इन जिलों में जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो ये इलाके ढोंगी बाबाओं के सुरक्षित ठिकाने बन सकते हैं।
ऑपरेशन कालनेमि की निर्णायक शुरुआत, लेकिन मंज़िल अभी बाकी है
उत्तराखंड में फर्जी बाबाओं और ढोंगी साधुओं के खिलाफ चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन कालनेमि’ निस्संदेह एक निर्णायक और साहसिक पहल है। इस अभियान ने धर्म की आड़ में छिपे अपराधियों को बेनकाब करने की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार किया है।
हालांकि, यह भी उतना ही सच है कि जब तक प्रदेश के हर कोने से ऐसे पाखंडी और ठगों की पूरी तरह सफाई नहीं हो जाती, तब तक यह अभियान अपनी पूर्णता को नहीं छू पाएगा।
जनता को चेतावनी और सहयोग की अपील
उत्तराखंड पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी बाबा या साधु की बातों में बिना प्रमाण के न आएं। यदि कोई बाबा धर्म के नाम पर चमत्कार दिखाने या इलाज करने का दावा करता है, तो तुरंत नजदीकी थाने या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। यह भी स्पष्ट किया गया है कि धर्म और अंधविश्वास के नाम पर ठगी व शोषण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
सच्चे ज्ञान से ही ढोंगी बाबाओं का पर्दाफाश होगा
जब लोग शास्त्रों के अनुसार सही और गलत की पहचान करने लगेंगे, तब ये ढोंगी अपने आप बेनकाब हो जाएंगे।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार, ढोंगी बाबाओं की पोल सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार से खोली जा सकती है। वे बताते हैं कि गुरु वही सच्चा होता है जो वेद, गीता और अन्य शास्त्रों के अनुसार साधना कराए।
सोशल मीडिया, सत्संग, और निःशुल्क धार्मिक किताबों के माध्यम से जनता को जागरूक करना ही इन ढोंगियों से मुक्ति पाने का सही उपाय है।
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ऑपरेशन कालनेमि, उत्तराखंड से संबंधित मुख्य FAQs:
Q1. ‘ऑपरेशन कालनेमि’ क्या है?
उत्तर: उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू किया गया यह विशेष अभियान धर्म की आड़ में अंधविश्वास फैलाने, ठगी करने, और तंत्र-मंत्र के नाम पर धोखा देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए है।
Q2. अब तक कितने फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है?
उत्तर: देहरादून जिले में अब तक कुल 82 फर्जी बाबाओं की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से 34 हाल ही में रविवार को पकड़े गए।
Q3. इस अभियान में कौन-कौन शामिल है?
उत्तर: इसमें पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें शामिल हैं, जो राज्यभर में निगरानी और कार्रवाई कर रही हैं।
Q4. किन क्षेत्रों में कार्रवाई हो रही है?
उत्तर: जिन क्षेत्रों से अंधविश्वास, झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र या ठगी की शिकायतें मिल रही हैं – विशेष रूप से देहरादून, उधमसिंह नगर, हरिद्वार आदि।
Q5. इस अभियान का नाम ‘कालनेमि’ क्यों रखा गया है?
उत्तर: ‘कालनेमि’ एक पौराणिक पात्र है जो धर्म का मुखौटा पहनकर अधर्म करता था। ऐसे ही फर्जी बाबाओं को उजागर करने के उद्देश्य से इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन कालनेमि’ रखा गया।