आपको बता दें कि पुणे के मावल तहसील के कुंडमाला क्षेत्र में इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना लोहे का पुल रविवार दोपहर लगभग 3:30 बजे भारी बारिश और नदी के तेज बहाव के कारण अचानक टूट गया। समय का कोई भरोसा नहीं, कब क्या हो जाए। लोग आए थे छुट्टियां मनाने और मन को बहलाने, पता नहीं था कि अपनी जान ही गवानी पड़ जाएगी।
मुख्य बिंदु
- पुणे में तलेगांव क्षेत्र की इंद्रायणी नदी पर बना 30 साल पुराना पुल टूटा।
- हादसे के दौरान पुल पर करीब 100 से 125 लोगों के मौजूद होने की संभावना है।
(3) जानकारी मिलते ही घायलों को अस्पताल भेजा गया,जहां पीड़ितों का इलाज जारी है।
(4) महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान करते हुए कहा कि हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5 लाख रूपये आर्थिक सहायता के रूप प्रदान की जाएगी।
(5) महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री ने बताया कि बार – बार चेतावनी दे पर भी पर्यटक अपनी जान जोखिम में क्यों डालते हैं।
हादसे में हुए घायल तो दूसरी ओर कुछ लोग लापता
बहुत ही दुखद घटना है, जब हादसा हुआ उस वक्त पुल पर करीब 100 से 125 लोगों के मौजूद होने की बात की गई है। लोग नदी के तेज बहाव का मनमोहक दृश्य देखने आए थे। लोगों में बहुत खुशी का माहौल था, उन्हें नहीं था पता कि कुछ ही पल में हमारे साथ ये अनहोनी होने वाली है । सभी मौजूद लोग सेल्फी लेने में भी व्यस्त थे । पुल पर मौजूद लोगों में से 25-30 लोगों के पानी में बह जाने की आशंका है, दुखद बात अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और लगभग 51 लोग घायल हुए हैं।
दुर्घटना होते समय ये मंजर देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। पुल टूटने पर लोग नदी में गिरे तब तो देखने वालों ने सोचा था कि बहुत लोग पुल की चपेट में दब चुके और बहुत पानी में बह गए हैं।
जानकारी के तुरंत बाद घायलों को अस्पताल भेजा गया, वहां उन पीड़ित लोगों का इलाज चल रहा है। पवना, मीमर, अथर्व और यूनिक हॉस्पिटल में लोगों को भर्ती कराया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और एनडीआरएफ की टीम मौके पर तैनात है क्योंकि कुछ लोगों की बह जाने से न मिलने की तो दूसरी ओर कुछ लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है, उनकी तलाश जारी है।
प्रशासन की क्या रही प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस पुल दुर्घटना को लेकर बहुत गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा कि इंद्रायणी नदी पर जो हादसा हुआ है, वह बहुत दुखद है। आगे उन्होंने इस हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की और मृतकों के परिजनों के दुख में सहभागी होने का विश्वास दिलाया।
सीएम देवेंद्र फडणवीस जी ने ऐलान कर कहा कि राज्य सरकार इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के 5 लाख रूपये आर्थिक सहायता देगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार घायलों के इलाज का खर्ज भी उठाएगी। मुख्यमंत्री ने राहत-बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं और सभी एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
पुल टूटने का क्या रहा कारण
बताया जा रहा है कि पुल 30 साल पुराना और जर्जर था, वाहनों की आवाजाही पहले से ही बंद कर रखी थी, परंतु पुल पर भीड़ अधिक होने के कारण ये हादसा हुआ है। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन घटनास्थल पहुंचे और बचाव कार्यों पर निगरानी रखी।
उन्होंने भी बताया कि ये पुल सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए था। पुल के आगे एक चेतावनी बोर्ड भी लगा था जिसमें सिर्फ दो पहिया वाहन और एक साथ ज्यादा लोगों के चलने पर रोक लगा रखी थी। नदी के तेज बहाव के कारण दृश्य मनमोहक था जिस कारण पर्यटकों ने दी गईं चेतावनियों को नजरअंदाज किया,जिससे पुल पर बोझ बढ़ने के कारण टूट गया।
सुप्रिया सुले भी पहुंची घटनास्थल
दुर्घटना के तुरंत बाद ही NCP (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले पहुंची घटनास्थल। उहोंने ने कहा कि डॉक्टरों की टीम हर परिवार को भरोसा दिलाने की पूर्णता कोशिश में है। आगे कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि इस हादसे में जान गंवाने वालों की आत्मा ईश्वर शांति प्रदान करें और घायलों को जल्द से जल्द स्वस्थ करने की कृपा करें।
हम हर किसी की पूर्णतः सेवा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार आधिकारिक बयान जारी करेगी। उन्होंने कहा किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं क्योंकि हम सभी पीड़ितों के और उनके परिजनों के हर क्षण साथ हैं।
प्रशासन ने कहा मामले की होगी जांच
महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि इस दुर्घटना के पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी । उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष मानसून के दौरान बार – बार चेतावनी दी जाती है फिर भी लोग ऐसे खतरे में डालने वाले स्थलों पर जाकर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। हम पर्यटकों से प्रार्थना (अपील) करते हैं कि कोई भी ऐसी लापरवाही न करे क्योंकि जीवन। बहुत अनमोल है।
आध्यात्मिक ज्ञान के आभाव से विश्व का मानव अपने मूल उद्देश्य से भटक कर झेल रहा महाकष्ट
यदि हम सद्गुणों को ग्रहण करें तो हम धार्मिक बनेंगे। धार्मिक बनकर हम भविष्य में होने वाले महा कष्ट से बचेंगे। सीधे शब्दो में कहें तो मानव जीवन का मूल उद्देश्य भक्ति करके भगवान के पास जाना है। हम इस भूल के कारण इधर – उधर जैसी की नदी, तालाब, झरने, पहाड़ों, महलों में सुख की खोज कर रहे हैं।
पता नहीं कि कब, किस पल मौत आ जाए। इस मौत और कष्टों से हमे केवल परमात्मा के सतभक्ति ही बचा सकती है। मानव जीवन का मूल उद्देश्य ” भक्ति से भगवान तक है। वर्तमान में वेदों -पुराणों के अनुसार सतभक्ति केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज प्रदान कर रहे हैं,जिससे हमें पूर्ण सुख एवं शांति तो मिलेगी ही साथ में हमारा मोक्ष भी होगा। देखिए शाम 7:30 से 8:30 तक साधना चैनल पर जगतगुरू संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन।