कोलंबिया ने पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए अपने बयान को वापस ले लिया है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। यह घटनाक्रम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में सामने आया, जिसमें पाकिस्तान की भूमिका पर चर्चा हो रही थी। भारत ने इस बयान का विरोध किया था, जिससे यह मामला एक कूटनीतिक मुद्दा बन गया।
मुख्य बिंदु
(1) कोलंबिया ने पाकिस्तान के समर्थन में एक बयान दिया, जो उसे वापिस लेना पड़ा।
(2)शशि थरूर की रही मुख्य भूमिका, जिसने दिलाई भारत को विजय।
(3) कोलंबिया ने अपनी समझदारी दिखाते हुए बहुत बढ़िया निर्णय लिया है , जिससे वह भारत के और करीब आ सकता है।
(4) कोलंबिया ने पाकिस्तान के समर्थन में आवाज उठाई, भारत ने बयान का जमकर विरोध किया।
शशि थरूर की रही मुख्य भूमिका
भारत के वरिष्ठ नेता और पूर्व राजनयिक शशि थरूर की आपत्ति के बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयान को वापस ले लिया है। यह घटना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में सामने आई, जिसमें पाकिस्तान की भूमिका पर चर्चा हो रही थी। भारत ने इस बयान का विरोध किया था, जिससे यह मामला एक कूटनीतिक मुद्दा बन गया।
शशि थरूर की प्रभावशाली प्रतिक्रिया और कूटनीतिक प्रयासों के चलते कोलंबियाई सरकार ने अपना बयान वापस लेकर भारत की चिंताओं को मान्यता दी। यह कदम भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। थरूर इस समय अमेरिका के कुछ देशों की यात्रा पर हैं और विभिन्न अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं।
इस घटनाक्रम ने वैश्विक स्तर पर भारत की राजनयिक ताकत और विदेश नीति की प्रभावशीलता को प्रदर्शित किया है।
कोलंबिया की समझदारी बना पाएगी भारत से अब और गहरा संबंध
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि भारत की कूटनीतिक सक्रियता और प्रभावशाली नेतृत्व वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण स्थान बना रहे हैं। कोलंबिया का यह कदम भारत के प्रति उसकी समझ और समर्थन को दर्शाता है, जो भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगा।
इस मुद्दे पर, शशि थरूर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनकी कूटनीतिक सूझबूझ और सक्रियता ने भारत को इस मुद्दे पर विजय दिलाई है। उनकी यह उपलब्धि भारतीय कूटनीति की सफलता का प्रतीक है।
आपको बता दें कि तरनजीत सिंह संधू जो कि भाजपा से नाता रखते है, उन्होंने अपनी ओर से कहा कि प्रतिनिधिमंडल की विस्तृत जानकारी के माध्यम से कोलंबियाई रुख को पलटने में बहुत मदद मिली है।
शशि थरूर( सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता कांग्रेस सांसद) प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ 30 मई, 2025 को कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति सीजर गैविरिया से बोगोटा स्थित उनके आवास पर एक अहम मुलाकात की और अपनी कूटनीतिक सूझबूझ और सक्रियता ने भारत को इस मुद्दे पर विजय दिलवाई।
परंतु अभी, भारत के ऑपरेशन सिंदूर और उससे जुड़े बयान को वापस लेने के सम्बन्ध में कोलंबिया की स्थिति पर नई दिल्ली की ओर से किसी भी प्रकार का आधिकारिक बयान नहीं दिया गया।
भारत द्वारा विश्व के विभिन्न भागों में सात अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल भेजे गए हैं, उसका कारण है कि प्रमुख देशों को सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान निरंतर समर्थन दे रहा तथा भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के कारणों के सम्बन्ध में पूरी जानकारी दी जाय और सभी इस मुद्दे से परिचित हो सकें।