मानवाधिकार और लोकतंत्र के प्रयासों के लिए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। यह नामांकन उनके मानवाधिकार और लोकतंत्र के क्षेत्र में किए गए प्रयासों के लिए किया गया है। यह घोषणा नॉर्वे की राजनीतिक पार्टी पार्टिएट सेंट्रम और पाकिस्तान वर्ल्ड अलायंस (पीडब्ल्यूए) ने संयुक्त रूप से की। इमरान खान, जो अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं, को यह सम्मान उनके देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए उनके योगदान के लिए दिया गया है। इस खबर ने न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में चर्चा का विषय बना दिया है।
पार्टिएट सेंट्रम ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर की थी घोषणा:
उन्होंने नामांकन की घोषणा करते हुए कहा, हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने नामांकन के अधिकार रखने वाले व्यक्ति के साथ मिलकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है। यह नामांकन उनके मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए किए गए कार्यों के लिए है।
यह पहली बार नहीं है, जब इमरान खान को इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। इससे पहले 2019 में भी उन्हें भारत के साथ तनाव कम करने के प्रयासों के लिए नामांकित किया गया था। लेकिन तब उन्होंने खुद को इस पुरस्कार के योग्य नहीं माना था।
वर्ष 2023 से जेल में है इमरान
इमरान खान, जो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक हैं, को अगस्त 2023 से जेल में रखा गया है। उन पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप हैं, जिनके तहत उन्हें जनवरी 2024 में 14 साल की सजा सुनाई गई थी। उनके समर्थकों का कहना है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और मौजूदा सरकार उनके प्रभाव को कम करने के लिए ऐसा कर रही है।उनके समर्थकों ने इस नामांकन को एक बड़ी जीत के रूप में देखा है।
एक समर्थक ने एक्स पर लिखा कि इमरान खान साहब, जिन्होंने अपना जीवन नेक कार्यों के लिए समर्पित किया, को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। उन्होंने आगे लिखा कि यह इमरान खान का मानवता, न्याय और शांति के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान है।
सोशल मीडिया पर हुई आलोचना
हालांकि, इस नामांकन ने सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। कुछ लोगों ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया, वहीं कुछ ने इसकी आलोचना की। एक यूजर ने व्यंग्यात्मक लहजे में यहां तक लिखा कि क्या अगला नामांकन ओसामा बिन लादेन के लिए होगा? यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि इमरान खान का नामांकन कितना विवादास्पद रहा है। उनके आलोचकों का कहना है कि एक ऐसे व्यक्ति को, जो जेल में है और जिस पर गंभीर आरोप हैं, इस तरह के पुरस्कार के लिए नामांकित करना सही नहीं है।
इमरान खान का राजनीतिक सफर हमेशा रहा चर्चा में
इमरान खान का राजनीतिक सफर हमेशा से चर्चा में रहा है। वे 2018 से 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे, लेकिन मई 2022 में संसदीय अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उनकी सरकार गिरा दी गई। इसके बाद से वे और उनकी पार्टी मौजूदा सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से इस्लामाबाद में उनके समर्थकों ने कई बार प्रदर्शन किए, जिसके चलते सुरक्षा बलों के साथ झड़पें भी हुईं।
Nobel Prize: पुरस्कार में नामांकन से पाकिस्तान में आई राजनैतिक अस्थिरता
यह नामांकन ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है। इमरान खान ने जेल से भी अपनी पार्टी को निर्देश देना जारी रखा है और हाल ही में रमजान के बाद बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। उनके समर्थक मानते हैं कि यह नामांकन उनकी लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाएगा और उनकी रिहाई के लिए दबाव बढ़ाएगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इमरान खान को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल पाता है। लेकिन इतना तय है कि इस नामांकन ने एक बार फिर उन्हें वैश्विक सुर्खियों में ला दिया है। उनके समर्थक इसे एक उम्मीद की किरण मान रहे हैं, जबकि आलोचक इसे एक विवादास्पद कदम बता रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज ने तत्वज्ञान से की शांति स्थापना
समाज में शांति की सही स्थापना संत रामपाल जी महाराज ने अपने तत्वज्ञान से की है। संत रामपाल जी महाराज ने ऐसा समाज निर्मित किया है जिसमें न तो लोग नशा कर रहे हैं और न ही भ्रष्टाचार, न तो अपराध हो रहे हैं और न ही कोई नफरत फैला रहा है। सर्वधर्मों में सबसे ऊपर मानवता का धर्म बताने वाले संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने एक निर्मल समाज की नींव रखी है जो सदैव परोपकार और भाईचारे से रहते हैं। किसी भी प्रकार की धार्मिक अथवा भौगोलिक लड़ाई से परे वे मोक्ष और सेवा में स्वयं को समर्पित करते हैं।
यह वास्तविक शांति है जो संत रामपाल जी महाराज ने स्थापित की है जिसने भाग दौड़ भरे जीवन में सुख का रास्ता खोला है। इस दुनिया में जहाँ देखो, वहाँ दुख ही दुख दिखाई देता है। जन्म से लेकर मृत्यु तक इंसान बस भटकता रहता है, लेकिन उसे सच्चा सुख नसीब नहीं होता। इसका कारण यह है कि हमें आध्यात्मिक ज्ञान की कमी है। हम उस सुख को इस संसार में ढूंढ रहे हैं, जो यहाँ है ही नहीं। पूर्ण सतगुरु के प्रवचनों से हमें असली सुख का ज्ञान प्राप्त होता है।
केवल इतना ही नहीं इससे आर्थिक, शारीरिक व मानसिक लाभ भी मिलते हैं। वर्तमान में वह पूर्ण सतगुरु जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं, जो हमें संपूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान से अवगत करा रहे हैं। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, हमारे यूट्यूब चैनल संत रामपाल जी महाराज पर विजिट करें।