केंद्रीय बजट 2025-26: नई दिल्ली, 1 फरवरी 2025 – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। यह बजट भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसमें मध्यम वर्ग को कर राहत, कृषि और MSME को प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचे का विकास और रोजगार सृजन पर खास ध्यान दिया गया है।
केंद्रीय बजट 2025-26 की मुख्य घोषणाएं
✅ ₹12 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं
✅ ₹1 लाख करोड़ का शहरी विकास कोष
✅ ₹10,000 करोड़ का स्टार्टअप फंड
✅ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा ₹5 लाख
✅ ₹15,000 करोड़ का किफायती आवास कोष
✅ 120 नए हवाई अड्डों के लिए संशोधित उड़े देश का आम नागरिक (UDAN) योजना
✅ ₹20,000 करोड़ का न्यूक्लियर एनर्जी मिशन
केंद्रीय बजट 2025-26: आर्थिक स्थिति और वित्तीय लक्ष्य
वित्त मंत्री ने बताया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। सरकार का लक्ष्य वित्तीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) को 4.4% तक लाना है, जो कि पिछले वर्ष 4.8% था।
इसके लिए सरकार ₹14.82 लाख करोड़ की उधारी लेगी, जिसे इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य विकास योजनाओं पर खर्च किया जाएगा।
कर राहत: मध्यम वर्ग को बड़ी सौगात
वित्त मंत्री ने आयकर स्लैब को पूरी तरह बदल दिया है, जिससे आम करदाता को बड़ा फायदा होगा।
आय सीमा (रुपये में) | नया कर दर |
0 – 4 लाख | शून्य (कर मुक्त) |
4 – 8 लाख | 5% |
8 – 12 लाख | 10% |
12 – 16 लाख | 15% |
16 – 20 लाख | 20% |
20 – 24 लाख | 25% |
24 लाख से अधिक | 30% |
अब ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाएं
केंद्रीय बजट 2025-26: किसानों और ग्रामीण विकास के लिए बजट में कई बड़े ऐलान किए गए:
- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – 100 जिलों में कम उत्पादन वाले क्षेत्रों को उन्नत करने के लिए।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ाई गई – ₹3 लाख से ₹5 लाख।
- दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 6-वर्षीय मिशन – अरहर, उड़द और मसूर की पैदावार बढ़ाने पर जोर।
- बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना – मखाना के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए।
- असम में नया यूरिया संयंत्र – आत्मनिर्भर भारत के तहत यूरिया उत्पादन बढ़ाने के लिए।
- फल और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना।
MSME और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को मजबूती देने के लिए:
- MSME को क्रेडिट गारंटी बढ़ाई गई – ₹5 करोड़ से ₹10 करोड़।
- स्टार्टअप्स के लिए ₹10,000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स।
- माइक्रो एंटरप्राइजेज के लिए ₹5 लाख की क्रेडिट कार्ड सुविधा।
- चमड़ा, जूते और खिलौना उद्योग के लिए विशेष योजनाएं।
- बिहार में फूड प्रोसेसिंग संस्थान की स्थापना।
निवेश और आधारभूत संरचना विकास
सरकार ने बड़े निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों की घोषणा की है:
- ₹1.5 लाख करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण राज्यों को मिलेगा।
- 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स सरकारी स्कूलों में।
- आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटें।
- 200 जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र।
- नई परमाणु ऊर्जा योजना – 100 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य।
- ₹25,000 करोड़ का समुद्री विकास कोष।
- 120 नए हवाई अड्डों और 4 करोड़ यात्रियों के लिए UDAN योजना।
- बिहार में नया ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा।
केंद्रीय बजट 2025-26: निर्यात और व्यापार को बढ़ावा
- निर्यात संवर्धन मिशन – MSME को विदेशी बाजारों में सहायता।
- BharatTradeNet (BTN) प्लेटफॉर्म – व्यापार दस्तावेजीकरण और फाइनेंसिंग को आसान बनाने के लिए।
- एयर कार्गो वेयरहाउसिंग अपग्रेड – कृषि और समुद्री उत्पादों के निर्यात में तेजी लाने के लिए।
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष प्रोत्साहन।
Read in English: Indian Union Budget 2025-26: A Roadmap to ‘Viksit Bharat’
महिलाओं और सामाजिक सुरक्षा के लिए योजनाएं
- 5 लाख महिलाओं, SC/ST उद्यमियों को ₹2 करोड़ तक के ऋण।
- सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना – 8 करोड़ बच्चों और 1 करोड़ माताओं को लाभ।
- PM जन आरोग्य योजना के तहत गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य बीमा।
तकनीक और डिजिटल इंडिया
- ₹20,000 करोड़ निजी क्षेत्र-प्रेरित अनुसंधान और नवाचार के लिए।
- शिक्षा में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सेंटर ऑफ एक्सीलेंस – ₹500 करोड़ का निवेश।
- राष्ट्रीय भूस्थानिक मिशन – भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और शहरी नियोजन को आधुनिक बनाने के लिए।
केंद्रीय बजट 2025-26: वित्तीय सुधार और बैंकिंग
- बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सीमा 74% से 100% तक बढ़ाई गई।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा।
- NBFC और MSME के लिए आसान ऋण प्रक्रिया।
- डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया को और सरल बनाया जाएगा।
क्या इस बजट से आम जनता को फायदा होगा?
- टैक्स में राहत से बचत बढ़ेगी।
- किफायती आवास योजनाओं से घर खरीदना आसान होगा।
- नए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
- स्वास्थ्य और शिक्षा में बेहतरी आएगी।
- कृषि और MSME क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि यह बजट भारत को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर ले जाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
बजट क्या है?
केंद्रीय बजट 2025-26: बजट एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज है, जिसे सरकार संसद में प्रस्तुत करती है। इसमें सरकार की आय, व्यय और उधारी का विस्तृत विवरण होता है। यह देश की आर्थिक नीतियों और विकास योजनाओं की दिशा को निर्धारित करता है।
बजट का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
भारत में बजट की शुरुआत
अगर हम बजट के इतिहास की बात करें, तो पहला बजट भारत में नहीं बल्कि ब्रिटिश शासन के दौरान लंदन में 1857 के सैन्य विद्रोह के बाद प्रस्तुत किया गया था। इस बजट को स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश हुकूमत के सामने पेश किया था। यह बजट सैन्य विद्रोह के बाद हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए बनाया गया था और इसके तहत कर प्रणाली (Tax System) को लागू किया गया।
बाद में, 7 अप्रैल 1860 को, जेम्स विल्सन ने ही भारत का पहला बजट ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के तहत पेश किया।
स्वतंत्र भारत का पहला बजट
केंद्रीय बजट 2025-26: स्वतंत्र भारत का पहला अंतरिम बजट 26 नवंबर 1947 को आर.के. शनमुगम चेट्टी ने पेश किया। यह बजट भारत के विभाजन और दंगों के कारण हुए आर्थिक असंतुलन को संबोधित करने के लिए तैयार किया गया था।
आध्यात्मिक और सामाजिक संतुलन
सरकार भले ही आर्थिक नीतियों को मजबूत कर रही हो, लेकिन वास्तविक सुख केवल आर्थिक समृद्धि से नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति से प्राप्त होता है।
संत गरीबदास जी महाराज ने कहा है:
“संत मिलै सुलभ सुख नाहीं, धन जोबन की आस।
भक्ति बिना नर व्यर्थ है, जैसे काठ की घास।।”
👉 आर्थिक विकास आवश्यक है, लेकिन भक्ति और आत्मिक ज्ञान के बिना जीवन अधूरा रहता है।
संतों और ग्रंथों के अनुसार:
🔹 संत कबीर साहेब और संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, सच्चा सुख और मोक्ष केवल आत्मज्ञान और भक्ति से संभव है।
🔹 विज्ञान चाहे जितना भी आगे बढ़ जाए, परमात्मा की शरण ही वास्तविक सुरक्षा देती है।
🔹 कोरोना महामारी में जब विज्ञान असहाय हो गया था, तब अध्यात्म ने लोगों को मानसिक शांति प्रदान की थी।
✅ संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान के अनुसार, आत्मिक ज्ञान से ही मानव कल्याण संभव है।
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केंद्रीय बजट 2025-26 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. केंद्रीय बजट 2025-26 का मुख्य फोकस क्या है?
इस बजट का मुख्य उद्देश्य मध्यम वर्ग को कर राहत, रोजगार सृजन, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, MSME और स्टार्टअप को बढ़ावा, और कृषि क्षेत्र को मजबूत करना है। साथ ही, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को तेज़ी से हासिल करना भी प्राथमिकता है।
2. इस बजट में टैक्स को लेकर क्या बड़ी घोषणाएं की गई हैं?
- ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं।
- नए आयकर स्लैब लागू किए गए:
आय सीमा (रुपये में) | नया कर दर |
₹0-4 लाख | 0% (कर मुक्त) |
₹4-8 लाख | 5% |
₹8-12 लाख | 10% |
₹12-16 लाख | 15% |
₹16-20 लाख | 20% |
₹20-24 लाख | 25% |
₹24 लाख से अधिक | 30% |
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर TDS सीमा ₹50,000 से ₹1,00,000 कर दी गई।
- रेंट पर TDS की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई।
3. किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए क्या बड़े ऐलान किए गए हैं?
- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: 100 जिलों में कम उत्पादन वाले इलाकों को विकसित करने की योजना।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा ₹3 लाख से ₹5 लाख कर दी गई।
- 6-वर्षीय मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेस (दाल उत्पादन बढ़ाने के लिए)।
- फल-सब्जी उत्पादन और बाजार उपलब्धता को बढ़ाने के लिए नई योजना।
- बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना।
- 36 जीवनरक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटा दी गई।
4. MSME और स्टार्टअप के लिए क्या योजनाएं हैं?
- MSME को क्रेडिट गारंटी बढ़ाई गई – ₹5 करोड़ से ₹10 करोड़।
- स्टार्टअप्स के लिए ₹10,000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स।
- MSME के लिए ₹5 लाख तक की क्रेडिट कार्ड सुविधा।
- चमड़ा, जूता और खिलौना उद्योग के लिए विशेष योजनाएं।
- बिहार में फूड प्रोसेसिंग संस्थान की स्थापना।
5. बुनियादी ढांचे और निवेश को लेकर क्या घोषणाएं की गई हैं?
- ₹1 लाख करोड़ का शहरी विकास कोष।
- ₹1.5 लाख करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण राज्यों को मिलेगा।
- 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स सरकारी स्कूलों में।
- 200 जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र।
- ₹20,000 करोड़ का न्यूक्लियर एनर्जी मिशन।
- ₹25,000 करोड़ का समुद्री विकास कोष।
- 120 नए हवाई अड्डों और 4 करोड़ यात्रियों के लिए UDAN योजना।
- बिहार में नया ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा।
6. क्या इस बजट में महिलाओं के लिए कोई खास योजना है?
- 5 लाख महिलाओं, SC/ST उद्यमियों को ₹2 करोड़ तक के ऋण की सुविधा।
- सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना – 8 करोड़ बच्चों और 1 करोड़ माताओं को लाभ।
- महिलाओं के लिए किफायती आवास योजनाओं में प्राथमिकता।
7. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में क्या सुधार किए गए हैं?
- IITs और मेडिकल कॉलेजों में 10,000 नई सीटें।
- 200 नए जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर।
- शिक्षा में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सेंटर ऑफ एक्सीलेंस – ₹500 करोड़ का निवेश।
- सभी सरकारी स्कूलों और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा।
8. डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
- ₹20,000 करोड़ का अनुसंधान और नवाचार कोष।
- भारतनेट योजना के तहत हर सरकारी स्कूल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ब्रॉडबैंड।
- राष्ट्रीय भूस्थानिक मिशन (National Geospatial Mission) शुरू किया जाएगा।
9. वित्तीय क्षेत्र में कौन से बड़े बदलाव किए गए हैं?
- बीमा क्षेत्र में FDI सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई।
- NBFC और MSME के लिए आसान ऋण प्रक्रिया लागू होगी।
- डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया और सरल बनाई जाएगी।
- ₹15,000 करोड़ का SWAMIH फंड 2 – जिससे 1 लाख घरों का निर्माण पूरा होगा।
10. इस बजट का आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- कर में कटौती से आयकरदाता को राहत मिलेगी।
- रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- किफायती आवास योजनाओं से घर खरीदना आसान होगा।
- स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार से नागरिकों की जिंदगी बेहतर होगी।
- MSME और स्टार्टअप को बढ़ावा मिलने से छोटे उद्योगों को फायदा होगा।
11. भारत के निर्यात और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
- निर्यात संवर्धन मिशन (Export Promotion Mission) शुरू किया जाएगा।
- BharatTradeNet (BTN) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा – जिससे व्यापार दस्तावेज़ीकरण और फाइनेंसिंग आसान होगी।
- एयर कार्गो वेयरहाउसिंग अपग्रेड – जिससे कृषि और समुद्री उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा।
12. क्या यह बजट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम है?
बिल्कुल! यह बजट भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ाता है।
- टैक्स राहत से मध्यम वर्ग को बचत का लाभ मिलेगा।
- MSME और स्टार्टअप को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
- इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश से दीर्घकालिक विकास होगा।
- कृषि क्षेत्र में सुधार से किसानों की आय बढ़ेगी।