शनिवार को जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में रहस्यमई बीमारी फैलने के कारण कांटेनमेंट जों घोषित कर दिया गया, इस बीमारी से अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है। अलर्ट के मद्देनजर अधिकारियों ने डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं।
मुख्य बिंदु
• रहस्यमयी बीमारी से 17 की मौत
• 200 से अधिक नमूने लेकर प्रयोगशाला में भेजे गये
• पीड़ितों के सम्पर्क में आये लोगों को किता क्वारंटीन
• डॉक्टरो की छुट्टिया रद्द
• विधायक ने केंद्र सरकार से मांगी एयर एम्बुलेंस की सुविधा
रहस्यमयी बीमारी से 17 की मौत
शनिवार को जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में रहस्यमई बीमारी के कारण 17 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद प्रशासन ने इसे “कांटेनमेंट जोन” घोषित कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई और गांव में सभी प्रकार के सर्वजनिक और निजी समारोहों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रशासन ने गांव की ओर जाने वाले सभी मार्गो पर चौकियां स्थापित की हैं और राशन, पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की हैं ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
200 से अधिक नमूने लेकर प्रयोगशाला में भेजे गये
इस रहस्यमई बीमारी के लक्षणो में बुखार, पसीना आना, उल्टी, निर्जलीकरण और बेहोशी जैसे संकेत शामिल हैं। प्रारंभिक जांचो में यह स्पष्ट हुआ है कि इसका कारण किसी प्रकार का जीवाणु या वायरस नहीं है। हालाँकि विषाक्त पदार्थों के प्रभाव को प्रमुख कारण माना जा रहा है। बीमारी के कारण का पता लगाने के लिए 200 से अधिक नमूने विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजे गये हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की एक टीम मौतों के कारणों की जांच में जुटी हुई है।
राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज GMC को इस स्थिति से निपटने के लिए मजबूत किया गया है। सरकार ने GMC में पांच बाल रोग विशेषज्ञ और पांच एनेस्थिसिया विशेषज्ञों को तैनात किया है। GMC के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि अस्पताल में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उन्नत चिकित्सा सुविधायें और एम्बुलेंस सेवाएँ उपलब्ध हैं। फिलहाल, बदहाल गांव के छह मरीज GMC में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। पिछले डेढ़ महीने में इस बीमारी के चलते तीन परिवारों के 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमे 13 बच्चे भी शामिल है।
पीड़ितों के सम्पर्क में आये लोगों को किया क्वारंटीन
इस बीमारी से ग्रस्त लोगों के संक्रमण में आये 230 से भी अधिक लोगों को क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है। इनमे से कुछ तो पीड़ित के रिश्तेदार भी शामिल है इन लोगो ने पड़ितो को दफनाने, अस्पताल ले जाने जैसे कार्यों में भाग लिया है। रजौरी के नर्सिंग कॉलेज क्वारंटीन सेंटर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि कोइ भी व्यक्ति प्रभावित क्षेत्र में प्रवेश ना करें।
जांच के बाद पीड़ितों के नमूनों में न्यूरोटोक्सिन पाए जाने के बाद पुलिस ने 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। इसके अलावा, केंद्रीय टीम मौतो के वैज्ञानिक कारणों की जांच में जुटी हुई है।
डॉक्टरो की छुट्टिया रद्द
मेडिकल अलर्ट के मद्देनजर डॉक्टरो और पेरामेडिक्स स्टाफ की छुट्टिया रद्द कर दी गई है ताकि चिकित्सा व्यवस्था सुचारु रूप से चल सके। प्रशासन ने लखनऊ स्थित विष विज्ञान प्रयोगशाला से भी रिपोर्ट मंगाई है, जिसमे यह संकेत मिला है कि बीमारी का कारण किसी संक्रमण, वायरस या बेक्टिरिया से सम्बंधित नहीं हैं बल्कि किसी प्रकार का विष है।
विधायक ने केंद्र सरकार से मांगी एयर एम्बुलेंस की सुविधा
स्थानिय विधायक जावेद इक़बाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि मरीजों के लिए एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए ताकि गंभीर मरीजों को तत्काल बेहतर उपचार के लिए एयरलिफ्ट किया जा सके। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी 17 मौतों में तांत्रिका तंत्र पर गंभीर प्रभाव और मस्तिष्क को क्षति पहुंचने के समान लक्षण पाए गये है।
बदहाल गांव में रहस्यमई बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रशासन और चिकित्सा विभाग लगातार प्रयासरत है। इस आपदा से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाये जा रहे है। सरकार और केंद्रीय टीम बीमारी कर कारण का पता लगाने और इसे नियंत्रित करने की दिशा में व्यापक कार्य कर रही है।