मोहम्मद यूनुस ने धार्मिक गुरुओं से मिलकर कर कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले का मामला फिर से सामने आया है. लेकिन वास्तविकता और विदेशी मीडिया में छप रही खबरों में जमीन आसमान की फरक है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर चल रहे हमलों के बीच देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने धार्मिक गुरुओं से मुलाकात की.
उन्होंने धार्मिक गुरुओं से मुलाकात कर देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले की सही जानकारी मांगी। उन्होंने गुरुवार को अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लीडर्स से मुलाकात की और हिंसा की घटनाओं को लेकर किए जा रहे दावों पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि अगर आप लोग हमें इस बात की जानकारी दें कि कहां पर हिंसा हुई और किन लोगों ने यह की है तो हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे
हालांकि, मुहम्मद यूनुस ने किसी विशेष विदेशी मीडिया का जिक्र नहीं किया लेकिन उनके अंतरिम कैबिनेट के कई सहयोगी भारतीय मीडिया के एक वर्ग पर भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाए हैं।
मुख्य बिंदु
- यूनुस ने मांगी सटीक जानकारी
- आपसी दुश्मनी से कुछ हासिल नहीं: मुहम्मद यूनुस
- दोषियों पर त्वरित कारवाई की मांग।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की कड़ी निंदा
- चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से भड़की हिंसा
- तत्वज्ञान से होगा आपसी भाईचारे का निर्माण
मुहम्मद यूनुस ने मांगी जानकारी
यूनुस ने मुस्लिम, हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों के धर्मगुरुओं की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी मीडिया में प्रकाशित हो रही खबरें पढ़ने के बाद मेरे मन में कई सवाल उठने लगे। इन्हीं सवालों के समाधान के लिए मैंने यह बैठक बुलाई है। हम मीडिया में प्रसारित हो रही खबरों की सटीकता और सत्यता की पुष्टि के लिए धर्मगुरुओं का सहयोग चाहते हैं।
इस मीटिंग में ईसाई धर्म के एक मुख्य प्रतिनिधि के तौर पर फादर अल्बर्ट रोसारियो भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि इस्कॉन के मुख्या चिन्मय कृष्ण दास की जमानत पर भी गहनता से विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बेल मिलना तो किसी भी शख्स का आधिकार है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि किसी का भी यह हक है कि वह बेल के लिए अर्जी दायर कर सकते हैं।
हम एक दूसरे के दूसरे के दुश्मन नहीं: मुहम्मद युनूफ
उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों पर हमले की घटना होती है तो इस तरह की घटनाओं की सही जानकारी दे और तुरन्त एक्शन ले और कहा की दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. मुझे लगता है कि बांग्लादेश के ज्यादातर लोग मुझसे सहमत होंगे। आपसी मतभेदों के बावजूद हम एक दूसरे के दुश्मन नहीं हैं.
अपको बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट और उनके बंग्लादेश छोड़कर भारत आने के बाद से वहां हिंसा भड़की हुई है. अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले बढ़ते जा रहे हैं. हिंदू धर्मगुरु चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हालात और खराब हुए हैं।
दोषियों पर हो तुरन्त कार्रवाई
मोहम्मद यूनुस ने कहा कि हमें यह स्पष्ट रूप से बताएं कि सही और सटीक जानकारी कैसे जुटाई जा सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश के हर नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हैं, और यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि कोई भी नागरिक अपने अधिकारों से वंचित न रहे। यूनुस ने कहा कि यदि अल्पसंख्यकों पर कोई हमला हुआ है, तो उसकी जांच तुरंत शुरू की जानी चाहिए। पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए, और जो लोग इस अपराध में संलिप्त हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सख्त सजा दी जानी चाहिए।
अमेरिका ने बांग्लादेश के हालातों पर चिंता जताई
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और लूटपाट की घोर निंदा करते हैं। ट्रंप ने इसे अराजकता की स्थिति बताते हुए चिंता व्यक्त की।
कैसे भड़की हिंसा?
बांग्लादेश के चटगांव में इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे, जहां BNP और जमात के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले में 50 से अधिक हिंदू घायल हो गए।
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय ने हर जिले में शांतिपूर्ण सभाओं का आयोजन किया। हालांकि, इन सभाओं को भी कट्टरपंथी समूहों द्वारा निशाना बनाया गया। चटगांव में इस्लामी चरमपंथी संगठनों ने हिंदू समुदाय के सदस्यों पर हमले कर स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया।
संत रामपाल जी महाराज कर रहे है विश्व में शांति स्थापना
संत रामपाल जी महाराज विश्व में शांति स्थापना के लिए अपने आध्यात्मिक ज्ञान और शिक्षाओं के माध्यम से लोगों को एकजुट कर रहे हैं। उनकी शिक्षाएं जाति, धर्म और वर्ग के भेदभाव को समाप्त कर मानवता, सत्य और सच्ची भक्ति पर आधारित हैं। वे पूरे विश्व में जाति, धर्म की लड़ाई को खत्म करके सभी को आपस में प्रेम से रहने के शिक्षा दे रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि केवल अध्यात्मिकता और सच्चे ज्ञान के माध्यम से ही विश्व में शांति संभव है। वे अपने सत्संगों और पुस्तकों के माध्यम से यह संदेश दे रहे हैं कि सभी धर्म एक समान हैं और सभी मनुष्य परमेश्वर की संतान हैं। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें Sant Rampal Ji Maharaj YouTube channel