IMA Passing Out Parade 2025: भारतीय सेना को 13 दिसंबर 2025 को नया नेतृत्व और नई ऊर्जा प्राप्त हुई, जब देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में भव्य IMA पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक समारोह के माध्यम से भारतीय सेना में 491 नए युवा अधिकारियों को शामिल किया गया, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा और रक्षा का संकल्प लिया।
IMA पासिंग आउट परेड भारतीय सेना की उस गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, जिसमें कठोर प्रशिक्षण, अनुशासन और चरित्र निर्माण के बाद युवा कैडेट्स अधिकारी बनकर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं। इस अवसर पर देशभक्ति, सैन्य गरिमा और अनुशासन का अद्वितीय दृश्य देखने को मिला।
देहरादून: IMA की भव्य पासिंग आउट परेड
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में आयोजित IMA पासिंग आउट परेड ऐतिहासिक चेटवुड भवन के समक्ष संपन्न हुई। इसी स्थल से हर वर्ष भारतीय सेना को अनुशासित और सक्षम अधिकारी मिलते हैं।
इस वर्ष कुल 525 जेंटलमैन कैडेट्स ने “अंतिम पग” लेते हुए अधिकारी बनने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की। इनमें 14 मित्र देशों के 34 विदेशी कैडेट्स भी शामिल थे, जो प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद अपने-अपने देशों की सेनाओं में सेवा देंगे। यह भारत की सैन्य प्रशिक्षण क्षमता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को दर्शाता है।
परेड के दौरान कैडेट्स ने सटीक कदमताल, अनुशासन और सैन्य दक्षता का प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों को गर्व से भर दिया।
सेना प्रमुख ने की परेड की समीक्षा
इस IMA पासिंग आउट परेड की समीक्षा सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने की। बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और युवा अधिकारियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
सेना प्रमुख की उपस्थिति ने समारोह को और अधिक प्रेरणादायक बना दिया। उन्होंने इस अवसर पर यह संदेश दिया कि भारतीय सेना में अधिकारी बनना केवल एक पद प्राप्त करना नहीं, बल्कि यह अनुशासन, त्याग और आजीवन कर्तव्य का मार्ग है।
उन्होंने कहा कि युवा अधिकारियों को सेना की गौरवशाली परंपराओं को बनाए रखते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मान
IMA पासिंग आउट परेड में प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को विशेष सम्मान प्रदान किए गए।
निष्कल द्विवेदी को समग्र उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। इसके साथ ही उन्होंने ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक भी हासिल किया।
बादल यादव ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जबकि कमलजीत सिंह ने तृतीय स्थान हासिल कर कांस्य पदक अपने नाम किया।
ये सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धियाँ नहीं हैं, बल्कि यह दर्शाते हैं कि भारतीय सेना अपने अधिकारियों में योग्यता, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
परंपरा, अनुशासन और ‘अंतिम पग’
IMA पासिंग आउट परेड का सबसे भावनात्मक क्षण तब आया, जब जेंटलमैन कैडेट्स ने “अंतिम पग” लिया। यह वह प्रतीकात्मक कदम होता है, जिसमें कैडेट अपने प्रशिक्षण जीवन को पीछे छोड़कर भारतीय सेना के अधिकारी के रूप में राष्ट्रसेवा के पथ पर आगे बढ़ते हैं।
इस क्षण को देखने के लिए उपस्थित परिवारजनों की आँखों में गर्व, संतोष और भावनाएँ स्पष्ट दिखाई दीं। वर्षों की मेहनत और त्याग का यह परिणाम हर परिवार के लिए अविस्मरणीय बन गया।
सैन्य परंपरा और देशभक्ति का संगम
ऐतिहासिक चेटवुड भवन की पृष्ठभूमि में आयोजित यह IMA पासिंग आउट परेड भारतीय सेना की समृद्ध सैन्य विरासत और परंपराओं का जीवंत उदाहरण बनी। समारोह में देशभक्ति की भावना, सैन्य अनुशासन और गौरव स्पष्ट रूप से झलक रहा था।
यह आयोजन न केवल नए अधिकारियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि यही युवा अधिकारी भविष्य में राष्ट्र की सीमाओं और सम्मान की रक्षा करेंगे।
निष्कर्ष
13 दिसंबर 2025 को आयोजित IMA पासिंग आउट परेड (IMA Passing Out Parade 2025) भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 491 नए अधिकारियों का सेना में शामिल होना भारत की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाता है।
यह समारोह हमें यह भी स्मरण कराता है कि अनुशासन, कर्तव्य और सेवा केवल सैन्य मूल्य नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार और सशक्त राष्ट्र की आधारशिला हैं।
IMA पासिंग आउट परेड केवल एक सैन्य आयोजन नहीं, बल्कि यह उस सतत प्रक्रिया का प्रतीक है, जिसके माध्यम से भारतीय सेना हर पीढ़ी में राष्ट्ररक्षा के लिए सक्षम नेतृत्व तैयार करती है।

