भारत की कृषि में डिजिटल क्रांति जारी है, और 2026 में कृषि-ड्रोन इस बदलाव के केंद्र में हैं। पारंपरिक खेती में जहां अधिक श्रम, समय और लागत लगती है, वहीं ड्रोन तकनीक फसल निगरानी, उर्वरक व कीटनाशक छिड़काव और सूक्ष्म मैपिंग को अत्यंत आसान बना रही है। इस बदलाव को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने महिलाओं के Self-Help Groups (SHGs) को लक्षित Namo Drone Didi कार्यक्रम शुरू किया, जिसके तहत 15,000 SHGs को ड्रोन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है और लगभग ₹1,261 करोड़ का आवंटन किया गया है (सरकारी प्रेस रिलीज अनुसार)।
- पृष्ठभूमि: क्यों ड्रोन ग्रामीण भारत की ज़रूरत बन गए?
- ड्रोन क्यों ज़रूरी?
- 2024–2026 सरकारी पहल: वेरीफाइड अपडेट
- सब्सिडी संरचना
- ड्रोन तकनीक के प्रमुख लाभ और कृषि पर इसका प्रभाव
- 1. लागत में भारी कमी और संसाधन प्रबंधन
- 2. उत्पादन और उपज (Yield) में सुधार
- 3. श्रम और समय की बचत
- 4. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नए रोजगार के अवसर
- प्रशिक्षण, खरीद और आवेदन की प्रक्रिया
- प्रशिक्षण व सर्टिफिकेशन (DGCA मान्यता)
- ड्रोन खरीदें या किराए पर लें?
- आवेदन प्रक्रिया (Drone Subsidy 2026)
- किसान वर्ग के लिए 2025 में हो रहे कल्याणकारी कार्य
- FAQs on Drone Subsidy 2026
इसके साथ ही UP, बिहार, मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों ने 40–60% तक की सब्सिडी वाली अपनी ड्रोन योजनाएँ भी शुरू की हैं।
इस लेख में आप जानेंगे कि 2026 की Drone Subsidy स्कीमें कैसे काम करती हैं, किन किसानों को कितना लाभ मिलेगा, आवेदन की प्रक्रिया क्या है और ड्रोन खेती को कितना अधिक लाभदायक बना सकते हैं – सब कुछ वेरीफाइड फैक्ट्स के आधार पर।
पृष्ठभूमि: क्यों ड्रोन ग्रामीण भारत की ज़रूरत बन गए?
भारत में कृषि कई चुनौतियों से जूझ रही है – श्रम की कमी, बढ़ती लागत, सूखा/बाढ़ जैसी जलवायु समस्याएँ और कीट-रोग का तेज़ फैलाव। ऐसे समय में कृषि-ड्रोन किसानों को सटीक (precision) खेती की ओर ले जाते हैं।
ड्रोन क्यों ज़रूरी?
- ये बड़े खेत को मिनटों में कवर कर लेते हैं।
- स्प्रे की मात्रा नियंत्रित करके 20–40% कीटनाशक बचत संभव (इंडस्ट्री रिपोर्ट्स अनुसार)।
- रोग/कीट पहचान के लिए हाई-रेज़ोल्यूशन मैपिंग।
- श्रम की लागत कम।
- मजदूरों के रसायनों के संपर्क से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम कम होते हैं।
इसीलिए 2024–2026 के बीच कृषि-ड्रोन की मांग भारत में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँची (स्टार्टअप ट्रेंड रिपोर्ट्स के अनुसार)।
2024–2026 सरकारी पहल: वेरीफाइड अपडेट
Namo Drone Didi (केंद्र सरकार)
- मंजूरी: कैबिनेट अफेयर्स कमेटी (2024)
- उद्देश्य: ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन रेंटल सेवा शुरू करने योग्य बनाना
- कवरेज: 15,000 महिला SHGs
- बजट: ₹1,261 करोड़
- लाभ: SHG को ड्रोन, ट्रेनिंग और ऑपरेशन का पूरा सेटअप
इस कार्यक्रम से SHG महिलाएँ किसानों को किराये पर ड्रोन स्प्रे सेवा देंगी, जिससे उन्हें स्थायी आय का स्रोत मिलेगा।
राज्य सरकारों की सब्सिडी (2025–26)
कुछ प्रमुख उदाहरण:
बिहार
2025 में सरकार ने ड्रोन पर 60% तक सब्सिडी की घोषणा की।
राज्य कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू।
उत्तर प्रदेश
- FPOs और CHCs को प्राथमिकता-
- कई जिलों में 40–60% सहायता।
- मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा
- समूह आधारित आवेदन (FPO/SHG) पर उच्च सब्सिडी।
- ड्रोन ऑपरेटर प्रशिक्षण KVKs के माध्यम से।
सब्सिडी संरचना
| लाभार्थी वर्ग | सहायता (न्यूनतम-अधिकतम) | स्रोत/योजना |
| महिला SHG (Drone Didi) | 80% तक (ड्रोन + प्रशिक्षण) | Namo Drone Didi |
| FPO / CHCs | 60% से 80% (यूनिट लागत पर) | SMAM/राज्य कृषि विभाग |
| व्यक्तिगत छोटे किसान | 40% से 50% (अधिकतम सीमा के साथ) | राज्य कृषि पोर्टल |
नोट: वास्तविक सब्सिडी राज्य/जिले के अनुसार भिन्न हो सकती है।
ड्रोन तकनीक के प्रमुख लाभ और कृषि पर इसका प्रभाव
कृषि-वैज्ञानिकों और उद्योग रिपोर्टों के अनुसार, कृषि में ड्रोन को अपनाने से खेती की लागत, उत्पादन और दक्षता में क्रांतिकारी सुधार आ रहे हैं।
1. लागत में भारी कमी और संसाधन प्रबंधन
ड्रोन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वे ‘सटीक कृषि’ (Precision Agriculture) के सिद्धांत पर काम करते हैं। पारंपरिक छिड़काव की तुलना में, ड्रोन केवल उन्हीं स्थानों पर कीटनाशकों या उर्वरकों का छिड़काव करते हैं जहाँ उनकी वास्तव में आवश्यकता होती है। इस सटीक छिड़काव तकनीक के कारण, किसान औसतन 20% से 40% तक कीटनाशकों की बचत कर सकते हैं। इसके अलावा, ड्रोन बहुत कम पानी का उपयोग करते हैं-एक एकड़ में सिर्फ 5 से 10 लीटर-जिससे पानी की 30% से 50% तक बचत होती है। इस दोहरी बचत से खेती की कुल परिचालन लागत (operational cost) में उल्लेखनीय कमी आती है।
2. उत्पादन और उपज (Yield) में सुधार
सटीक और समय पर पोषक तत्वों का छिड़काव सीधे फसल के स्वास्थ्य और उपज को प्रभावित करता है। ड्रोन उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरों का उपयोग करके फसल के स्वास्थ्य, कीटों के हमले, या किसी पोषक तत्व की कमी की प्रारंभिक अवस्था में पहचान कर लेते हैं। सही समय पर (जब समस्या शुरू हो रही हो) हस्तक्षेप करने से फसल को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकता है। उद्योग केस स्टडीज के अनुसार, ड्रोन-आधारित सटीक कृषि पद्धतियों को अपनाने से फसल का उत्पादन (Yield) 10% से 15% तक बढ़ सकता है।
3. श्रम और समय की बचत
पारंपरिक तरीकों से एक एकड़ खेत में छिड़काव करने में 4 से 5 मजदूरों को घंटों लग सकते हैं, लेकिन एक आधुनिक कृषि-ड्रोन प्रति घंटे 10 से 30 एकड़ तक कीटनाशक या उर्वरक का छिड़काव कर सकता है। यह अभूतपूर्व गति किसानों के लिए फसल के महत्वपूर्ण चरणों (जैसे कटाई से ठीक पहले या रोगों का प्रकोप होने पर) में समय की बचत करती है। यह किसानों को बड़े पैमाने पर खेती करने और अपने श्रम का उपयोग अन्य उत्पादक कार्यों में करने की स्वतंत्रता भी प्रदान करता है।
4. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नए रोजगार के अवसर
ड्रोन प्रौद्योगिकी केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए भी नए रास्ते खोल रही है। कृषि-ड्रोन के बढ़ने से ड्रोन-पायलट (जो DGCA से प्रशिक्षित होते हैं), ड्रोन-रेंटल सर्विस ऑपरेटर, और स्थानीय मरम्मत तकनीशियनों की मांग तेज़ी से बढ़ी है। सरकार की Namo Drone Didi योजना विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के लिए ड्रोन-रेंटल सेवा को एक स्थायी आय का स्रोत बनाने पर केंद्रित है, जिससे ग्रामीण रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल रहा है।
प्रशिक्षण, खरीद और आवेदन की प्रक्रिया
ड्रोन तकनीक का उपयोग करने के लिए उचित प्रशिक्षण और ज्ञान अनिवार्य है।
प्रशिक्षण व सर्टिफिकेशन (DGCA मान्यता)
भारत में कृषि-ड्रोन के संचालन के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण अनिवार्य है। किसान या ऑपरेटर विभिन्न KVKs (कृषि विज्ञान केंद्र), FTI (फार्मर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट), और DGCA-अनुमोदित संस्थानों में प्रशिक्षण ले सकते हैं। इस प्रशिक्षण में मुख्य रूप से ड्रोन उड़ान नियम, कृषि-छिड़काव की विशिष्ट तकनीकें, सुरक्षा मानक, बैटरी/मेंटेनेंस और मौसम व फसल के प्रकार पर आधारित स्प्रे प्लानिंग को कवर किया जाता है। Drone Didi योजना के तहत भी महिला SHG सदस्यों को यह संपूर्ण प्रशिक्षण निःशुल्क या अत्यधिक सब्सिडी पर प्रदान किया जाता है।
ड्रोन खरीदें या किराए पर लें?
- किराये पर लेना (सबसे व्यवहारिक विकल्प): छोटे और सीमांत किसानों के लिए, SHGs या FPOs से ड्रोन सेवाओं को प्रति-एकड़ आधार पर किराए पर लेना सबसे अधिक किफायती और व्यवहारिक विकल्प है। इससे किसान को लागत कम आती है और ड्रोन के उच्च मेंटेनेंस और बैटरी की लागत की चिंता नहीं करनी पड़ती।
- खरीद (बड़े किसान/संगठनों के लिए): बड़े किसानों, FPOs या कस्टम हायरिंग सेंटर्स (CHCs) के लिए ड्रोन खरीदना एक अच्छा निवेश हो सकता है। वे इस खरीद पर AIF (कृषि अवसंरचना कोष) या SMAM (सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन) जैसी योजनाओं के तहत लोन और 40% से 60% तक राज्य सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। उचित उपयोग के साथ, ड्रोन की लागत 1 से 2 साल में आसानी से रिकवर की जा सकती है।
आवेदन प्रक्रिया (Drone Subsidy 2026)
ड्रोन सब्सिडी के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है:
- पोर्टल पर जाएँ: सबसे पहले अपने राज्य कृषि विभाग के पोर्टल या SMAM (सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन) पोर्टल पर जाएँ।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज़ों (जैसे आधार कार्ड, किसान प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण और SHG/FPO के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र) को अपलोड करें।
- प्रशिक्षण/सब्सिडी स्लॉट चुनें: आवेदन के बाद, आपको प्रशिक्षण स्लॉट या सब्सिडी वितरण की प्रक्रिया के लिए चुना जाता है।
- वितरण: चयन के बाद, अनुमोदित सब्सिडी राशि पर ड्रोन का वितरण या आपके खाते में राशि का हस्तांतरण शुरू किया जाता है।
किसान वर्ग के लिए 2025 में हो रहे कल्याणकारी कार्य
संत रामपाल जी महाराज ने इस साल उत्तर भारत के कई राज्यों में आई बाढ़ में तबाह हो चुके किसानों की मदद की । मदद भी ऐसी वैसी नहीं, छोटी मोटी नहीं, सरकारी स्तरों से भी कहीं ज्यादा ऊपर, दैवीय स्तर की मदद की गई। जी हां, ये चमत्कार सचमुच हुआ और इसके साक्ष्य SA News Channel पर देखे जा सकते हैं। अब 2026 में भी संत रामपाल जी महाराज का लक्ष्य वही है, सर्व समाज की भलाई। इसी के लिए संत रामपाल जी महाराज तत्पर हैं। आप उनके विचारों को, सत्संग प्रवचनों को उनके यूट्यूब चैनल पर सुन सकते हैं। उनकी पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा निःशुल्क मंगवाने के लिए +91-7496801825 पर अपना पूरा पता भेजे।
FAQs on Drone Subsidy 2026
Q1. 2026 Drone Subsidy में किसे सबसे अधिक लाभ मिलेगा?
महिला SHG, FPOs और छोटे किसानों को 40–80% सब्सिडी और प्रशिक्षण का लाभ मिलता है।
Q2. Namo Drone Didi योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन-रेंटल सेवा संचालित करने में सक्षम बनाना और किसानों को सस्ती ड्रोन सेवाएँ उपलब्ध कराना।
Q3. क्या ड्रोन चलाने के लिए लाइसेंस चाहिए?
DGCA-मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण अनिवार्य है। प्रशिक्षण के बाद प्रमाणपत्र मिलता है।
Q4. क्या छोटे किसान ड्रोन खरीद सकते हैं?
हाँ, लेकिन किराये की सेवा लेना अधिक आर्थिक विकल्प है। खरीद पर 40–60% राज्य सब्सिडी उपलब्ध है।
Q5. आवेदन कहाँ करें?
राज्य कृषि विभाग पोर्टल, SMAM पोर्टल या Drone Didi के आधिकारिक निर्देशों पर आवेदन किया जा सकता है।

