ट्रंप के दावे कि पाकिस्तान ने गुप्त परमाणु परीक्षण किया है, से वैश्विक चिंता बढ़ी। भारत ने कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान के गैर-कानूनी परमाणु इतिहास और AQ खान नेटवर्क की याद दिलाई। MEA ने कहा—भारत शांति चाहता है, लेकिन सतर्क रहेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान से मचा हड़कंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने दावा किया कि पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से परमाणु परीक्षण किया हैं, जिसके बाद विश्व समुदाय में सवाल उठने लगे कि क्या दक्षिण एशिया में फिर से परमाणु तनाव बढ़ने वाला है?
भारत ने इस मामले पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और ट्रंप के दावे को गंभीरता से लेते हुए पाकिस्तान के परमाणु रिकॉर्ड की सच्चाई सामने रखी।
भारत का जवाब: “पाकिस्तान का इतिहास गैर-कानूनी गतिविधियों से भरा”
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा
चुपके से और गैर-कानूनी न्यूक्लियर एक्टिविटीज पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रही हैं। दशकों से वह स्मगलिंग, एक्सपोर्ट कंट्रोल के उल्लंघन और सीक्रेट पार्टनरशिप के लिए जाना जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत बार-बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को AQ खान नेटवर्क जैसी अवैध गतिविधियों की याद दिलाता रहा है, जिसके जरिए पाकिस्तान ने परमाणु तकनीक का अवैध प्रसार किया था।
ट्रंप के बयान को लेकर भारत की सतर्कता
MEA ने कहा कि ट्रंप के बयान पर भारत ने ध्यान दिया है, लेकिन जब तक कोई आधिकारिक या वैज्ञानिक पुष्टि नहीं होती, भारत केवल “सावधानीपूर्वक अवलोकन” की नीति अपनाएगा।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय अविश्वास
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान की परमाणु गतिविधियाँ हमेशा से संदेह के घेरे में रही हैं। 1990 के दशक में अमेरिका ने भी पाकिस्तान पर परमाणु प्रसार रोकथाम कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। AQ खान नेटवर्क के खुलासे के बाद, कई देशों ने पाकिस्तान पर निगरानी बढ़ा दी थी।
भारत का कहना है कि ट्रंप के बयान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान पर भरोसा करना अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
अफगानिस्तान पर भारत की रणनीतिक नीति
उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता जायसवाल ने अफगानिस्तान को लेकर भी बयान दिया।
उन्होंने बताया कि हाल ही में अफगान विदेश मंत्री की भारत यात्रा के बाद डेवलपमेंट कोऑपरेशन और द्विपक्षीय वार्ता को लेकर बातचीत आगे बढ़ी है।
भारत ने अपने काबुल टेक्निकल मिशन को अपग्रेड कर दिया है और जल्द ही इसे पूर्ण दूतावास का दर्जा देने पर विचार किया जा रहा है।
ट्रंप की टिप्पणी ने बढ़ाया वैश्विक तनाव
ट्रंप के इस बयान से पहले ही अमेरिका और पाकिस्तान के बीच कई बार सुरक्षा मामलों को लेकर मतभेद रहे हैं।
अब जब उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने फिर से परमाणु परीक्षण किया है, तो इससे न सिर्फ दक्षिण एशिया बल्कि पूरे विश्व में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियां और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी संस्थाएं इस पर रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।
भारत का रुख: शांति, लेकिन सतर्कता के साथ
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी देश के खिलाफ युद्ध या संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन सुरक्षा और संप्रभुता से समझौता भी नहीं करेगा।
MEA ने कहा कि पाकिस्तान की परमाणु गतिविधियों पर निगरानी रखना और विश्व समुदाय को सच्चाई बताना भारत की जिम्मेदारी है।
भारत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के साथ आगे बढ़ते हुए “शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा उपयोग” का समर्थन करता रहेगा।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के दावे ने एक बार फिर दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
हालांकि, भारत ने संतुलित लेकिन सख्त प्रतिक्रिया देकर यह साफ संदेश दिया है कि वह अवैध परमाणु गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है।
MEA की टिप्पणी ने न केवल पाकिस्तान की साख पर सवाल उठाया है, बल्कि दुनिया को यह भी याद दिलाया है कि परमाणु शक्ति के साथ जिम्मेदारी और पारदर्शिता भी उतनी ही ज़रूरी है।

